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फैक्ट चेक: कांग्रेस राज में तेलंगाना में लगे राम मंदिर के खिलाफ नारे? नहीं, वायरल वीडियो 2019 का है

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल किया जा रहा है. इसमें दावा किया गया है कि तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद 'राम मंदिर तोड़ेंगे' के नारे लगाए गए हैं. इन्हीं दावों के साथ शेयर कर कांग्रेस पार्टी को निशाना बनाया जा रहा है, लेकिन इस वीडियो की हकीकत कुछ और ही है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
वीडियो में दिखता है कि कांग्रेस शासित राज्य तेलंगाना में लगे “राम मंदिर तोड़ेंगे” के नारे.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
वायरल वीडियो 2019 का है, जब तेलंगाना में कांग्रेस की नहीं बल्कि टीआरएस की सरकार थी.

क्या तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद “राम मंदिर तोड़ेंगे” के नारे लगाए गए हैं? सोशल मीडिया पर एक वीडियो इन्हीं दावों के साथ शेयर कर कांग्रेस पार्टी को निशाना बनाया जा रहा है. वीडियो में दिखता है कि कई मुस्लिम महिलाएं एक जगह बैठकर “बाबरी मस्जिद लेके रहेंगे” और “राम मंदिर तोड़ेंगे” की नारेबाजी कर रही हैं.

इस वीडियो को एक्स पर शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, “वीडियो कांग्रेस शासित तेलंगाना का बताया जा रहा है। 'तोड़ेंगे-तोड़ेंगे राम मंदिर तोड़ेंगे' इन्हीं कट्टरपंथी को खुश करने के लिये कांग्रेस का कोई नेता अयोध्या नहीं गया? कांग्रेस ने इन्हें छूट क्यों दी है, कार्यवाही क्यों नहीं?”

इस वीडियो को इन्हीं दावों के साथ फेसबुक पर भी शेयर किया गया है. फेसबुक पोस्ट का आर्काइव्ड लिंक यहां देखा जा सकता है. ‘आजतक फैक्ट चेक' ने पाया कि तेलंगाना का ये वीडियो 2019 का है, जब राज्य में कांग्रेस की नहीं बल्कि टीआरएस की सरकार थी.

कैसे पता लगाई सच्चाई?

वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर हमें इस वीडियो का बड़ा वर्जन मिला, जिसे 14 नवंबर 2019 को “21 News” नाम के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया था. वायरल वीडियो में भी इस चैनल के नाम को देखा जा सकता है. इस वीडियो में भी वायरल वीडियो वाले नारे “बाबरी मस्जिद ले के रहेंगे” और “राम मंदिर तोड़ेंगे” सुने जा सकते हैं. इस वीडियो में नारेबाजी करने वाली महिलाओं की प्रेस वार्ता को भी सुना जा सकता है.

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इससे ये बात तो यहीं साफ हो गई कि वायरल वीडियो अभी का नहीं बल्कि 2019 का है. साल 2019 में तेलंगाना में कांग्रेस की नहीं बल्कि तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) की सरकार थी. बता दें कि तेलंगाना में 3 दिसंबर 2023  को कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा चुनाव जीता था जिसके बाद रेवंत रेड्डी को मुख्यमंत्री बनाया गया.

“राम मंदिर तोड़ेंगे” नारे की सच्चाई

“21 News” के 2019 में अपलोड किये गए वीडियो में बताया गया है कि ये घटना तेलंगाना के सईदाबाद की है. कीवर्ड सर्च करने पर हमें इंडिया टुडे की ये रिपोर्ट मिली जिसके मुताबिक ये घटना 14 नवंबर 2019 को उजालेशा ईदगाह में हुई थी. यहां कई महिलायें बाबरी मस्जिद-राम मंदिर विवाद पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध करने के लिए इकट्ठा हुई थीं. इसी प्रदर्शन के दौरान “बाबरी मस्जिद ले के रहेंगे” और “राम मंदिर तोड़ेंगे” जैसे नारे लगाए गए थे. ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर 2019 को फैसला सुनाते हुए अयोध्या की विवादित भूमि पर राम मंदिर बनाने का निर्देश दिया था.

सईदाबाद में विरोध प्रदर्शन करने के लिए दो महिलाओं पर 124ए (राजद्रोह), 153ए (शत्रुता को बढ़ावा देना) सहित कुल 9 धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था. साफ है कि तेलंगाना में राम मंदिर के खिलाफ नारेबाजी 2019 में हुई थी, जब कांग्रेस की नहीं बल्कि टीआरएस की सरकार थी. पांच साल पुराने वीडियो को शेयर कर कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा जा रहा है.

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(इनपुट : आशीष कुमार)
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