'मरियम नवाज जापान और थाईलैंड जा सकती हैं तो...', इमरान खान ने पाकिस्तान आर्मी चीफ मुनीर पर साधा निशाना

72 वर्षीय पूर्व क्रिकेटर से नेता बने खान पिछले दो वर्षों से कई मामलों में जेल में बंद हैं. उनकी पार्टी का कहना है कि खान का असली गुनाह सिर्फ इतना है कि उन्होंने सैन्य प्रतिष्ठान की ताकत को चुनौती दी. उन्होंने खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर को निर्देश दिया कि वे अफगानिस्तान जाएं, वहां नेतृत्व से बैठकर आपसी मुद्दों, शांति और सुरक्षा पर चर्चा करें ताकि हालात और न बिगड़ें.

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इमरान खान ने आसिम मुनीर पर शांति भंग करने का आरोप लगाया (File Photo- PTI) इमरान खान ने आसिम मुनीर पर शांति भंग करने का आरोप लगाया (File Photo- PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 09 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:49 PM IST

जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर की अफगान नीति को त्रुटिपूर्ण बताते हुए कहा है कि उनकी दूरदृष्टि की कमी क्षेत्र की शांति को नष्ट कर रही है. 72 वर्षीय पूर्व क्रिकेटर से नेता बने खान पिछले दो वर्षों से कई मामलों में जेल में बंद हैं. उनकी पार्टी का कहना है कि खान का असली गुनाह सिर्फ इतना है कि उन्होंने सैन्य प्रतिष्ठान की ताकत को चुनौती दी.

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खान ने सोशल मीडिया पर लिखा, “अफगानिस्तान की मौजूदा सरकार का विरोध करने वाले लॉबी को खुश करने के प्रयास में आसिम मुनीर अपनी अल्पदृष्टि से उस शांति को नष्ट कर रहे हैं, जो हमारे कार्यकाल में स्थापित हुई थी. जहां मजबूत संबंध होने चाहिए थे, वहां हालात और बिगाड़े जा रहे हैं.”

उन्होंने कहा, “मुझे गहरा दुख है कि दशकों की मेहमाननवाज़ी के बाद अब हमारे अफगान भाइयों को पाकिस्तान से जबरन निकाला जा रहा है. जब अफगानिस्तान भूकंप से तबाह है, हमें उनकी मदद करनी चाहिए, न कि उन्हें बेदखल करना.”

खान ने खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर को निर्देश दिया कि वे अफगानिस्तान जाएं, वहां नेतृत्व से बैठकर आपसी मुद्दों, शांति और सुरक्षा पर चर्चा करें ताकि हालात और न बिगड़ें. उन्होंने सवाल उठाया कि जब पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज़ जापान और थाईलैंड जा सकती हैं, तो खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री शांति के लिए अफगानिस्तान क्यों नहीं जा सकते?

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इमरान खान ने कहा कि मौजूदा सैन्य अभियान, ड्रोन हमले और खैबर पख्तूनख्वा के अपनों की जबरन बेदखली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) की उस सरकार को कमजोर करने की कोशिश है, जो जनता के जनादेश से बनी थी. उन्होंने गंडापुर से अपील की कि वे इस अभियान का मजबूती से विरोध करें.

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