ट्रंप के 'मेकिंग ऑफ गाजा' की राह क्लियर हुई, लेकिन हमास का No Surrender मोड बाधा न बन जाए!

गाजा पीस प्लान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से मंजूरी मिल गई है. गाजा को फिर से बसाने के लिए जो बोर्ड बना है उसके चीफ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप होंगे. इस वजह से इस बोर्ड से काफी उम्मीदें हैं, लेकिन गाजा पर खर्च होने वाला पैसा, गाजा की विकास की योजना पर अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं है.

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गाजा पीस प्लान को लेकर हमास के रोल पर संदेह कायम है.  (Photo: ITG) गाजा पीस प्लान को लेकर हमास के रोल पर संदेह कायम है. (Photo: ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 19 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 2:00 PM IST

गाजा अब नए भविष्य की बाट जोह रहा है. सुरक्षा परिषद ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तुत 20-बिंदुओं वाले गाजा पीस प्लान को व्यापक समर्थन के साथ मंजूरी दे दी है. इसके बाद गाजा के भविष्य को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक चर्चाएं शुरू हो गई हैं.  इस फैसले के बाद ट्रंप के नेतृत्व वाले ‘बोर्ड ऑफ पीस’ की देखरेख में 'नया गाजा' विकसित किया जाएगा. लेकिन ट्रंप को चुनौती हमास से मिल रही है जो अपने हथियार छोड़ने को फिलहाल तैयार नहीं है. 

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गाजा अब नए भविष्य की राह देख रहा है. नया गाजा पीस प्लान इस क्षेत्र "कट्टरपंथ" और "आतंक" मुक्त क्षेत्र के रूप में विकसित करने का विजन रखता है. जो अपने पड़ोसियों के लिए खतरा पैदा नहीं करता और जिसका पुनर्विकास वहां की जनता के लाभ के लिए किया जाएगा. 

गाजा पीस प्लान में इजरायल की सभी शंकाओं का ख्याल रखा गया है.

ट्रंप ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में परिषद द्वारा प्रस्ताव को अपनाए जाने का स्वागत किया और इसे "वास्तविक ऐतिहासिक क्षण" बताया. उन्होंने लिखा, "यह संयुक्त राष्ट्र के इतिहास में सबसे बड़ी स्वीकृतियों में से एक के रूप में दर्ज होगा और दुनिया भर में शांति को बढ़ावा देगा."

ट्रंप की लीडरशिप और गाजा का भविष्य

सबसे खास बात यह है कि ट्रंप गाजा के लिए बनाए गए 'बोर्ड ऑफ पीस' की अध्यक्षता स्वयं करेंगे. उन्होंने कहा कि इस बोर्ड में दुनिया भर के सबसे शक्तिशाली और सम्मानित नेता शामिल होंगे. 

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गाजा के लिए बनाया गया 'बोर्ड ऑफ पीस' एक अंतरराष्ट्रीय ट्रांजिशनल प्रशासनिक संस्था है, जो गाजा के नियंत्रण, पुनर्निर्माण और दीर्घकालिक स्थिरता के लिए कई महत्वपूर्ण कार्यों का संचालन करेगी. 

ट्रंप ‘बोर्ड ऑफ पीस’ के प्रमुख के तौर पर शासन प्रणाली पर विशेष नियंत्रण रखेंगे, इसमें शांति प्रक्रिया को तेज करने और अंतरराष्ट्रीय सहयोग सुनिश्चित करना शामिल होगा. 

राष्ट्रपति ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिकी, अरब और अन्य सहयोगी देशों के विशेषज्ञ गाजा के प्रशासन, फंड डिलीवरी और सुरक्षा व्यवस्था को देखेंगे. ​बोर्ड के तहत, ट्रंप-केंद्रित रणनीति के जरिये गाजा में विकास और स्थिरता को प्राथमिकता दी जाएगी. 

बोर्ड ऑफ पीस का काम क्या होगा

शासन व्यवस्था और प्रशासन: गाजा के दिन-प्रतिदिन के प्रशासन के लिए एक तकनीकी, अनुभवी और गैर-राजनीतिक फिलीस्तीनी कमेटी की नियुक्ति की जाएगी. यह कमेटी नागरिक सेवाओं, स्वास्थ्य, शिक्षा और सार्वजनिक वितरण के कार्य देखेगी, जिसकी निगरानी बोर्ड ऑफ पीस करेगा. 

पुनर्निर्माण और आर्थिक विकास: बोर्ड ऑफ पीस युद्धग्रस्त गाजा के पुनर्निर्माण, बुनियादी ढांचों का निर्माण और आर्थिक पुनरुत्थान की पूरी रूपरेखा तैयार करेगा. इसके लिए विश्व बैंक के जरिये अंतरराष्ट्रीय फंडिंग जुटाई जाएगी और पारदर्शी वितरण सुनिश्चित होगा.  

मानवीय सहायता और सेवाएं: बोर्ड ऑफ पीस गाजा में मानवीय सहायता, स्वास्थ्य सुविधाओं, आपातकालीन राहत और खाद्य सप्लाई को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समन्वित करेगा

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सुरक्षा और शांति व्यवस्था: बोर्ड ऑफ पीस का सबसे  बड़ा काम गाजा में शांति स्थापित करना है. इसके लिए यहां अंतरराष्ट्रीय स्थायित्व बल (International stabilisation force) विकसित किया जाएगा. इसमें कई देशों के सैनिक शामिल होंगे. ISF का काम सीमाओं की सुरक्षा, नागरिकों की रक्षा, युद्धविराम की निगरानी, और हमास समेत गैर-राज्य सशस्त्र समूहों के हथियारों को खत्म करना शामिल होगा. 

राजनीतिक संक्रमण और निगरानी: ट्रांजिशनल पीरियड में बोर्ड ऑफ पीस गाजा प्रशासन को एक नए फिलीस्तीन अथॉरिटी के हवाले करने की प्रक्रिया की देखरेख करेगा. 

अंतरराष्ट्रीय समन्वय: बोर्ड ऑफ पीस का काम अरब देशों, इज़रायल, मिस्र, संयुक्त राष्ट्र और अन्य प्रासंगिक अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के साथ सहयोग सुनिश्चित करना होगा ताकि दीर्घकालिक शांति और विकास संभव हो सके.

चुनौतियां

बोर्ड ऑफ पीस के सामने सबसे बड़ी चुनौती हमास साबित होने जा रही है. गाजा का पीस प्लान कहता है कि हमास के सदस्यों को हथियार सरेंडर करना होगा, इसके बदले में उन्हें गाजा में शांतिपूर्वक रहने की छूट होगी अथवा वे किसी दूसरे देश में भी जा सकेंगे. 

लेकिन हमास सार्वजनिक तौर पर हथियार डालने के अमेरिकी-इस्रायली आग्रह को मानने से इनकार कर रहा है. निजी वार्ताओं में हमास ने संकेत दिए हैं कि यदि इजरायल गाजा से पीछे हटे और लंबी अवधि का युद्धविराम हो तो वह भारी हथियारों को स्टॉक छोड़ सकता है, लेकिन अपनी सुरक्षा के लिए व्यक्तिगत हथियार रखना चाहता है..

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हमास की मांग है कि उसके लड़ाकों को सुरक्षित इलाके मिलें, और केवल गंभीर रूप से घायल लोगों को ही बाहर जाने दिया जाए. हमास ने ISF के रोल की भी आलोचना की है और इसकी निष्पक्षता पर भी सवाल उठाया है.

हमास का सशस्त्र ब्रिगेड अल-कासिम ब्रिगेड बार-बार कह चुका है कि "आत्मसमर्पण" उसका विकल्प नहीं है और इजरायल, अमेरिका सहित किसी के प्रस्ताव को वह स्वीकार नहीं करेगा जिससे उसके प्रतिरोध के अधिकार को नुकसान पहुंचे. हमास हथियारबंद हमले को अपना प्रतिरोध का अधिकार मानता है.

गाजा के नए पीस प्लान में इस क्षेत्र के लिए महात्वाकांक्षी आर्थिक योजनाओं का जिक्र है. लेकिन इसके लिए फंड कहां से आएगा, इसे किस तरह खर्च किया जाएगा, कौन खर्च करेगा और इसकी वसूली किस रूप में और किससे होगी इस पर अभी तक कुछ भी स्पष्ट नहीं है. इसलिए ट्रंप के प्लान को लेकर कई शंकाएं जाहिर की जा रही है. 
 

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