पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (73) और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को शनिवार को तोशाखाना-2 भ्रष्टाचार मामले में एक अदालत ने 17-17 साल की कैद की सजा सुनाई. इमरान खान ने इस सजा के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है. इसे देखते हुए रावलपिंडी में शनिवार को 1,300 से अधिक पुलिस अधिकारी और सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए ताकि कानून-व्यवस्था बनाए रखी जा सके.
अप्रैल 2022 में सत्ता से बेदखल होने और अगस्त 2023 से जेल में बंद इमरान खान कई कानूनी मामलों का सामना कर रहे हैं. अदियाला जेल में अपने वकीलों से बातचीत में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के संस्थापक ने अपने समर्थकों से देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करने का आग्रह किया. उन्होंने तोशाखाना-2 भ्रष्टाचार मामले में मिली सजा को 'मिलिट्री स्टाइल ट्रायल' बताया.
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, रावलपिंडी में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए दो पुलिस अधीक्षक, सात उपाधीक्षक, 29 इंस्पेक्टर और एसएचओ, 92 उच्च अधीनस्थ और 340 कांस्टेबल तैनात किए गए हैं. इसके अलावा, एलीट फोर्स कमांडो की सात सेक्शन, रैपिड इमरजेंसी की 22 यूनिट और एंटी-रायट मैनेजमेंट विंग के 400 जवान तैनात किए गए हैं. पुलिस ने प्रमुख स्थानों पर 32 पिकेट स्थापित किए, जिनकी निगरानी उच्च अधिकारी कर रहे हैं, जबकि एलीट फोर्स गश्त लगा रही है. सुरक्षा कर्मियों को रबर बुलेट और आंसू गैस लॉन्चर सहित दंगा-नियंत्रण उपकरण दिए गए हैं.
यह भी पढ़ें: इमरान खान और बुशरा बीबी को 17 साल की सजा, करप्शन केस में PAK कोर्ट का फैसला
एक्स पोस्ट में इमरान खान ने कहा, 'मैंने खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री सोहेल अफरीदी को सड़कों पर उतरकर आंदोलन की तैयारी के लिए संदेश भेजा है. पूरे राष्ट्र को अपने अधिकारों के लिए उठना होगा.' तोशाखाना-2 मामला 2021 में सऊदी सरकार से प्राप्त राज्य उपहारों में कथित धोखाधड़ी से संबंधित है. इमरान खान ने कहा कि उन्हें दी गई 17 साल कारावास की सजा आश्चर्यजनक नहीं है और उनकी कानूनी टीम इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देगी.
इमरान खान ने दावा किया कि यह फैसला जल्दबाजी में दिया गया, उनके पक्ष को सुना तक नहीं गया. उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें और उनकी पत्नी को एकांत कारावास में रखकर मानसिक यातना दी जा रही है. किताबें, टीवी और मुलाकातों पर प्रतिबंध है. इस बीच, पीटीआई के अलावा जमात-ए-इस्लामी ने भी पंजाब में 'ब्लैक लोकल गवर्नमेंट एक्ट 2025' के खिलाफ रविवार को प्रदर्शन की घोषणा की है. जेईएम ने इसे काला कानून बताया है और लाहौर से फैसलाबाद, मुल्तान से रावलपिंडी तक इसका विरोध करने का आह्वान किया है.
aajtak.in