सलमान खान द्वारा हथियारों के खो जाने को लेकर दिए गए झूठे हलफनामे के मामले में गुरुवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने अपने फैसले में राज्य सरकार द्वारा दायर की गई दोनों अपीलों को खारिज कर दिया है. मालूम हो कि आर्म्स एक्ट के मामले में हथियार लाइसेंस को लेकर झूठा हलफनामा देने के खिलाफ राज्य सरकार ने अपील दायर की थी.
मिल सकती थी 7 साल की सजा
यदि कोर्ट द्वारा सलमान इस मामले में दोषी पाए जाते तो उन पर आईपीसी (इंडियन पीनल कोड) की धारा-193 के तहत मुकदमा दर्ज किया जा सकता था जिसमें अधिकतम 7 साल तक की जेल और जुर्माने का प्रावधान है. बता दें कि काला हिरण शिकार मामले और आर्म्स एक्ट मामले में कोर्ट ने सलमान से उनके हथियारों की मूल प्रति मांगी थी जिसपर सलमान खान ने असमर्थता जताई थी.
दबंग खान ने कोर्ट में एक हलफनामा पेश करते हुए कहा था कि उनका लाइसेंस कहीं गुम हो गया है. सलमान ने मुंबई के बांद्रा थाने में लाइसेंस खो जाने को लेकर कराई गई एक FIR की कॉपी तब कोर्ट में पेश की थी.
कैसे खुली थी पोल?
सलमान खान द्वारा कोर्ट में FIR की कॉपी जमा किए जाने के बाद मुंबई पुलिस को जवाब तलब किया गया. मुंबई पुलिस के एक कर्मचारी ने कोर्ट को बताया कि सलमान के हथियारों का लाइसेंस मुंबई पुलिस कमिश्नरेट में रीन्यूअल के लिए विचाराधीन है. इस बात का खुलासा होते ही पब्लिक प्रॉसीक्यूटर ने कोर्ट के सामने एक अर्जी पेश कर सलमान पर कोर्ट को गुमराह करने और झूठे सबूत कोर्ट में पेश करने का आरोप लगाए.
पब्लिक प्रॉसीक्यूटर भवानी सिंह भाटी ने सलमान खान के खिलाफ आईपीसी की धारा-193 के तहत कार्रवाई करने की मांग की थी.