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छत्तीसगढ़ में दो IPS अफसरों पर गिरी गाज

छत्तीसगढ़ कैडर के अफसरों की CR रिव्यू के दौरान दोनों के मामले गंभीर पाए गए. के.सी अग्रवाल 2006 में जब सूरजपुर जिले के एसपी थे तब उन पर कोयला चोरों की अच्छी खासी पकड़ थी.

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दो IPS अफसरों पर गिरी गाज
दो IPS अफसरों पर गिरी गाज

छत्तीसगढ़ में दो आईपीएस अधिकारियों पर कम्पलसरी रिटारयमेंट की गाज गिरी है. दोनों ही अधिकारी पुलिस मुख्यालय में तैनात हैं. जिन दो अधिकारियों पर गाज गिरी है, उनमें एक एम.एम जोरि 2000 बैच के आईपीएस हैं. जबकि दूसरे के.सी अग्रवार सन् 2002 बैच के आईपीएस हैं.

एम.एम जोरि पर अपनी पहली पत्नी को बगैर तलाक दिए दूसरी पत्नी रखने का आरोप साबित हुआ है. वहीं के.सी अग्रवाल पर सरगुजा डिवीजन में तैनात रहते हुए कोयला माफियाओं को संरक्षण देने का आरोप था. दोनों ही अफसरों के खिलाफ डिपार्टमेंटल जांच की गई थी, जिसमें वो दोषी पाए गए.

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आईएएस और आईपीएस अफसरों की गोपनीय चरित्रावली (CR) का परिक्षण कराया था. इसके तहत छत्तीसगढ़ कैडर के अफसरों की CR रिव्यू के दौरान दोनों के मामले गंभीर पाए गए. आईपीएस अधिकारी के.सी अग्रवाल 2006 में जब सूरजपुर जिले के एसपी थे तब उन पर कोयला चोरों की अच्छी खासी पकड़ थी. उनके कार्यकाल में कोयला चोरी का कारोबार खूब फला फूला. मामले की जांच के बाद कोल माफियाओं से उनके संबंध पाए गए.

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वहीं एमएम जोरि अपनी विवाहिता पत्नी और बच्चों को छोड़कर दूसरी पत्नी के साथ रहने लगे थे. इसकी जांच बिलासपुर रेंज के तत्कालीन आईजी डी.एस. राजपाल ने की थी. दोनों का मामला 2008 से लंबित था. लेकिन छत्तीसगढ़ पुलिस मुख्यालय ने कोई एक्शन नहीं लिया.

जिसके बाद आखिरकर केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय ने संज्ञान लेते हुए दोनों ही अफसरों को कम्पलसरी रिटायरमेंट दे दिया. हालांकि अभी दोनों अफसरों को आदेश नहीं मिले हैं. इसके पहले कार्मिक मंत्रालय ने 1992 बैच के एक और आईपीएस अफसर और पुलिस मुख्यालय में तैनाच आईजी राजकुमार देवांगन को कम्पलसरी रिटायरमेंट दिया था.

 

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