भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी ने सोमवार को कहा कि श्रीलंका ने एक चीनी जहाज को अपने यहां रुकने की अनुमति नहीं दी है. श्रीलंकाई विदेश मंत्री ने कहा कि भारत की सुरक्षा चिंताएं श्रीलंका के लिए महत्वपूर्ण हैं.
ऐसी रिपोर्टें सामने आई हैं कि चीन का खोजी जहाज Shi Yan 6 अक्टूबर में श्रीलंका के बंदरगाह पर रुकेगा. इसके बारे में भारत की चिंताओं के बारे में पूछे जाने पर अली साबरी ने कहा कि विदेशी जहाजों के श्रीलंका में रुकने को लेकर एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (SOP) तैयार किया गया है और उसे तैयार करने में भारत समेत कई दोस्तों से सलाह भी ली है.
अली साबरी ने एएनआई से बात करते हुए कहा, 'कुछ समय से ऐसी बातचीत चल रही है. भारत लंबे समय से अपनी चिंताओं को व्यक्त करता आया है और हम इस पर एक एसओपी लेकर आए हैं. जब हम इस एसओपी को बना रहे थे तब हमने अपने कई दोस्तों से सलाह ली, जिनमें भारत भी शामिल था. इसलिए, जब तक एसओपी का पालन होगा, हमें कोई दिक्कत नहीं लेकिन अगर एसओपी का पालन नहीं होगा तो यह एक समस्या होगी.'
उन्होंने कहा कि श्रीलंका ने चीनी जहाज को अक्टूबर में अपने बंदरगाह पर रुकने की अनुमति नहीं दी है. उन्होंने कहा कि इसे लेकर बातचीत अभी जारी है.
अली साबरी ने कहा, 'जहां तक मुझे पता है, हमने अक्टूबर में चीन के जहाज को श्रीलंका आने की अनुमति नहीं दी है. बातचीत चल रही है. भारत की सुरक्षा चिंताएं, जो कि वैध हैं, हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. हम हमेशा यह कहते रहे हैं क्योंकि हम अपने क्षेत्र में शांति बनाए रखना चाहते हैं.'
श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने भी कहा था कि विदेशी जहाजों के लिए एक एसपीओ बनाया गया है.
श्रीलंका के डेली मिरर ने हाल ही में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसमें कहा गया था कि चीन का खोजी जहाज अक्टूबर के महीने में श्रीलंका में रुक सकता है. रिपोर्ट में कहा गया था कि चीनी जहाज श्रीलंका में राष्ट्रीय जलीय संसाधन अनुसंधान और विकास एजेंसी (NARA) के साथ मिलकर रिसर्च कर सकता है.
पिछले साल श्रीलंका में रुका था चीन का खोजी जहाज
पिछले साल, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने श्रीलंका में रुके चीनी जासूसी जहाज युआन वांग-5 को लेकर कहा था कि भारत की सुरक्षा पर असर डालने वाली कोई भी घटना में स्पष्ट रूप से भारत की दिलचस्पी होगी.
जयशंकर ने 9वीं भारत-थाईलैंड संयुक्त आयोग की बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था, 'हमारे पड़ोस में क्या होता है... हमारी सुरक्षा पर असर डालने वाला कोई भी घटनाक्रम स्पष्ट रूप से हमारे लिए दिलचस्पी का मामला है.'
भारत ने श्रीलंकाई बंदरगाह पर चीनी जहाज के रुकने को लेकर सुरक्षा चिंता जताई थी क्योंकि चीनी जहाज समुद्र तल का मानचित्र तैयार करने की क्षमता वाला एक रिसर्च जहाज है. जहाज चीनी नौसेना के पनडुब्बी रोधी अभियानों के लिए भी अहम है. युआन वांग-5 श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पर रुका था.
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