Harvard पर ट्रंप का ताजा एक्शन, अब 100 मिलियन डॉलर के कॉन्ट्रैक्ट्स को रद्द करने का दिया निर्देश

डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के बीच विवाद और बढ़ गया है. अमेरिकी फेडरल एजेंसियों को हार्वर्ड के साथ 100 मिलियन डॉलर के सरकारी कॉन्ट्रेक्ट्स रद्द करने का निर्देश दिया गया है. यह कदम ट्रंप की हार्वर्ड के खिलाफ बढ़ती कार्रवाई का हिस्सा है, जिसमें फंडिंग कटौती और इंटरनेशनल स्टूडेट्स को लेकर कड़े कदम शामिल हैं.

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डोनाल्ड ट्रंप vs हार्वर्ड डोनाल्ड ट्रंप vs हार्वर्ड

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 27 मई 2025,
  • अपडेटेड 8:23 PM IST

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के बीच जारी तनाव अब और बढ़ गई हैं. एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि संघीय एजेंसियों को हार्वर्ड के साथ लगभग 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर के कॉन्ट्रेक्ट रद्द करने के लिए कहा गया है. यह प्रशासन और मशहूर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के बीच टकराव की एक नई कड़ी है.

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जनरल सर्विसेज एडमिनिस्ट्रेशन (GSA) ने फेडरल डिपार्टमेंट्स को एक चिट्ठी भेजी है जिसमें उन्हें हार्वर्ड के साथ जारी कॉन्ट्रेक्ट्स की समीक्षा कर उन्हें समाप्त करने और अन्य विकल्प तलाशने का निर्देश दिया गया है.

यह भी पढ़ें: 'हार्वर्ड के पास ₹4 अरब से ज्यादा फंड', अमेरिकी कोर्ट की रोक के बाद ट्रंप के तेवर गरम, मांगी 31% स्टूडेंट्स की डिटेल्स

2.6 बिलियन डॉलर से अधिक की सरकारी फंड्स को रोक

ट्रंप प्रशासन पहले ही हार्वर्ड को मिलने वाले 2.6 बिलियन डॉलर से अधिक की सरकारी फंड्स को रोक दिया था. अप्रैल में यह विवाद तब और गहरा गया जब हार्वर्ड ने ट्रंप प्रशासन की यूनिवर्सिटी की नेतृत्व, शासन और प्रवेश प्रक्रिया में बदलाव करने की मांग के खिलाफ मुकदमा दायर किया. इसके बाद से ट्रंप प्रशासन ने फंडिंग में कटौती की, इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के एडमिशन पर रोक लगाने की कोशिश की और यूनिवर्सिटी को टैक्स रिलीफ से भी वंचित करने की कोशिश की.

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अब रद्द किए जाने वाले 30 कॉन्ट्रेक्ट्स में 9 फेडरल एजेंसियों से जुड़े प्रोग्राम शामिल हैं, जिनमें वैज्ञानिक शोध, स्नातक छात्र सेवाए, और होमलैंड सिक्योरिटी अधिकारियों के लिए नेतृत्व प्रशिक्षण हैं. प्रशासन के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि कुछ अहम कॉन्ट्रेक्ट्स तुरंत नहीं रद्द किए जाएंगे लेकिन उन्हें अन्य वेंडर्स को सौंपा जाएगा. गौर करने वाली बात ये है कि ट्रंप की ये कार्रवाई ताजी है, और ये सिर्फ फेडरल कॉन्ट्रेक्ट्स पर लागू होते हैं, जिनकी वैल्यू 100 मिलियन डॉलर की है.

3 बिलियन डॉलर के फंड्स को रोकने की धमकी

हाल ही में, राष्ट्रपति ट्रंप ने सोशल मीडिया पर हार्वर्ड पर हमले तेज करते हुए कहा कि वह और 3 बिलियन डॉलर के ग्रांट्स काट सकते हैं और इस धनराशि को ट्रेड स्कूलों को दे सकते हैं. उन्होंने दावा किया कि हार्वर्ड में कई विदेशी छात्र हैं जिनके देशों ने शिक्षा में कोई योगदान नहीं दिया है, और कुछ देश अमेरिका के "दोस्त" नहीं हैं.

यह भी पढ़ें: 'विदेशी छात्रों के बिना हार्वर्ड, हार्वर्ड नहीं है...', ट्रंप के फैसले को यूनिवर्सिटी की सीधी चुनौती

ट्रंप ने कहा, "हम अभी भी हार्वर्ड से विदेशी छात्रों की सूची का इंतजार कर रहे हैं," उनका मानना है कि ऐसे छात्र राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हो सकते हैं. हालांकि, सरकार के पास पहले से ही सभी विदेशी छात्रों के वीजा और इमीग्रेशन रिकॉर्ड मौजूद हैं.

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इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के खिलाफ ट्रंप का अभियान

होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने हार्वर्ड से इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के अनुशासन और व्यवहार रिकॉर्ड मांगें, जिनके जवाब को प्रशासन ने गैर-मुनासिब बताया. यूनिवर्सिटी के खिलाफ इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के एडमिशन पर रोक लगाने की कार्रवाई को बोस्टन की एक फेडरल कोर्ट ने अस्थायी रूप से ब्लॉक कर दिया है.

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