'नेतन्याहू रास्ता भटक चुके हैं...', इजरायली प्रधानमंत्री पर जमकर बरसे न्यूजीलैंड के PM

न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री ने कहा कि नेतन्याहू गाजा को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की बात नहीं सुन रहे हैं. नेतन्याहू अब इतना आगे बढ़ चुके हैं कि वह अपनी हद खो चुके हैं. हम रोजाना देख रहे हैं कि किस तरह गाजा पर हमले किए जा रहे हैं, जो पूरी तरह से अस्वीकार्य है.

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न्यूजीलैंड के पीएम क्रिस्टोफर लक्सन ने नेतन्याहू पर साधा निशाना (Photo: Reuters) न्यूजीलैंड के पीएम क्रिस्टोफर लक्सन ने नेतन्याहू पर साधा निशाना (Photo: Reuters)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 13 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 3:09 PM IST

गाजा युद्ध को लेकर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर इस समय चारों ओर से दबाव बना हुआ है. ऐसे में न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन (Christopher Luxon) ने नेतन्याहू की जमकर आलोचना की.

न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री ने कहा कि नेतन्याहू गाजा को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की बात नहीं सुन रहे हैं. नेतन्याहू अब इतना आगे बढ़ चुके हैं कि वह अपनी हद खो चुके हैं. वह पूरी तरह से रास्ता भटक चुके हैं. हम रोजाना देख रहे हैं कि किस तरह गाजा पर हमले किए जा रहे हैं, जो पूरी तरह से अस्वीकार्य है.

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लक्सन एकमात्र पश्चिमी नेता नहीं हैं, जिन्होंने खुलकर नेतन्याहू की आलोचना की है. उनसे पहले ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज भी नेतन्याहू को आईना दिखा चुके हैं.

वहीं, हंगरी के प्रधानमंत्री ओर्बन ने कहा कि रूस ने यूक्रेन युद्ध जीत लिया है. उन्होंने कहा कि यूक्रेन यह युद्ध हार चुका है और अब सवाल ये है कि पश्चिमी देश इस बात को कब स्वीकार करते हैं. उन्होंने यूक्रेन को सैन्य सहायता देने का भी विरोध किया है.

हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन ने 'Patriot' नाम के यूट्यूब चैनल को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि यूक्रेन यह युद्ध हार चुका है. लेकिन अब सवाल यह है कि यूक्रेन के पीछे खड़े पश्चिमी देश कब यह मानते हैं कि ऐसा हुआ है और इसका क्या नतीजा होगा. ओर्बन ने यूक्रेन को यूरोपीय संघ में शामिल करने का भी विरोध किया. उन्होंने कहा कि इससे हंगरी के किसानों और अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा.

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बता दें कि 2010 से सत्ता में आए ओर्बन की कुछ यूरोपीय नेताओं द्वारा रूस के साथ उनके संबंधों और यूक्रेन के लिए सैन्य सहायता का विरोध करने के लिए आलोचना की जाती रही है. वह यूक्रेन पर रूस के 2022 के हमले के बाद भी पुतिन के साथ अच्छे संबंध बनाए हुए हैं. हंगरी अपनी ज्यादातर ऊर्जा रूस से प्राप्त करता है और उसने यूक्रेन को हथियार भेजने से इनकार कर दिया है.

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