Russia-Ukraine War: भारत सरकार की ओर से यूक्रेन में फंसे छात्रों को निकाला जा रहा है. रोमानिया और पोलैंड के रास्ते भारतीय छात्रों को स्वदेश भेजा जा रहा है. भारतीय छात्र बड़ी तादाद में पोलैंड और रोमानिया की सीमा तक पहुंच रहे हैं जिसके बाद उन्हें उन देशों के रास्ते भारत वापस लाया जा रहा है. यूक्रेन से स्वदेश वापसी के लिए सीमा पहुंचे छात्रों और बुखारेस्ट में आजतक से बात करते हुए मुश्किलें बताईं और हालात को लेकर भी खुलकर बात की.
बुखारेस्ट पहुंची एक छात्रा ने आजतक से बात करते हुए कहा कि मोदीजी, आप कहां थे. आप यूपी चुनाव में बिजी थे. यहां कोई अमेरिकी नागरिक क्यों नहीं फंसा है. यहां एम्बेसी में भी कम लोग हैं. बॉर्डर पर केवल दो लोग हैं. दो लोग 20 हजार बच्चों को कैसे निकाल पाएंगे. छात्रा ने कहा कि हमसे कहा जा रहा है कि आप बॉर्डर पर आइए. हम गोलीबारी और बमबारी के बीच कई किलोमीटर की दूरी तय कर अपने रिस्क पर सीमा तक पहुंच रहे हैं. छात्रा ने बताया कि बॉर्डर पर करीब पांच हजार छात्र पहुंचे हुए हैं.
छात्रा ने कहा कि वहां ओपन फायरिंग हो रही है. छात्रों पर पेपर स्प्रे का इस्तेमाल हो रहा है. रोमानिया बॉर्डर पर केवल दो अधिकारी तैनात हैं. पांच हजार छात्रों की वे कैसे मदद कर पाएंगे. छात्रा ने ये भी कहा कि यूक्रेन के दूतावास में भी कम अधिकारी हैं. दूतावास की ओर से जो नंबर जारी किए गए हैं, उनपर फोन करने पर भी कोई जवाब नहीं मिल पा रहा.
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छात्रा ने भारत सरकार से छात्रों की सहायता के लिए तत्काल कदम उठाने की अपील की. बुखारेस्ट एयरपोर्ट पर ही आजतक से बात करते हुए एक छात्र ने यूनिवर्सिटी के रवैये पर नाराजगी जताई. यूक्रेन से पोलैंड बॉर्डर पहुंची छात्राओं ने रोते हुए हालात बताते हुए कहा कि यूक्रेन की ओर से एक्सेस नहीं मिल पा रहा है. मारा-मारी भी हुई और जैसे-तैसे छात्राओं को एक्सेस दिया गया. छात्रों को कह दिया गया कि आप दूसरे बॉर्डर पर जाओ.
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छात्राओं ने बताया कि वे सभी करीब 20 से 25 किलोमीटर की दूरी पैदल तय कर सीमा तक पहुंचे थे. कुछ दिन पहले ही यूक्रेन से वापस लौटे शिवम चौधरी ने कहा कि वहां फंसे भारतीय छात्रों के साथ यूक्रेन के सैनिक खराब व्यवहार कर रहे हैं. भारतीय छात्रों को बॉर्डर से जाने नहीं दिया जा रहा और वापस भेजा जा रहा है. पहले जब एडवाइजरी जारी हुई थी तब यूनिवर्सिटी की तरफ से पढ़ाई पर ध्यान देने के लिए कहा गया था.
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यूक्रेन से वापस लौटीं इशिका ने बताया कि जब वापस आई थी, तब वहां हालात सामान्य थे. 26 फरवरी को वापस लौटी रश्मि साह ने बताया कि जब रूस ने हमला किया तब हम रास्ते में थे. गौरतलब है कि भारत सरकार रोमानिया और पोलैंड के रास्ते स्वदेश वापस लाने के लिए ऑपरेशन गंगा शुरू किया है. इस ऑपरेशन के तहत यूक्रेन से अब तक 700 से अधिक छात्रों को भारत वापस लाया जा चुका है.
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