प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को जॉर्डन की राजधानी अम्मान पहुंचे. यह यात्रा भारत और जॉर्डन के रिश्तों के लिहाज से बेहद अहम मानी जा रही है, क्योंकि 37 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री का यह पूर्ण द्विपक्षीय दौरा है. यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब भारत और जॉर्डन के बीच राजनयिक संबंधों को 75 साल पूरे हो चुके हैं. जॉर्डन प्रधानमंत्री मोदी के चार दिन के तीन देशों के दौरे का पहला पड़ाव है। इसके बाद वे इथियोपिया और ओमान जाएंगे.
प्रधानमंत्री ने जॉर्डन के नेतृत्व और वहां की जनता द्वारा दिए गए गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए आभार जताते हुए कहा कि वह 140 करोड़ भारतीयों की ओर से धन्यवाद प्रकट करते हैं.
अम्मान एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री मोदी का विशेष और गर्मजोशी से स्वागत किया गया. जॉर्डन के प्रधानमंत्री जाफर हसन खुद एयरपोर्ट पहुंचे और प्रधानमंत्री मोदी का अभिनंदन किया. इसके बाद उन्हें औपचारिक सम्मान भी दिया गया. होटल पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत जॉर्डन में रह रहे भारतीय समुदाय और भारत के मित्रों ने किया.
इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला द्वितीय इब्न अल हुसैन से हुसैनिया पैलेस में मुलाकात की. इस बैठक में दोनों नेताओं ने भारत-जॉर्डन द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और जॉर्डन इस वर्ष अपने राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं, उन्होंने इसे दोनों देशों के रिश्तों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया और कहा कि यह अवसर आने वाले वर्षों में सहयोग को नई ऊर्जा और दिशा देगा.
प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि मौजूदा बैठक से द्विपक्षीय संबंधों में गति और गहराई दोनों आएगी. भारत और जॉर्डन ट्रेड, फर्टिलाइज़र, डिजिटल टेक्नोलॉजी, इंफ्रास्ट्रक्चर और पीपल-टू-पीपल संपर्क जैसे क्षेत्रों में सहयोग को आगे बढ़ाएंगे.
उन्होंने यह भी कहा कि इस यात्रा के दौरान हुए समझौते और एमओयू दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश को नई दिशा देंगे. उन्होंने बिज़नेस-टू-बिज़नेस पार्टनरशिप और जॉइंट इन्वेस्टमेंट की संभावनाओं पर भी जोर दिया.
गाजा और क्षेत्रीय शांति पर जॉर्डन की भूमिका की सराहना
प्रधानमंत्री मोदी ने गाजा मुद्दे पर जॉर्डन की सक्रिय और सकारात्मक भूमिका की सराहना की. उन्होंने कहा कि भारत को उम्मीद है कि इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनी रहे.
आतंकवाद के खिलाफ साझा और स्पष्ट संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और जॉर्डन आतंकवाद, उग्रवाद और रेडिकलाइजेशन के खिलाफ एक साझा और स्पष्ट रुख रखते हैं. उन्होंने कहा कि जॉर्डन ने इन खतरों के खिलाफ मानवता को एक मजबूत और रणनीतिक संदेश दिया है.
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प्रधानमंत्री ने बताया कि प्रतिबंधित सत्रों के दौरान इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में सहयोग को और मजबूत करने पर विस्तार से चर्चा हुई.
हिंसक उग्रवाद के खिलाफ साझा प्रयासों का इतिहास
प्रधानमंत्री ने 2018 में जॉर्डन के नेतृत्व की भारत यात्रा और इस्लामिक हेरिटेज पर हुए सम्मेलन को याद किया. उन्होंने कहा कि 2015 में संयुक्त राष्ट्र की बैठक के दौरान भी दोनों नेताओं की पहली मुलाकात हिंसक उग्रवाद से निपटने के विषय पर हुई थी.
प्रधानमंत्री मोदी ने मॉडरेशन और संतुलन को बढ़ावा देने के लिए जॉर्डन के प्रयासों को न केवल क्षेत्रीय बल्कि वैश्विक शांति के लिए भी अहम बताया.
भविष्य में सहयोग और मजबूत होगा
प्रधानमंत्री ने भरोसा जताया कि दोनों देश आपसी सहयोग के सभी आयामों को और सशक्त बनाएंगे. उन्होंने एक बार फिर जॉर्डन सरकार और वहां के लोगों का आतिथ्य सत्कार के लिए आभार व्यक्त किया और कहा कि भारत–जॉर्डन साझेदारी मित्रता, आपसी सम्मान और साझा समृद्धि पर आधारित है.
जॉर्डन के बाद प्रधानमंत्री मोदी इथियोपिया के दौरे पर जाएंगे. यह उनकी पहली इथियोपिया की यात्रा होगी. फिर बुधवार को वह ओमान के दौरे पर जाएंगे. यह यात्रा का अंतिम पड़ाव होगा. सुल्तान हैथम बिन तारिक के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री ओमान जा रहे हैं.
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