पाकिस्तान में चीनी नागरिकों की सुरक्षा पर मंडराते खतरे के बीच पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपने नागरिकों से विदेशी निवेशकों के साथ सहयोग करने का आह्वान किया है. गुरुवार को बलूचिस्तान में बोलते हुए शहबाज शरीफ ने कहा कि अगर पाकिस्तान के लोग उनके खिलाफ कोई काम करेंगे तो वो पाकिस्तान के बारे में नकारात्मक सोच रखेंगे.
उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों को उन विदेशी निवेशकों का ख्याल रखना चाहिए जो प्रांत की बेहतरी के लिए कोशिश कर रहे हैं.
शहबाज शरीफ ने कहा, 'बलुचिस्तान विशाल खनिजों और अन्य प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है, जिनकी खोज की जानी चाहिए. क्षेत्र के विकास का लाभ यहां के स्थानीय लोगों को दिया जाना चाहिए. यहां के संसाधनों पर पहला अधिकार बलुचिस्तान और यहां के स्थानीय लोगों का है. साथ ही यहां के लोगों को उन दोस्तों क ख्याल रखना चाहिए जो ग्वादर के लोगों की बेहतरी के लिए काम कर रहे हैं.'
शहबाज शरीफ ने अपने नागरिकों से सवाल किया, 'अगर हम उनके (चीनी नागरिकों) के खिलाफ काम करेंगे तो वे हमारे बारे में क्या सोचेंगे?'
इसके साथ ही शहबाज शरीफ ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि वो विदेशियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दें.
'पिछली सरकारों ने चीनी नागरिकों को उनके हाल पर छोड़ दिया'
चीनी नागरिक बलुचिस्तान में चाईना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कोरिडोर के कई प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं जिनपर अकसर हमले की खबरें आती रही हैं. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि इमरान खान की सरकार के दौर में चीनी प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे चीनी नागिरकों को लगभग छोड़ दिया गया था, उनकी
सुरक्षा का ख्याल नहीं रखा गया. इस वजह से मित्र देशों के साथ पाकिस्तान के संबंध तनावपूर्ण हो गए थे. उन्होंने कहा कि शहबाज शरीफ सरकार ने कड़ी मेहनत से मित्र देशों के साथ अच्छे संबंध बहाल किए हैं.
शहबाज शरीफ ने कहा कि ग्वादर बंदरगाह अगले साल फरवरी या मार्च तक पूरी तरह से काम करने लगेगा. उन्होंने जानकारी दी कि बंदरगाह चैनल की तली पर जमे कीचड़ को विशेष मशीन से साफ किया जा रहा है. जब यह काम पूरा हो जाएगा तो दुनिया के बड़े जहाज ग्वादर बंदरगाह पर रूकने लगेंगे. इसके साथ ही ग्वादर बंदरगाह दुनिया के सबसे गहरे बंदरगाहों में से एक बन जाएगा.
चीन के पास है ग्वादर बंदरगाह का स्वामित्व
अरब सागर में स्थित पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह का स्वामित्व चीन की सरकारी कंपनी के पास है. साल 2017 में पाकिस्तान ने कहा था कि चीन की सरकारी कंपनी China Overseas Port Holding Company (COPHC) को इसे 40 सालों के लिए लीज पर दे दिया गया है.
लेकिन इस बंदरगाह पर काम कर रहे चीनी नागरिकों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठते रहे हैं. बलोच विद्रोही अक्सर चीनी नागरिकों को अपना निशाना बनाते रहे हैं. मई 2019 में ग्वादर के फाइव स्टार होटल पर चरमपंथी हमला हुआ था जिसमें चीनी लोग ठहरे हुए थे.
इसके बाद साल 2018 में बलुचिस्तान में हुए आत्मघाती हमले में तीन चीनी इंजिनियर घायल हुए थे. पाकिस्तान के दूसरे शहरों में भी चीनी नागिरकों पर हमले होते रहे हैं. हालिया बड़ा हमला अप्रैल 2022 में हुआ था जिसमें कराची में हुए आत्मघाती हमले में तीन चीनी नागरिकों को मौत हो गई थी.
चीनी नागरिक पर ईशनिंदा का आरोप
इसी साल अप्रैल में एक चीनी नागरिक पर ईशनिंदा के आरोप लगा था जिसके बाद उस पर हमला करने के लिए भीड़ जमा हो गई थी. चीनी नागरिक पाकिस्तान के दसू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट में एक इंजिनियर के तौर पर काम कर रहा था.
काम के दौरान स्थानीय पाकिस्तानी स्टाफ से उसकी तीखी बहस हो गई. ये बहस रमजान के दौरान नमाज के लिए लंबे ब्रेक और काम की धीमी गति को लेकर हुई थी. बताया गया कि चीनी इंजिनियर ने कथित रूप से ईशनिंदा वाली टिप्पणी की जिसके बाद उस पर हमला करने के लिए भीड़ जमा हो गई. हालांकि, पुलिस ने आकर मामले को संभाल लिया और चीनी नागरिक को हिरासत में ले लिया था.
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