संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान की सेना को लगातार बढ़ाए जा रहे अधिकारों को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है. यूएन ह्यूमन राइट्स एजेंसी के हाई कमिश्नर वोल्कर टर्क ने चेतावनी दी है कि पाकिस्तान के 27वें संविधान संशोधन से न्यायपालिका की स्वतंत्रता कमजोर हो सकती है. पाकिस्तान भले ही बताता रहे कि उसकी राजनीति लोकतंत्र के तहत चलती है, पर वास्तव में सेना हर राजनीतिक फैसले में दखल देती है.