अगर आप अपने बच्चों के नाम पर निवेश करते हैं तो आपके लिए एक जरूरी खबर है. दरअसल, शेयर बाजार को रेग्युलेट करने वाली संस्था सेबी ने नाबालिग के निवेश से जुड़े नियमों में बदलाव किया है. आइए जानते हैं कि आखिर नए नियम क्या हैं...
सेबी के नए नियम के तहत सेबी ने निवेश राशि का भुगतान नाबालिग के बैंक खाते या अभिभावाक के साथ नाबालिग के संयुक्त खाते से चेक, डिमांड ड्राफ्ट या किसी अन्य माध्यम से स्वीकार किया जाएगा.
सेबी की ओर से दी गई जानकारी में कहा गया है कि जिस नाबालिग के नाम पर खाता है, उसके बालिग होने पर उसे केवाईसी (अपने ग्राहक को जानों) ब्योरा देना होगा. इसके साथ ही बैंक खाते का ब्योरा देना होगा.
वहीं जबतक नाबालिग की स्थिति बदलकर बालिग नहीं कर दी जाती, आगे के लेन-देन की अनुमति नहीं दी जाएगी. इसका मतलब ये है कि इस बदलाव की प्रक्रिया में लेन-देन बंद रहेगी.
सेबी के मुताबिक संपत्ति प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) को उन मामलों में फोटो आधारित प्रोसेसिंग को क्रियान्वित करनी होगी जहां क्लेम करने वाला नाबालिग या ज्वाइंट बैंक खाताधारक है.
इसके अलावा म्यूचुअल फंड को अलग से केंद्रीय ‘हेल्ड डेस्क’ और ‘वेबपेज’ रखना होगा. इसमें ट्रांसमिशन प्रोसेस संबंधित जानकारी और निर्देश होना जरूरी है.