भारत और पाकिस्तान में युद्ध जैसे हालात बन गए थे. जम्मू कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों की धर्म पूछकर हत्या की आतंकी वारदात के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च कर पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिए थे. भारत की इस सैन्य कार्रवाई के बाद दोनों देशों के बीच सैन्य संघर्ष की स्थिति बन गई थी.
अब अमेरिकी थिंक टैंक 'काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस (CFR)' ने अपनी एक रिपोर्ट में साल 2026 में भी भारत और पाकिस्तान के बीच सशस्त्र संघर्ष की संभावना जताई है. यह रिपोर्ट अमेरिकी विदेश नीति विशेषज्ञों की ओर से किए गए एक सर्वे पर आधारित है. सीएफआर की इस रिपोर्ट के अनुसार संभावित संघर्ष की मुख्य वजह आतंकी गतिविधियों में इजाफा होगा.
सीएफआर ने इसे टियर-II प्राथमिकता की श्रेणी में रखा गया है. इस श्रेणी में उसे रखा जाता है, जिसकी उच्च संभावना हो लेकिन इसका अमेरिकी हितों पर कम प्रभाव पड़ता है. इस रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि आतंकी गतिविधियों में वृद्धि और कश्मीर में दमन के कारण भारत-पाकिस्तान के बीच नए सिरे से सशस्त्र संघर्ष हो सकता है.
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इसी रिपोर्ट के टियर-III में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच भी फिर से सशस्त्र संघर्ष बढ़ने की भी आशंका जताई गई है. रिपोर्ट के पृष्ठ-11 पर यह उल्लेख है कि सीमा पार उग्रवादी हमलों के दोबारा बढ़ने से अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच फिर से सशस्त्र संघर्ष छिड़ सकता है. क्षेत्रीय उग्रवाद की यह स्थिति अप्रत्यक्ष रूप से भारत-पाकिस्तान संबंधों को भी प्रभावित कर सकती है.
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इस पूरी सर्वे रिपोर्ट में कुल 30 संभावित आकस्मिक परिदृश्यों का आकलन किया गया है. इस रिपोर्ट में भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष की स्थिति की आशंका जताई ही गई है, उल्लेख पाकिस्तान-अफगानिस्तान संबंधों को लेकर भी है.
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