सड़क पर आपने ट्रेक, कार, बाइक से लेकर तमाम तरह की गाड़ियां देखी होंगी. लेकिन क्या आपने कभी इस बात पर ध्यान दिया है कि सभी गाड़ियों के टायर हमेशा ब्लैक ही क्यों होते हैं. छोटी कार हो या बड़ा ट्रक सभी प्रकार की गाड़ियों के टायर ब्लैक ही होते हैं? अगर आपको इस सावल का जवाब नहीं पता है तो आइए जानते हैं इसके पीछे का विज्ञान.
आपको ये तो पता होगा कि गाड़ी के टायर रबड़ से बने होते हैं. रबड़ का रंग वैसे तो स्लेटी होता है, लेकिन रबड़ को टायर बनाने की प्रक्रिया में इसका रंग काला हो जाता है. काले टायर लंबे समय तक चलते हैं, इसलिए टायर का रंग काला होता है. दरअसल, टायर बनाने के लिए रबड़ में काला कार्बन और सल्फर मिलाया जाता है. इसी वजह से टायर का रंग काला हो जाता है.
प्राकृतिक रबड़ बहुत मुलायम होती है. टायर बनाने के लिए इसे कड़ा किया जाता है. कड़ा करने के लिए ही इसमें कार्बन और सल्फर मिलाया जाता है. यही वजह होती है कि टायरों का रंग काला होता है.
अगर रबड़ में कार्बन और सल्फर न मिलाया जाए तो इससे बनने वाले टायर बेहद खराब क्वालिटी के होंगे. वहीं, कम इस्तेमाल से ही ये टायर घिस जाएंगे और खराब हो जाएंगे. यही कारण है कि टायर रंगबिरंगे नहीं काले रंग के ही होते हैं.