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डिजिटल अरेस्ट का शिकार हुई बुजुर्ग महिला, बैंक मैनजेर की वजह से बच गए 33 लाख रुपये

अहमदाबाद में साइबर ठगों द्वारा 'डिजिटल अरेस्ट' कर एक बुजुर्ग महिला से 33.35 लाख रुपये ठगने की कोशिश नाकाम हो गई. बैंक ऑफ बड़ौदा के मैनेजर की सतर्कता और साइबर क्राइम ब्रांच की त्वरित कार्रवाई से महिला को समय रहते रेस्क्यू कर लिया गया. ठगों ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर महिला को डराया था.

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बच गए महिला के पैसे (Photo: Screengrab)
बच गए महिला के पैसे (Photo: Screengrab)

अहमदाबाद में साइबर ठगों द्वारा 'डिजिटल अरेस्ट' के जरिए एक बुजुर्ग महिला से 33.35 लाख रुपये की ठगी की कोशिश का मामला सामने आया है. समय रहते बैंक मैनेजर और स्टाफ की सतर्कता और साइबर क्राइम ब्रांच की कार्रवाई से महिला को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया और बड़ी आर्थिक ठगी होने से बचा लिया गया.

डिजिटल अरेस्ट के जरिए ठगी की कोशिश

यह मामला अहमदाबाद के मणिनगर क्षेत्र का है, जहां 10 दिसंबर को एक बुजुर्ग महिला बैंक ऑफ बड़ौदा की स्थानीय शाखा में अपनी सभी फिक्स्ड डिपॉजिट तुड़वाकर आरटीजीएस के माध्यम से 33.35 लाख रुपये ट्रांसफर कराने पहुंची थी. महिला घबराई हुई थी और बैंक के भीतर भी उसका व्हाट्सएप वीडियो कॉल लगातार चालू था. महिला के हावभाव और असामान्य जल्दबाजी को देखकर बैंक मैनेजर अभिषेक सिंह और स्टाफ को शक हुआ.

बैंक मैनेजर अभिषेक सिंह, अधिकारी राज परमार और प्रिस्का चौधरी ने तुरंत अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच को सूचना दी. सूचना मिलते ही साइबर क्राइम की टीम बैंक पहुंची और महिला से बातचीत शुरू की. जांच में पता चला कि महिला को साइबर ठगों ने 'डिजिटल अरेस्ट' कर रखा था.

ठग ने खुद को बताया था पुलिस अफसर

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साइबर क्राइम अधिकारियों को महिला के फोन में फर्जी दस्तावेज, व्हाट्सएप चैट और कॉल मिले. महिला ने बताया कि 5 दिसंबर को उन्हें एक अज्ञात व्यक्ति का व्हाट्सएप कॉल आया था, जिसने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया. ठग ने कहा कि महिला के आधार कार्ड से केनरा बैंक में एक फर्जी खाता खोला गया है, जिसका इस्तेमाल जेट एयरवेज के नरेश गोयल से जुड़े घोटाले में हुआ है.

बैंक मैनेजर की वजह से बच गए पैसे

डर का माहौल बनाकर ठगों ने महिला की बैंक डिटेल, एफडी और एलआईसी पॉलिसी की जानकारी हासिल कर ली और जांच के नाम पर 33.35 लाख रुपये आईसीआईसीआई बैंक औरंगाबाद ब्रांच के एक खाते में आरटीजीएस से ट्रांसफर करने का दबाव बनाया.

साइबर क्राइम ब्रांच के पीएसआई ईश्वर पटेल के अनुसार, बुजुर्ग महिला ठगों की बातों पर पूरी तरह यकीन कर चुकी थी और बैंक-पुलिस की बात मानने को तैयार नहीं थी. करीब तीन घंटे की काउंसलिंग के बाद महिला को समझाया जा सका कि वह साइबर ठगी का शिकार हो रही है. फिर महिला को सच्चाई का एहसास हुआ और उनकी मेहनत की कमाई सुरक्षित बचा ली गई.
 

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