अमेरिका की राजनीति में रविवार देर रात बड़ी हलचल मच गई, जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अचानक अपना रूख बदलते हुए कहा कि वे चाहते हैं कि जेफ्री एपस्टीन केस से जुड़ी सभी फाइलें सार्वजनिक की जाएं. यह वही प्रस्ताव है, जिसका वे कुछ दिन पहले तक कड़ा विरोध कर रहे थे.
यह यू-टर्न तब आया, जब रिपब्लिकन पार्टी के भीतर बड़ी संख्या में सांसद उनकी इच्छा के खिलाफ जाकर बिल के समर्थन में खड़े हो गए. कई नेताओं ने दावा किया था कि इस बिल को हाउस में "भारी बहुमत" से मंजूरी मिल जाएगी.
यह भी पढ़ें: 'जेफ्री एपस्टीन ने मुझे बुलाया था लेकिन...', रिपोर्ट्स में किए जा रहे दावों पर क्या बोले मस्क?
ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा, "हमारे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है. डेमोक्रेट्स इस मुद्दे का इस्तेमाल हमें बदनाम करने के लिए कर रहे हैं. अब समय है कि रिपब्लिकन अपने असली मुद्दों पर लौटें."
पीड़ितों की पहचान और वर्तमान जांच से संबंधित हिस्सों को हटाया जाएगा
यह बयान ट्रंप की पार्टी के भीतर बढ़ रहे संघर्ष को शांत करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है. विशेष रूप से जॉर्जिया की सांसद मार्जरी टेलर ग्रीन के साथ उनका टकराव खुलकर सामने आने लगा था.
जिस बिल पर विवाद चल रहा है, उसके तहत न्याय विभाग को एपस्टीन के खिलाफ हुई जांच, उससे जुड़ी फाइलें, ईमेल, और उसकी मौत से जुड़े सभी रिकॉर्ड सार्वजनिक करने होंगे. हालांकि पीड़ितों की पहचान और वर्तमान जांच से संबंधित हिस्सों को हटाया जा सकेगा.
100 से ज्यादा सांसद कर सकते हैं वोट
रिपब्लिकन सांसद थॉमस मैसी ने दावा किया कि "100 से ज्यादा" GOP सांसद इस बिल के पक्ष में वोट दे सकते हैं. उनका कहना है कि वे कोशिश करेंगे कि वोटिंग में ऐसा बहुमत मिले कि राष्ट्रपति इसे वीटो भी न कर सकें.
यह भी पढ़ें: 'ट्रंप ने एपस्टीन के घर पर यौन पीड़िता के साथ घंटों बिताए...',अमेरिकी सांसदों ने जारी किए सीक्रेट ईमेल
स्पीकर माइक जॉनसन ने भी संकेत दिए कि हाउस इस प्रस्ताव को पास कर सकता है. उनका कहना था, "हम इसे निपटाकर आगे बढ़ेंगे. छिपाने जैसा कुछ नहीं है."
ट्रंप को लेकर अब तक कुछ साबित नहीं हुआ
इसी बीच सामने आई नई दस्तावेजों ने मामले को और संवेदनशील बना दिया है, जिनमें एक ईमेल भी शामिल है जिसमें एपस्टीन ने दावा किया था कि ट्रंप "सब जानते थे." व्हाइट हाउस ने इसे राजनीतिक हमला बताया है.
ट्रंप का नाम पहले भी एपस्टीन केस की सार्वजनिक फाइलों में आ चुका है, लेकिन उनके खिलाफ किसी तरह के गलत काम का आरोप कभी साबित नहीं हुआ. रिपब्लिकन पार्टी में अब नजरें इस सप्ताह होने वाली वोटिंग पर हैं, जो तय करेगी कि यह मामला कितना आगे बढ़ पाता है.
aajtak.in