पहलगाम हमले में पाकिस्तानी आतंकियों के मिले होने की जानकारी सामने आने के बाद भारत ने पाकिस्तान का हुक्का-पानी बंद कर दिया है. भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ पांच बड़े फैसले लिए हैं, जिनमें सबसे अहम फैसला सिंधु जल संधि को निलंबित करना है. इस संधि के तहत पाकिस्तान को सिंधु, चेनाब, झेलम, ब्यास, रावी और सतलज नदियों का पानी मिलता रहा है. ये सभी नदियां भारत से होकर पाकिस्तान पहुंचती हैं जिनके पानी का इस्तेमाल, पीने, सिंचाई, बिजली पैदा करने जैसे कामों में होता है. सिंधु जल संधि पर रोक से पाकिस्तान बौखला गया है.
पाकिस्तान के जाने-माने एक्सपर्ट्स भारत को गीदड़भभकी देने पर उतर आए हैं और कह रहे हैं कि भारत ने अगर युद्ध शुरू किया तो पाकिस्तान ऐसा जवाब देगा जो भारत बर्दाश्त नहीं कर पाएगा.
पाकिस्तान के टीवी चैनल ARY न्यूज के एक प्रोग्राम में बोलते हुए पाकिस्तान के रक्षा विश्लेषक तारिक रशिद ने कहा, 'जब मैं ऑपरेशन मैनेजर हुआ करता था तब हमें ऑर्डर दिए जाते थे कि अगर भारत की तरफ से एक गोली आती है तो जवाब में आप 10 गोलियां चलाएं... तब तक गोलियां चलाएं जब तक कि वो खामोश न हो जाएं. हमारा जवाब जैसे को तैसा होता है.'
भारत को दी परमाणु हथियार की धमकी
तारिक रशिद, जिनका देश अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से मिले कर्ज के सहारे चल रहा है और जो भारत से अब तक हुए सभी जंग हार चुका है, उन्होंने भारत को कोरी धमकी देते हुए आगे कहा, 'भारत युद्ध शुरू तो कर सकता है लेकिन फिर वो युद्ध सीमित युद्ध नहीं रह जाएगा, वो अंतिम युद्ध होगा और इसका गंभीर असर हो सकता है, पूरे क्षेत्र को कब्जे में ले सकता है.'
उन्होंने परमाणु संपन्न भारत को परमाणु हथियार की धमकी देते हुए आगे कहा, 'हमारी जो क्षमता है, परमाणु क्षमता, वो डिफेंसिव नेचर की है. हमें उन्हें बता देना चाहिए कि अगर वो बॉर्डर क्रॉस करेंगे तो हमारा जवाब हमारी मर्जी का होगा...बड़ा घातक और बड़ा दर्दनाक होगा. हमारा जवाब आपके लिए बड़ा शर्मनाक होगा और आप (भारत) उसे बर्दाश्त नहीं कर पाओगे.'
तारिक रशिद ने कहा कि पाकिस्तान को चाहिए कि वो भारत को मजबूती से जवाब दे ताकि उसे कमजोर न समझ लिया जाए. उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले को घंटों बीत चुके हैं लेकिन अब तक भारत ने पाकिस्तान की संलिप्तता का कोई सबूत पेश नहीं किया है.
एक्सपर्ट की इस बात पर शो के होस्ट ने कहा कि भारत से सबूत कौन मांगता है, उसका पैसा बोलता, दुनिया उससे कारोबार करती है, ऐसे में भारत से कोई देश सबूत नहीं मांगता.
कमर चीमा क्या बोले?
ARY न्यूज के ही एक अन्य प्रोग्राम में बोलते हुए पाकिस्तान के जाने-माने रक्षा विश्लेषक कमर चीमा ने कहा कि भारत पिछली बार की तरह इस बार पाकिस्तान पर कोई एयरस्ट्राइक नहीं करेगा.
कमर चीमा ने कहा, 'उन्हें पता है कि अगर वो कोई स्ट्राइक करते हैं तो उसे तुरंत जवाब मिल जाना है. इसलिए वो इस बार ऐसा नहीं करेंगे और दुनिया भर में हो-हल्ला मचाएंगे. अभी तक दुनिया के तमाम बड़े देश अमेरिका, रूस, सऊदी अरब, यूरोप, अफ्रीका... सबने भारत से अपना अफसोस जता दिया है. वो यही चाहते हैं. उनका अगला कदम होगा कि वो दुनिया के नेताओं को कॉल करेंगे और खुद को विक्टिम बताएंगे.'
चीमा ने आगे कहा, 'भारत पाकिस्तान में एयरस्ट्राइक नहीं करेगा क्यों उसे पता है कि उसके जेट्स हवा में उड़ेंगे और मारे जाएंगे, नीचे गिरेंगे, अभिनंदन पकड़े जाएंगे, और कई अभिनंदन बनेंगे. तो वो इससे बचना चाहेंगे. इसके बजाए वो दुनिया के नेताओं से बातें करेंगे.'
'एकतरफा तरीके से सिंधु जल समझौता निलंबित नहीं कर सकता भारत'
पहलगाम हमले में 26 लोगों की जान जाने और 17 लोगों के घायल होने का दुख भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया को है, सिवाय पाकिस्तान के. पाकिस्तान के एक्सपर्ट्स इस मुद्दे पर बेहद ही असंवेदनशील होकर प्रतिक्रिया दे रहे हैं. वो हमले की वैधता पर सवाल उठाते हुए कह रहे हैं कि पहलगाम की घटना सिंधु जल संधि को निलंबित करने का एक बहाना है.
पाकिस्तान के पूर्व सांसद मुशाहिद हुसैन सईद ने कहा कि भारत पहलगाम हमले को सिंधु जल संधि निलंबित करने के एक बहाने के रूप में इस्तेमाल कर रहा है क्योंकि वो इस साजिश के जरिए पाकिस्तान पर दबाव डालना चाहता है.
उन्होंने कहा कि सिंधु जल समझौता भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय अंतरराष्ट्रीय समझौता है. अगर मोदी सरकार पाकिस्तान तक पानी की पहुंच रोकती है तब यह अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन माना जाएगा और यह एक युद्ध की तरह होगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत पाकिस्तान के खिलाफ जो गलत आरोप लगा रहा है उसके बारे में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव को सूचित किया जाना चाहिए.
भारत का एक फैसला और सूखने लगा पाकिस्तान का गला
सिंधु नदी एशिया की सबसे लंबी नदियों में से एक है और चेनाब, झेलम, ब्यास, रावी और सतलज इसकी सहायक नदियां हैं. ये नदियां तिब्बत के मानसरोवर झील, हिमाचल के लाहौल स्पीति, रोहतांग दर्रा से निकलती हैं और जम्मू-कश्मीर से होते हुए पाकिस्तान में पहुंचती है.
1960 में भारत-पाकिस्तान के बीच नदी के जल बंटवारे को लेकर वर्ल्ड बैंक की मदद से सिंधु जल समझौता हुआ था. लेकिन यह समझौता विवादों से भर रहा है. नदियां भारत से होकर पाकिस्तान में जाती हैं जिसे लेकर हमेशा से पाकिस्तान को इस बात का डर रहा है कि भारत नदियों का पानी रोक देगा. पाकिस्तान की कृषि इन नदियों के पानी पर आश्रित है. अब पाकिस्तान की हरकतों से परेशान भारत ने ऐसा ही करने का फैसला किया है जिससे पाकिस्तान का गला सूख गया है.
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