क्या न्यूयॉर्क टाइम्स ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वजह से दुनिया के किसी भी देश को भारत से उलझने से पहले दो बार सोचना होगा? क्या बीबीसी ने ये कहा है कि भारत इजराइल की राह पर है, अगर कोई भी देश भारत की तरफ आंख उठा कर देखेगा, तो ये मौत को दावत देना होगा?
दरअसल, सोशल मीडिया पर कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि इन जाने-माने विदेशी मीडिया संस्थानों ने ऐसा ही लिखा है. इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि हाल फिलहाल में कोरोना वायरस से लेकर चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद पर कई खबर इन दोनों अखबारों ने छापे हैं लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के बारे में ऐसा कुछ नहीं लिखा गया है जैसा की दावा किया जा रहा है.
फेसबुक यूज़र ‘रूपेश वर्मा’ ने एक फोटो पोस्ट करते हुए लिखा, “विश्व में कांग्रेस कालीन कमजोर भारत को शक्तिशाली भारत में बदलने पर आजाद भारत के यशस्वी और लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार !! भारत आज शक्तिशाली हो चुका है , यह बात भाजपा , राष्ट्रवादी नहीं कह रहे है बल्कि स्वंम वामपंथी समाचार पत्र # न्यूयॉर्क टाइम्स और बीबीसी कह रहा है.”
इसके पोस्ट के साथ इस्तेमाल की गई तस्वीर में लिखा है,“जिस हिसाब से नरेंद्र मोदी काम कर रहे हैं, विश्व की किसी भी ताकत को भारत से उलझने से पहले दो बार सोचना पड़ेगा.!” (न्यूयार्क टाइम्स). “ठीक इसराइल की राह पर बढ़ रहा है भारत. एक ऐसा भारत जिसकी तरफ आँख उठाना, मौत को दावत देने जैसा है.!” (BBC).
इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्ज़न यहां देखा जा सकता है. पड़ताल के लिए हमने इंटरनेट पर कुछ कीवर्ड्स के सहारे इन मीडिया संस्थानों की वेबसाइट को खंगाला. पिछले तीन महीने में न्यू यॉर्क टाइम्स में भारत से जुड़ी कई अहम खबरें हैं, चाहे वह भारत-चीन विवाद हो या फिर कोरोना से जुड़ी खबरें. लेकिन ऐसी कोई भी खबर नहीं दिखी, जैसा कि वायरल पोस्ट में दावा किया गया है.
बीबीसी की वेबसाइट हिंदी और अंग्रेज़ी दोनों में है. दोनों ही वेबसाइट पर भारत से जुड़ी कई खबरें देखी जा सकती हैं. यहां भी इजराइल के अपने पड़ोसी देशों के साथ चल रहे विवाद पर खबरें हैं तो भारत के सीमा विवाद से जुड़ी खबरें भी हैं. लेकिन ऐसी कोई खबर न हमें हिंदी में, न ही अंग्रेज़ी में दिखी, जिसमें लिखा गया हो कि “भारत इसराइल की राह पर बढ़ रहा है”.
इसलिए, दोनों विदेशी संस्थानों की वेबसाइट खंगालने के बाद, निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि किसी भी मीडिया संस्थान ने भारत या प्रधानमंत्री के बारे में ऐसे दावे नहीं किए हैं.