केन्द्र सरकार ने इंडियन एडमिंस्ट्रेशन सर्विस के बैच 1988 के अफसर बीएल अग्रवाल और 1986 बैच के अजय पाल सिंह को कम्पलसरी रिटायरमेंट दे दिया है. हाल ही में बीएल अग्रवाल के यहां CBI ने छापा मारा था. CBI ने एक मामले के निपटारे के लिए उसके ही एक अफसर को घूस देने की पेशकश के मामले में बीएल अग्रवाल के करीबी रिश्तेदार से लाखों की रकम भी बरामद की थी. करीब तीन माह तक जेल की हवा खाने के बाद बीएल अग्रवाल को हाल ही में दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने जमानत पर रिहा किया.
आईएएस अधिकारी बीएल अग्रवाल प्रिंसिपल सेक्रेट्री के पद पर थे. वे हायर एजुकेशन, स्वास्थ्य, एग्रीकल्चर सहित कई और विभागों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. CBI ने जिस वक्त उन पर शिकंजा कसा था उस दौरान वे राजस्व और हायर एजुकेशन विभाग में बतौर प्रिंसिपल सेक्रेट्री तैनात थे.
दूसरे सीनियर आईएएस अधिकारी अजय पाल सिंह खराब एसीआर के चलते सेवा से बाहर किए गए. वे भी टूरिज्म, कृषि उत्पादन और सामान्य प्रशासन जैसे विभागों में प्रिंसिपल सेक्रेट्री पद पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं. वे बस्तर में अपनी महिला मित्र के साथ आपत्तिजनक स्थिति में पकड़े गए थे. अपनी पत्नी के साथ मारपीट और घरेलू हिंसा को लेकर होने वाली शिकायतों को लेकर भी वे सुर्खियों में थे. हालांकि, इन दोनों ही अफसरों ने उनके कम्पलसरी रिटायरमेंट के फैसले को अदालत में चुनौती देने का ऐलान किया है.
कार्मिक मंत्रालय की ओर से दोनों अफसरों को सर्विस रिव्यू कमेटी की सिफारिशों के आधार पर अनिवार्य सेवानिवृति दी गई है. इसमें पूवर परफॉर्मेंस और बैड सर्विस रिकॉर्ड को आधार बनाया गया है. हाल ही में देश के जिन आठ आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को कम्पलसरी रिटायरमेंट दिया गया है उनमें से अकेले पांच छत्तीसगढ़ के हैं. इनमे तीन आई.पी.एस. और दो आई.ए.एस. शामिल हैं.