जापान में महंगे चावल को लेकर मंत्री ने दिया ऐसा बयान, पद से देना पड़ा इस्तीफा

पिछले साल की तुलना में चावल की कीमतों में दोगुनी बढ़ोतरी जापानी मतदाताओं के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बन गई है. सरकार कीमतों को नियंत्रित करने के लिए मार्च से ही अपने इमरजेंसी स्टोरेज से चावल जारी कर रही है, लेकिन इसका कोई खास असर नहीं पड़ा है.

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एक बयान से छिन गई मंत्री की कुर्सी एक बयान से छिन गई मंत्री की कुर्सी

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 21 मई 2025,
  • अपडेटेड 3:55 PM IST

जापान के कृषि मंत्री ताकू एतो ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. चावल को लेकर उनके एक बयान की आम लोगों और सांसदों की ओर से तीखी आलोचना हुई थी. इससे प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा की संकटग्रस्त सरकार के लिए नई चुनौती खड़ी हो गई है. हाल ही में मंत्री ने कहा था कि उन्हें चावल कभी नहीं खरीदना पड़ा क्योंकि यह उन्हें समर्थकों से गिफ्ट के तौर पर मिल जाता है. यह इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब देश के पारंपरिक मुख्य भोजन की रिकॉर्ड ऊंची कीमतों से जनता परेशान है.

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सरकार के सामने नई चुनौती

कृषि मंत्री ताकू एतो का बयान रविवार को लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के एक सेमिनार के दौरान आया, जो अल्पमत सरकार का नेतृत्व करती है. जुलाई में होने वाले राष्ट्रीय चुनाव से पहले यह गलती पार्टी के लिए परेशानी का सबब बन सकती है. बड़ी हार का मतलब नई सरकार हो सकता है या इसका मतलब यह हो सकता है कि प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा को पद छोड़ना पड़ेगा.

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इस बयान की वजह से मतदाताओं की ओर से तीखी आलोचना की गई, जो पहले से ही खराब फसल के कारण बढ़ी हुई मांग और ऐतिहासिक ऊंची कीमतों से नाराज थे. प्रधानमंत्री कार्यालय में अपना इस्तीफा सौंपने के बाद एतो ने कहा, 'मैंने ऐसे समय में बहुत गलत बयान दिया है, जब नागरिक चावल की बढ़ती कीमतों से परेशान हैं.'

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पर्यावरण मंत्री को मिला जिम्मा

प्रधानमंत्री इशिबा ने पूर्व पर्यावरण मंत्री शिंजिरो कोइज़ुमी को कृषि और मत्स्य पालन मंत्रालय में एतो की जगह नियुक्त किया और कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उनके सुधारवादी रुख से अच्छे नतीजे हासिल होंगे. इशिबा ने कहा कि कोइज़ुमी एक ऐसे व्यक्ति हैं जिनके पास कृषि और मत्स्य पालन में सुधार के लिए अनुभव, विजन और जुनून है.

पिछले साल की तुलना में चावल की कीमतों में दोगुनी बढ़ोतरी जापानी मतदाताओं के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बन गई है, जो वर्षों से सस्ते चावल खाने के आदी हैं. सरकार कीमतों को नियंत्रित करने के लिए मार्च से ही अपने इमरजेंसी स्टोरेज से चावल जारी कर रही है, लेकिन इसका कोई खास असर नहीं पड़ा है.

500 रुपये प्रति किलो कीमत

सोमवार को जारी आंकड़ों से पता चला कि सुपरमार्केट चावल की कीमतें 11 मई तक के सप्ताह में फिर से बढ़ गई हैं, 18 हफ़्तों में पहली बार गिरावट के बाद 5 किलो के बैग की कीमत 4,268 येन (करीब 2500 रुपये) हो गई है. ऊंची कीमतों के कारण खुदरा विक्रेताओं और उपभोक्ताओं ने सस्ते, विदेशी चावल की तलाश शुरू कर दी है.

इशिबा ने कहा कि कीमतें 3,000 येन और 3,999 येन के बीच होनी चाहिए और ऐसा होने के लिए कीमतों को स्थिर रखने के लिए उत्पादन में कमी को प्रोत्साहित करने की पिछली सरकार की नीति को उलटना जरूरी है.

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कोइज़ुमी बने 'चावल मंत्री'

ताकू एतो की जगह लेने वाले कोइज़ुमी, जिनके पिता जुनिचिरो ने 2000 के दशक में प्रधानमंत्री रहते हुए व्यापक सुधार और रेगुलेशन लागू किए थे, ने कहा कि इस समय हर किसी के दिमाग में चावल की बढ़ती कीमतें और बाजार में पर्याप्त मात्रा में चावल उपलब्ध है या नहीं, इस बात की चिंता है और मैं इन चिंताओं को दूर करना चाहता हूं.

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उन्होंने कहा कि मेरे पास कई तरह की जिम्मेदारियां हैं, लेकिन मेरे विचार से मुझे अभी सिर्फ चावल पर फोकस करना है. मैं पद पर इस मानसिकता के साथ जा रहा हूं कि मैं अनिवार्य रूप से 'चावल का प्रभारी मंत्री' हूं. कोइज़ुमी, जो पहले लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के कृषि डिवीजन के प्रमुख रह चुके हैं, ने कहा कि चावल की कीमतें कम करने के उनके प्रयासों में कोई कमी नहीं होगी, और इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए एक मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत होगी.

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