Abu Dhabi Mosque: जहां बना है हिंदू मंदिर, उसी शहर में है दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मस्जिद, जानें खासियत

शेख जायद ग्रैंड मस्जिद यूएई की सबसे बड़ी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मस्जिद है. सफेद रंग की ये शानदान मस्जिद कारीगरी का बेजोड़ नमूना है और इसमें इस्तेमाल हुई कई चीजें दुनिया की नायाब चीजों में से एक हैं. आइये जानते हैं, शेख जायद ग्रैंड मस्जिद से जुड़ी खास बातें.

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Sheikh Zayed Grand Mosque (Photo Credit: https://www.flickr.com/photos/nadircruise/) Sheikh Zayed Grand Mosque (Photo Credit: https://www.flickr.com/photos/nadircruise/)

हुमरा असद

  • नई दिल्ली,
  • 15 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 10:35 AM IST

संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई की राजधानी अबू धाबी में कई ऐसी चीजें हैं, जो अपने आप में खास हैं और दुनिया की खास चीजों में शुमार की जाती है. इस फहरिस्त में अब एक और नाम जुड़ गया है. अबू धाबी को पहला हिंदू मंदिर मिल गया है. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 फरवरी को इसका उद्घाटन किया. यही शहर दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिदों में शुमार शेख जायद ग्रैंड मस्जिद के लिए भी जाना जाता है. जो अपनी खूबसूरती और कारीगरी के लिए दुनियाभर में मशहूर है.

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शेख जायद ग्रैंड मस्जिद यूएई की सबसे बड़ी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मस्जिद है. सफेद रंग की ये शानदान मस्जिद कारीगरी का बेजोड़ नमूना है और इसमें इस्तेमाल हुई कई चीजें दुनिया की नायाब चीजों में से एक हैं. आइये जानते हैं, शेख जायद ग्रैंड मस्जिद से जुड़ी खास बातें.

यूएई की सबसे बड़ी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मस्जिद

शेख जायद ग्रैंड मस्जिद संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी अबू धाबी में मौजूद है. ये यूएई की सबसे बड़ी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मस्जिद है. दुनिया की दो सबसे बड़ी मस्जिद सऊदी अरब के मक्का और मदीना में मौजूद हैं. इनके बाद शेख जायद ग्रैंड मस्जिद का नाम आत है. ये मस्जिद12 हेक्टेयर (30 एकड़) से अधिक क्षेत्र में फैली हुई है.

41 हजार लोग एक साथ पढ़ सकते हैं नमाज़

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इस मस्जिद में एक वक्त में सबसे ज्यादा 41 हजार लोग नमाज पढ़ सकते हैं. इसके बड़े हॉल में एक साथ 10 हजार लोग नमाज पढ़ सकते हैं. इसके अलावा दो छोटे हॉल हैं, जिनमें हर एक हॉल में 1,500 लोग नमाज पढ़ सकते हैं. इनमें से एक हॉल महिलाओं के लिए है. इसमें 82 गुंबद हैं, सबसे बड़ा गुंबद मेन हॉल पर बना है.

इतिहास को समेटे हुए भविष्य के लिए मिसाल है मस्जिद का आर्किटेक्चर

शेख जायद ग्रैंड मस्जिद मुगल, मूरिश, ओटोमन और फारसी आर्किटेक्चर का मिलाजुला रूप है, जो इस्लामिक आर्ट का बेजोड़ नमूना है. इसमें परंपरा और आधुनिकता का जबरदस्त संयोजन देखने को मिलता है. ये मस्जिद इतिहास को समेटे हुए भविष्य के लिए एक मिसाल है यानी यहां पुराने जमाने की छाप और भविष्य में इस्तेमाल होने वाली टेक्नोलॉजी का संगम मिलेगा.

पूर्णिमा पर चौंदवीं के चांद सी चमकती है मस्जिद

मस्जिद में खास तरह का लाइटिंग सिस्टम है, जो चांद की रौशनी से तालमेल बिठाता है. मस्जिद में 360-डिग्री लाइटिंग स्कीम है.ये लाइट्स चांद की रौशनी के मुताबिक हर दूसरी शाम को बदलती हैं. चौदवीं के चांद की खास एहमियत है और इस दिन यानी पूर्णिमा पर मस्जिद गहरे नीले रंग की नजर आती है. ऐसा लगता है, जैसे चांद जमीन पर उतर आया हो.

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अलग-अलग देशों से मंगवाए गए खास सामान

शेख जायद ग्रैंड मस्जिद अपने खूबसूरत डिजाइन और उसमें इस्तेमाल की गई चीजों के लिए जानी जाती है. इसमें दुनिया के सबसे बड़े संगमरमर के मोज़ेक फर्श से लेकर सोने की पत्ती वाले चमकदार गुंबद हैं. मस्जिद को बनाने के लिए दुनियाभर के कई देशों से खास सामग्रियों मंगवाई गईं थीं. डिजाइनरों ने न्यूजीलैंड, मोरक्को, मिस्र, तुर्की, ग्रीस, पाकिस्तान, इटली, जर्मनी, ऑस्ट्रिया, चीन और भारत जैसे देशों की अलग-अलग चीजें इस्तेमाल की हैं.

संयुक्त अरब अमीरात की समृद्धि का प्रतीक हैं झूमर

मस्जिद में लगे झूमर भी खास एहमियत रखते हैं, जो जर्मन फॉस्टिग द्वारा डिजाइन किए गए हैं. ये उलटे लटके हुए पाम के पेड़ की तरह हैं, जो संयुक्त अरब अमीरात की जीविका और समृद्धि का प्रतीक है. स्टेनलेस स्टील के झूमर 24 कैरेट सोने की प्लेट और स्वारोस्की क्रिस्टल से सजाए गए हैं, जिसमें लगभग 40 मिलियन पीस हरे, लाल और पीले रंग की क्रिस्टल बॉल से बनाया गया है.

मस्जिद में बिछा है दुनिया का सबसे बड़ा कालीन

मस्जिद में हाथ से बना हुआ दुनिया का सबसे बड़ा कालीन है. जिसे डिजाइन करने में 8 महीने का वक्त लगा और एक साल में बनकर तैयार हुआ है. इस कालीन को 1200 लोगों ने मिलकर तैयार किया. ये 5700 मीटर लंबा है. ये मस्जिद के मेन हॉल में बिछाया गया है. यानी मस्जिद में नमाज पढ़ने पर इसकी खासियत को महसूस किया जा सकता है.

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11 साल में बनकर तैयार हुई मस्जिद

इस मस्जिद को बनने में 11 साल का वक्त लगा. साल 1996 में इसे बनाने का काम शुरू किया गया और  दिसंबर 2007 में इसका उद्घाटन किया गया था. इसे पूरा करने में तीन हजार से ज्यादा मजदूरों ने काम किया और 38 कॉन्ट्रैकटर शामिल हुए. इसका निर्माण संयुक्त अरब अमीरात के दिवंगत राष्ट्रपति शेख जायद बिन सुल्तान अल नाहयान द्वारा शुरू की गई थी. 2004 में शेख जायद की मृत्यु हो गई और उन्हें मस्जिद के प्रांगण में दफनाया गया.

(Photo Credit: https://www.flickr.com/photos/nadircruise/)

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