अमेरिका ने बुधवार को यमन में हूती ठिकानों पर फिर से हमले किए. अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर रॉयटर्स को इस बारे में जानकारी दी. हालांकि, कितने ठिकानों पर हमले किए गए और कितनी मिसाइलें दागी गईं, इस बारे में उन्होंने कुछ विवरण साझा नहीं किया. अमेरिका ये हमले हूती विद्रोहियों द्वारा लाल सागर में व्यापारिक जहाजों को निशाना बनाए जाने के बाद जवाबी कार्रवाई के रूप में कर रहा है.
बता दें कि पिछले साल नवंबर से लाल सागर में जहाजों पर करीब 27 से ज्यादा बार हमले हुए हैं. इस कारण एशिया और यूरोप के बीच समुद्री व्यापार प्रभावित हुआ है और इसने कई देशों को चिंतित कर दिया है. ये ज्यादातर हमले हूती की ओर से किए गए हैं, जिसने ऐलान किया था कि वह गाजा पर इजरायली हमले के विरोध में और हमास के साथ एकजुटता जताने के लिए लाल सागर में इजरायली व्यापारिक जहाजों को निशाना बनाएगा. हालांकि, हूती विद्रोहियों ने जिन जहाजों को निशाना बनाया, उनमें से कई का इजरायल से कोई लेनादेना नहीं था.
अमेरिकी जहाज एमवी जेनको पिकार्डी पर हूतियों ने किया हमला
इधर यमनी सशस्त्र बलों के प्रवक्ता याह्या सारे ने कहा कि हमने अदन की खाड़ी में एक अमेरिकी जहाज को सटीक और प्रत्यक्ष रूप से निशाना बनाया है. बता दें कि हूती यमन का एक मिलिशिया संगठन है, जो यमन के अधिकांश हिस्से को नियंत्रित करता है. हूती ने अपने ठिकानों पर अमेरिकी और ब्रिटिश हमलों के जवाब में इन दोनों देशों की जहाजों को निशाना बनाते हुए अपने हमलों का विस्तार करने की धमकी दी है.
हूती प्रवक्ता ने कहा, 'हमारी सेना यमन की रक्षा करने और उत्पीड़ित फिलिस्तीनी लोगों के समर्थन के अधिकार के तहत अरब सागर और लाल सागर में दुश्मन जहाजों को निशाना बनाने में संकोच नहीं करेगी'. अमेरिकी सेना ने बुधवार को कहा था कि यमन में हूती विद्रोहियों द्वारा नियंत्रित क्षेत्रों से लॉन्च किए गए एक ड्रोन ने अदन की खाड़ी में एक अमेरिकी स्वामित्व वाले जहाज को निशाना बनाया था. अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि इस हमले में कोई घायल नहीं हुआ. जहाज पर कुछ नुकसान की सूचना है.
अमेरिका ने हूती को फिर से आतंकवादी समूहों की सूची में डाला
यूएस सेंट्रल कमांड के मुताबिक एमवी जेनको पिकार्डी नाम के जिस जहाज को हूतियों ने ड्रोन से निशाना बनाया वह अमेरिकी स्वामित्व वाला बल्क कैरियर है. संयुक्त राज्य अमेरिका ने बुधवार को यमन स्थित हूती संगठन को फिर से आतंकवादी समूहों की सूची में डाल दिया. अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने एक बयान में कहा कि यह फैसला हूतियों की लगातार धमकियों, लाल सागर और अदन की खाड़ी में व्यापारिक जहाजों पर हमलों के चलते लिया गया है.
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