ईरानी महिला महसा अमीनी की मौत के बाद चल रहे हिजाब प्रदर्शन के बीच ईरान ने सऊदी अरब को धमकी दी है. इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के कमांडर-इन-चीफ जनरल हुसैन सलामी ने कहा है कि सऊदी अरब ईरान के युवाओं के साथ मीडिया गेम खेल रहा है, इसलिए हम उन्हें इसे लेकर चेतावनी दे रहे हैं.
जनरल सलामी ने कहा कि, 'वो खुलेआम हमारे यूथ को भड़का रहे हैं. हम उन्हें (सऊदी अरब) इन मीडिया चैनलों पर कंट्रोल करने की सलाह देते हैं, नहीं तो उन्हें इसकी कीमत चुकानी होगी.'
वहीं जनरल सलामी ने सीधा हमला बोलते हुए कहा कि, 'तुम ऐसी जगह दखल दे रहो हो जहां तुम खुद सवालों से घिर सकते हो, इसलिए बेहतर है कि सावधान रहो.'
दरअसल, पिछले कई सप्ताह से ईरान में पुलिस कस्टडी में महसा अमीनी की मौत को लेकर हिंसक प्रदर्शन जारी है. काफी संख्या में प्रदर्शनकारियों की मौत भी हो चुकी है. ईरान की सरकार इस प्रदर्शन को अंतराष्ट्रीय स्तर पर काफी हद तक दबाने की कोशिश भी कर रही है. लेकिन इसके बावजूद विदेशी मीडिया और सोशल मीडिया के जरिए लोग लगातार इस प्रदर्शन की जानकारी ले रहे हैं.
काफी ईरानी अधिकारियों का मानना है कि यह सब बाहरी मीडिया चैनलों के कारण हुआ है. इन मीडिया चैनलों में लंदन बेस्ड ईरान इंटरनेशनल न्यूज चैनल भी शामिल है, जिसको लेकर ईरान का कहना है कि इस चैनल को सऊदी अरब फंड कर रहा है.
ईरान के सांसद ने उठाई सऊदी के खिलाफ आवाज
सोमवार को ईरानी सांसद सैय्यद महमूद नबावियन ने ईरान के विदेश मंत्रालय से उन सभी देशों (खासतौर पर सऊदी अरब ) के खिलाफ कानूनी शिकायत दर्ज करने की मांग की, जो ईरान के खिलाफ मीडिया चैनल चला रहे हैं.
ईरानी नेता महमूद ने Fars News से बात करते हुए कहा कि विदेश मंत्रालय को उन सभी देशों के खिलाफ कानूनी एक्शन लेना चाहिए, जो ईरान के खिलाफ मीडिया वॉर छेड़े हुए हैं.
ईरानी सांसद ने बताया कि साइबर स्पेस पर नजर रखने की जरूरत है. उन्होंने आगे कहा कि गलत खबरों के खिलाफ खड़ा होना जरूरी है. साइबर स्पेस में छापी जा रही खबरें ना सिर्फ पब्लिक ओपिनियन को तोड़-मरोड़ कर पेश रही हैं, साथ ही काफी लोगों को शारीरिक और वित्तीय नुकसान भी पहुंचा रही हैं.
ईरानी सांसद ने कहा कि इंटरनेट की वर्चुअल दुनिया में ईरानी लोग सुरक्षा चाहते हैं, लेकिन मौजूदा समय में इसमें सिर्फ हिंसा को शह मिल रही है, झूठी खबरें फैल रही हैं. ईरानी नेता ने कहा कि जो भी वर्चुअल स्पेस में हो रहा है, वो ईरानी लोगों के खिलाफ किसी वैश्विक युद्ध जैसा ही है.
भयंकर साइबर वॉर से जूझ रहा ईरान
बता दें कि पिछले कुछ सप्ताह से ईरान को भयंकर साइबर वॉर से जूझना पड़ रहा है. ईरानी अधिकारियों का आरोप है कि यह बाहरी देशों से संचालित किया जा रहा है.
स्टैंडफोर्ड इंटरनेट ऑबसर्वेट्री (Stanford Internet Observatory) की हाल ही में आई स्टडी के अनुसार, अमेरिका की ओर से ईरान, चीन और रूस के खिलाफ सोशल मीडिया कैंपेन चलाए जा रहे हैं, जिससे उनकी पब्लिक ओपिनियन पर प्रभाव डाला जा सके. स्टडी में कहा गया कि इन कैंपनों के सहारे रूस, चीन और ईरान की खिलाफत करते हुए ऐसी चीजों को बढ़ावा दिया जा रहा है जो अमेरिकी हितों के अनुसार हैं.
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