पिछले कुछ सालों में दिल्ली के लिए प्रदूषण एक बड़ी समस्या बनकर उभरी है. ऐसे में दिल्ली सरकार लगातार इसपर नियंत्रण का प्रयास करती रही है. इस बार दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने बड़ा फैसला लिया है. जिसके तहत अगले छह महीने में सभी सरकारी गाड़ियों को इलेक्ट्रिक वाहन में बदल दिया जाएगा. फिलहाल पेट्रोल, डीजल और सीएनजी पर आधारित गाड़ियां चलती हैं. जिसे इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी के तहत बदला जाएगा.
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आदेश की कॉपी ट्वीट करते हुए लिखा है कि दिल्ली भारत ही नहीं विश्व का पहला राज्य है जहां सभी सरकारी वाहनों को इलेक्ट्रीक वाहनों में बदलने का आदेश दिया गया है. मात्र छह महीने में सारी पुरानी गाड़ियां बदल दी जाएंगी. यह ऐतिहासिक फैसला है, जो मुख्यमंत्री की दूरदर्शी सोच का नतीजा है.
उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का सपना दिल्ली को 'इलेक्ट्रिक वाहन राजधानी' बनाना है. इस दिशा में केजरीवाल सरकार ने आज ऐतिहासिक कदम उठाया है. दिल्ली अब भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया का पहला ऐसा प्रदेश है, जहां सभी सरकारी विभागों को सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग का निर्देश दिया गया है."
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उम्मीद जताई कि दिल्ली सरकार के इस कदम से प्रेरणा लेकर देश और दुनिया के अन्य शहरों में भी प्रदूषण से लड़ाई को प्राथमिक एजेंडा बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि आज जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण से जुड़ी चुनौतियों को काफी गंभीरता से लेना जरूरी है. अन्य मामलों की तरह इस मामले में भी दिल्ली सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है.
वहीं मुख्यमंत्री केजरीवाल ने इस ट्वीट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा है. लंबे समय से प्रदूषण का सामना कर रहे दिल्लीवासियों को राहत मिलने जा रही है. दिल्ली सबसे तेज मॉडर्न सिटी के रूप में उभर रहा है. सभी भारतीयों को दिल्ली पर गर्व होगा.
दिल्ली सरकार के वित्त विभाग के पॉलिसी डिवीजन द्वारा आज जारी आदेश के अनुसार ऐसे इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद तथा किराया अथवा लीज पर लेने के लिए जेम पोर्टल अथवा भारत सरकार के उर्जा विभाग के अंतर्गत पीएसयू ईईएसएल का उपयोग किया जाएगा. इलेक्ट्रिक वाहनों को विभागों की सुविधानुसार ड्राई लीज अथवा वेट लीज पर लेने का प्रावधान रखा गया है. प्रथम बार ऐसे वाहन लेने से पहले वित्त विभाग की अनुमति लेना अनिवार्य होगा. मौजूदा अनुबंध के विस्तार हेतु ऐसी अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी.
वित्त विभाग से अनुमति प्राप्त वर्तमान आईसी इंजन वाहनों के बदले उतनी संख्या में नए इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए भी अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी.
उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने उम्मीद जताई है कि दिल्ली सरकार के सभी विभागों, स्वायत्त संस्थाओं तथा अनुदान प्राप्त संस्थाओं में मौजूदा किराया आधारित पेट्रोल, डीजल, सीएनजी से चालित सभी वाहनों के बदले इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग जल्द प्रारंभ होने से दिल्ली के पर्यावरण को बेहतर करने में मदद मिलेगी.
उन्होंने बताया कि इसे सुनिश्चित करने के लिए परिवहन विभाग को नोडल एजेंसी बनाया गया है. परिवहन विभाग द्वारा सभी विभागों में वाहनों के क्रय अथवा किराया या लीज पर लेने संबंधी एग्रीमेंट का प्रारूप तैयार किया जा रहा है.
उपमुख्यमंत्री ने दिल्ली सरकार के सभी विभागों, स्वायत्त संस्थाओं तथा अनुदान प्राप्त संस्थाओं को इस दिशा में उठाए गए कदमों के संबंध में हर महीने की पांच तारीख तक परिवहन विभाग को पूरी सूचना भेजने का निर्देश दिया है.
उन्होंने कहा है कि दिल्ली के नागरिकों ने पर्यावरण से लड़ाई में हमेशा अग्रणी भूमिका निभाई है तथा यह कदम एक बार फिर इस संकल्प को मजबूत करेगा. दिल्ली में प्रदूषण की समस्या से लड़ने और एक बेहतर शहर बनाने के लिए दिल्ली सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है.
इसी क्रम में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आठ सप्ताह के 'स्विच दिल्ली' कैंपेन की शुरुआत की. इस अभियान का उद्देश्य दिल्ली के प्रत्येक व्यक्ति को प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों से इलेक्ट्रिक वाहनों पर स्विच करने के लिए सूचित करना, प्रोत्साहित करना और प्रेरित करना है.
अभियान के पहले दो हफ्तों में दुपहिया और तिपहिया वाहन मालिकों को ई-वाहन में स्विच करने के लिए प्रेरित किया गया. तीसरे सप्ताह में चार-पहिया वाहन मालिकों को ई-वाहन अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. गौरतलब है कि दिल्ली में अगस्त 2020 से अबतक लगभग 6000 ई-वाहनों की बिक्री हो चुकी है.