'ऐ जालिमों तुमको नहीं छोड़ेंगे....', TPL प्रदर्शनकारियों की PAK सेना को चेतावनी, लाहौर की सड़कों पर बवाल

मुरीदके में तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के प्रदर्शनकारियों और पुलिस तथा रेंजर्स के बीच हिंसक झड़प कम से कम 5 लोगों के मारे जाने और 300 से ज्यादा के घायल होने की खबर हैं. मृतकों में एक पुलिस अधिकारी शामिल है. टीएलपी समर्थकों पाकिस्तानी सेना पर प्रदर्शनकारियों को गोली मारने का आरोप लगाया है.

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मुरीदके में TPL समर्थक और सेना के बीच झड़प. (photo: AP) मुरीदके में TPL समर्थक और सेना के बीच झड़प. (photo: AP)

सुबोध कुमार

  • इस्लामाबाद,
  • 13 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 2:09 PM IST

पाकिस्तान के मुरीदके में तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के प्रदर्शनकारियों और पुलिस, रेंजर्स के बीच हिंसक झड़प हो गई, जिसमें सुरक्षाबलों कई जवानों और प्रदर्शनकारियों के मारे जाने की खबर सामने आ रही है. वहीं, प्रदर्शनकारियों को गोलीबारी से पाकिस्तान के कई इलाकों में आक्रोश और गुस्सा फैल गया है. इसके अलावा प्रदर्शनकारियों ने सेना को चेतावनी देते हुए कहा कि ऐ जालिमों तुम नहीं छोड़ेंगे.

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पंजाब अधिकारियों के अनुसार, इस हिंसा में 5 लोग मारे गए, जिनमें एक पुलिस अधिकारी शामिल है, जबकि 300 से अधिक लोग घायल हो गए. हालांकि, स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स और प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों से मालूम होता है कि हिंसा में मारे जाने वालों की संख्या काफी ज्यादा हो सकती है. उधर अपने ही नागरिकों पर इस व्यापक कार्रवाई को लेकर कई इलाकों में आक्रोश और गुस्सा फैल गया है.

वहीं, प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पाकिस्तानी सेना का कार्रवाई को कई सामने आए हैं, जिसमें प्रदर्शनकारी दावा कर रहे हैं कि सेना सीधे उनके लोगों को गोली मार रही है.

'तुमको नहीं छोड़ेंगे'

वायरल हो रहे एक वीडियो में एक प्रदर्शनकारी दावा कर रहा है कि इस वक्त मरकजे कंटेनर जलाया गया है. उन्होंने कहा पुलिस और सेना की कार्रवाई में घायलों को कोई मदद नहीं दी जा रही है. घायलों को लोगों ने अपने घरों में पना दी है. उन्होंने पाकिस्तानी सेना और पुलिस को चेतावनी देते हुए कहा कि ऐ जालिमों तुमको हम नहीं छोड़ेंगे...

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लाहौर में स्थिति नाजुक

स्थानीय रिपोर्ट के मुताबिक लाहौर में भी तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है, जहां पाकिस्तानी पुलिस और टीएलपी समर्थकों के बीच हिंसक झड़पें जारी है. पुलिस शेलिंग और लाठीचार्ज के खिलाफ हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे और पाक सरकार के इजरायल पर रुख तथा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गाजा शांति योजना के कथित समर्थन की आलोचना की.

रिपोर्ट्स के अनुसार, लाहौर की जामिया मस्जिद रहमत लिल आलमीन के बाहर शुक्रवार की नमाज के लिए आने वाले दर्जनों टीएलपी कार्यकर्ता घायल हो गए, जब पंजाब पुलिस ने कथित तौर पर गोलीबारी की.

इस्लामाबाद और रावलपिंडी में इंटरनेट बंद

वहीं, बढ़ती अशांति के जवाब में पाकिस्तानी सरकार ने इस्लामाबाद और रावलपिंडी में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दीं, जबकि सुरक्षा बलों ने इस्लामाबाद, रावलपिंडी, पेशावर और लाहौर में एंट्री और एग्जिट रास्तों को सील कर दिया है. पंजाब सरकार ने 18 अक्टूबर तक धारा 144 लागू कर दी है और सार्वजनिक सभाओं और रैलियों पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसके अलावा प्रमुख चौराहों पर कंटेनर लगा दिए हैं, जिसमें लाहौर के मुख्य रास्ते और इस्लामाबाद का फैजाबाद इंटरचेंज शामिल है.

क्यों हो रहा है प्रदर्शन

दरअसल, टीएलपी ने इजरायली हवाई हमलों की निंदा करते हुए इस्लामाबाद के अमेरिकी दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया था. हालांकि, पुलिस की सख्ती के कारण ये प्रदर्शन हिंसक झड़पों में बदल गए. टीएलपी प्रमुख साद हुसैन रिजवी ने लाहौर में शुक्रवार की नमाज के बाद हजारों समर्थकों को संबोधित करते हुए मार्च का ऐलान किया.

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उनका कहना था कि ये मार्च इजरायल-हमास सीजफायर समझौते का विरोध करने के लिए है, जिसे पाकिस्तान ने समर्थन दिया है. बाद में टीएलपी ने इसे फिलिस्तीनियों के प्रति एकजुटता दिखाने का रूप दे दिया. 

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