ट्रंप से जुड़े राज लौटाने का वादा कर रूसी व्यक्ति ने अमेरिकी जासूसों से 1 लाख डॉलर ऐंठे

एक रूसी व्यक्ति ने अमेरिकी एजेंटों को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की छवि को नुकसान पहुंचाने वाली सामग्री देने की पेशकश की थी.

Advertisement
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

सुरभि गुप्ता

  • नई दिल्ली,
  • 10 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 7:16 AM IST

एक रूसी व्यक्ति ने चुराए गए हैकिंग टूल और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की छवि को नुकसान पहुंचाने वाली सूचना लौटाने का वादा करके पिछले साल अमेरिकी जासूसों से एक लाख डॉलर ऐंठ लिए.

न्यूयार्क टाइम्स में छपी खबर के अनुसार जिन चीजों को लौटाने का वादा किया गया था, उसमें पश्चिम बर्लिन के एक बार में गोपनीय यूएसबी ड्राइव सौंपने और राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी के ट्विटर अकाउंट पर दिए गए कूट संदेश शामिल हैं. CIA के एजेंटों ने एनएसए से चुराए गए रूसी हैकिंग प्रोग्राम से इन्हें वापस खरीदने के लिए कथित तौर पर पिछले साल अच्छा खासा समय लगाया.

Advertisement

खबर में यह भी कहा गया है कि विक्रेता की पहचान नहीं हो पाई है, लेकिन उसके तार साइबर अपराधियों और रूसी खुफिया तंत्र से जुड़े हैं. उसने अमेरिकी खुफिया एजेंटों को यह प्रलोभन दिया कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी के हैकिंग उपकरणों की पेशकश कर सकता है. इसके बारे में शैडो ब्रोकर्स नामक एक संदिग्ध समूह ने ऑनलाइन बिक्री का विज्ञापन दिया था.

इनमें से कुछ हैकिंग उपकरणों को राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी ने विकसित किया था ताकि वह अमेरिका के विरोधियों के कंप्यूटर को हैक कर सके, इन्हीं उपकरणों की मदद से अन्य हैकरों ने पिछले साल दुनिया भर की कंप्यूटर प्रणालियों में सेंध लगाई जिसमें पिछले साल मई में हुए वैश्विक 'मालवेयर' हमला भी शामिल है.

विक्रेता ने इसके लिए दस लाख अमेरिकी डॉलर की मांग की थी. बर्लिन स्थित होटल के एक कमरे में एक लाख डॉलर से भरा सूटकेस दिया गया था, जो अमेरिकी एजेंट की तरफ से शुरूआती भुगतान था. अखबार की खबर में यह कहा गया है कि अमेरिकी एजेंट को यह अब भी स्पष्ट नहीं हो सका है कि विक्रेता ने जो देने का वादा किया था वह वास्तव में उसके पास था भी या नहीं.

Advertisement

विक्रेता ने अमेरिकी एजेंटों को ट्रंप की छवि को नुकसान पहुंचाने वाली सामग्री देने के बारे में भी पेशकश की थी. यद्यपि अमेरिका में पहले से ट्रंप के चुनावी अभियान में रूसी हस्तक्षेप से संबंधित जांच चल रही है, लेकिन अमेरिकी एजेंट ऐसी किसी बात में शामिल नहीं होना चाहते हैं जिसका उनकी घरेलू राजनीति से कोई ताल्लुक हो. अमेरिका के खुफिया अधिकारियों ने कहा है कि देश में 2016 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में रूस ने हस्तक्षेप किया था ताकि ट्रंप का निर्वाचन सुनिश्चित किया जा सके.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement