
कांग्रेस नेता राहुल गांधी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल है. इसमें वो ये कहते दिखते हैं कि सत्याग्रह का मतलब है- 'सत्ता के रास्ते को कभी मत छोड़ो'.
इस वीडियो को पोस्ट करते हुए लोग राहुल पर तंज कस रहे हैं और कह रहे हैं कि उन्होंने सत्ता के मोह में महात्मा गांधी के सत्याग्रह आंदोलन का अर्थ ही बदल दिया.
बीजेपी छत्तीसगढ़ के महासचिव ओ पी चौधरी ने ये वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "धिक्कार है शहजादे को. मैंने भी IAS की परीक्षा में फिलोसाफी सब्जेक्ट लिया था और थोड़ा-बहुत गांधीवाद पढ़ा था. लेकिन शहजादे का यह कौन सा गांधीवाद है? यह सत्याग्रह की यह कौन सी परिभाषा है जो कहती है कि सत्ता के रास्ते को कभी मत छोड़ो."
वहीं छत्तीसगढ़ के पूर्व गृह मंत्री और बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने राहुल पर निशाना साधते हुए लिखा, "महात्मा गांधी के नाम से, सत्याग्रह की नई परिभाषा गढ़ @RahulGandhi ने उनके विचारों को तिलांजली दे दी है."
इसी तरह, बीजेपी हिमाचल प्रदेश के फेसबुक पेज से भी ये वीडियो शेयर किया गया. ऐसे कुछ पोस्ट्स का आर्काइव्ड वर्जन यहां और यहां देखा जा सकता है.

इंडिया टुडे फैक्ट चेक ने पाया कि वायरल वीडियो राहुल गांधी के भाषण का एक छोटा-सा हिस्सा है जिससे पूरी बात स्पष्ट नहीं हो रही. ये बात सच है कि 'सत्याग्रह' का मतलब बताते समय राहुल की जुबान फिसल गई थी. लेकिन उन्होंने तुरंत ही अपनी गलती सुधार ली थी. पर, वायरल वीडियो में से गलती सुधारने वाला हिस्सा हटा दिया गया है.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर हमें 'द टाइम्स ऑफ इंडिया' के यूट्यूब चैनल पर मौजूद एक वीडियो मिला. इसमें दिखाई दे रहा बैकग्राउंड और फूलों की सजावट वायरल वीडियो से मेल खा रहे हैं.
दरअसल ये कांग्रेस के 85वें महाअधिवेशन का वीडियो है जो 24 से 26 फरवरी के बीच छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित हुआ था. राहुल गांधी ने इस कार्यक्रम के तीसरे दिन, यानि 26 फरवरी को भाषण दिया था. ये वीडियो उसी भाषण का एक छोटा-सा हिस्सा है.
हमें कांग्रेस के यूट्यूब चैनल पर राहुल के इस भाषण का पूरा वीडियो मिला. इस वीडियो में राहुल करीब 35 मिनट पर महात्मा गांधी के बताए 'सत्याग्रह' के मार्ग पर चलने की बात करते हैं. एक जगह वो कहते हैं, "सत्याग्रह का मतलब, सत्ता के रास्ते को कभी मत छोड़ो". हालांकि, इसके तुरंत बाद ही वो अपनी गलती सुधार लेते हैं और कहते हैं, "सॉरी, सत्य के रास्ते को कभी मत छोड़ो".
असली वीडियो देखकर समझा जा सकता है कि राहुल के गलती सुधारने वाले वाक्य को जानबूझकर हटा दिया गया है.
इस मौके पर राहुल ने बीजेपी और आरएसएस के ऊपर निशाना साधते हुए उन्हें 'सत्ता-ग्राही' बुलाया और कहा- 'ये लोग सत्ता के लिए कुछ भी कर लेंगे'. उनका ये बयान इस भाषण के बारे में छपी कई न्यूज रिपोर्ट्स में भी मौजूद है.
गांधीजी को कहां से आया 'सत्याग्रह' शब्द का आइडिया?
महात्मा गांधी ने अपनी आत्मकथा "माई एक्सप्रेरिमेंट्स विद ट्रुथ" में बताया है कि भारतवासियों के संघर्ष को एक नाम देने के लिए उन्होंने अपने अखबार "इंडियन ओपिनियन" के जरिये आम लोगों से सुझाव मांगा था. ऐसा करने पर मगनलाल गांधी नाम के व्यक्ति ने 'सद्गग्रह' शब्द का सुझाव दिया. इसमें 'सद्ग' का मतलब सच और 'आग्रह' का मतलब दृढ़ता था. इसे और सरल बनाने के लिए गांधीजी ने इसे 'सत्याग्रह' कर दिया था.
(रिपोर्ट: संजना सक्सेना)