रविवार को नई दिल्ली में संपन्न हुए जी-20 शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक समेत दुनिया भर के तमाम बड़े देशों के प्रतिनिधियों ने शिरकत की. शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के इतर ऋषि सुनक पत्नी अक्षता मूर्ति के साथ अक्षरधाम मंदिर भी पहुंचे थे. हालांकि, ऋषि सुनक के भारत दौरे को लेकर ब्रिटिश अखबार 'द गार्जियन' ने टिप्पणी की है कि सुनक को भारत में उतनी तरजीह नहीं दी गई जितनी कि उन्हें उम्मीद थी.
जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए ऋषि सुनक शुक्रवार यानी 8 सितंबर को भारत पहुंचे थे. शिखर सम्मेलन में शिरकत और अक्षरधाम मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद कल यानी रविवार को वापस स्वदेश लौट गए. ऋषि सुनक के इस दौरे को लेकर 'द गार्जियन' ने हेडिंग दी है- ''ऋषि कौन? जी20 में भारत के करीब आने की होड़ में सुनक निर्धारित वरीयता क्रम से भी नीचे खिसक गए.''
पीएम मोदी ने ब्रिटिश पीएम को नहीं दी तरजीहः द गार्जियन
वेबसाइट ने आगे लिखा है, "ब्रिटिश पीएम शनिवार को आखिरकर अपने समकक्ष पीएम मोदी से तो मिले. लेकिन एक दिन के इंतजार के बाद और वो भी बिना किसी प्रभावशाली फोटो सेशन के. शनिवार को जब वो नरेंद्र मोदी से मिले तो यह मुलाकात वैसी नहीं थी, जैसी ब्रिटिश पीएम को उम्मीद थी."
ब्रिटिश अखबार ने आगे लिखा है, "भारत और ब्रिटेन क्रमशः दुनिया की पांचवीं और छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक के बीच मुलाकात एक दिन पहले यानी 8 सितंबर को ही नई दिल्ली स्थित पीएम आवास पर होने वाली थी. लेकिन कूटनीति कितनी क्रूर हो सकती है. सुनक ने इसे खुद महसूस किया होगा. सुनक को अगर पूरी तरह से उपेक्षित नहीं किया गया तो वो तरजीह भी नहीं दी गई जिसकी उन्हें उम्मीद थी.
पीएम मोदी के आवास पर होने वाले शानदार फोटो सेशन के बजाय दोनों नेता वहां मिले जहां भारत जी-20 सम्मेलन की मेजबानी कर रहा था. यानी भारत मंडपम में बने एक कक्ष में. क्योंकि पीएम मोदी का आवास अपने पूरे वैभव के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के लिए रिजर्व था.
'ब्रिटेन को दिखाया आईना'
वेबसाइट ने यह भी लिखा है कि कई लोगों का मानना है कि ब्रेक्जिट के बाद ब्रिटेन अब वैश्विक मंच पर और अधिक अलग-थलग हो गया है और ब्रिटिश पीएम सुनक को भारत में मिली कम तवज्जो से इस तर्क को और मजबूती मिलती है. सुनक के कार्यक्रम में बदलाव ने अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन की जटिल व्यवस्था और अस्थिर राजनीति को भी प्रतिबिंबित किया है, साथ ही वैश्विक मंच पर ब्रिटेन को अपनी स्थिति से अवगत कराया है.
हालांकि, बैठक के बाद ब्रिटिश पीएम उत्साहित थे. उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ कई मुद्दों पर बहुत गर्मजोशी भरी और सार्थक चर्चा हुई. उन्होंने विश्वास जताया है कि जल्द ही दोनों देशों के बीच एक व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए जा सकते हैं.
ऋषि सुनक अपने पसंदीदा रेस्टोरेंट भी नहीं जा सके
द गार्जियन ने आगे लिखा है, "शुक्रवार रात को होने वाली सुनक के साथ मुलाकात को रद्द करने वाले सिर्फ नरेंद्र मोदी ही नहीं थे. व्यापार अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी पहले से तय सुनक से मुलाकात को इस हवाले से रद्द कर दिया कि जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान सुरक्षा के मद्देनजर शहर की कई सड़कें बंद हैं.
ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक और उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति अपने पसंदीदा रेस्टोरेंट हल्दीराम या सरवना भवन भी नहीं जा सके, क्योंकि नरेंद्र मोदी के राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन के लिए पूरा शहर बंद था. जिसके कारण उन्होंने इंपीरियल होटल में अकेले खाना खाया, जिसे सुनक ने बहुत ही दुर्लभ (रेयर) डिनर करार दिया.
अखबार ने आगे लिखा है कि ब्रिटेन की अंदरूनी समस्याओं के बीच नई दिल्ली आने के बाद ऋषि सुनक की मेजबान भारत से कहीं ज्यादा उम्मीदें रही होंगी.
'खुद को बताया था भारत का दामाद'
ब्रिटिश अखबार द गार्जियन ने यह भी लिखा है, "प्रधानमंत्री बनने के बाद ऋषि सुनक की यह पहली भारत यात्रा थी. उन्होंने खुद को 'भारत का दामाद' भी बताया था. ऐसे में उन्हें उत्साहपूर्ण स्वागत की उम्मीद थी. लेकिन दिल्ली में शहरव्यापी बंद होने के कारण बहुत कम लोग ही सुनक से मिलने आए."
8 सितंबर को भारत पहुंचने के बाद मीडिया से बातचीत में जब सुनक से 'भारत के दामाद' कहे जाने के बारे में सवाल पूछा गया तो इसपर उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा था, "मुझे बेहद खास महसूस होता है. मैंने देखा है कि मुझे 'भारत का दामाद' कहा जाता है. मुझे उम्मीद है कि यह प्यार से ही कहा गया होगा. भारत एक ऐसा देश है जो मेरे बहुत करीब और प्रिय है."
इंफोसिस के सह-संस्थापक एन आर नारायणमूर्ति के दामाद हैं ब्रिटिश पीएम
ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक इंफोसिस के सह-संस्थापक एन आर नारायण मूर्ति के दामाद हैं. ऋषि सुनक की पत्नी अक्षता मूर्ति दिग्गज कारोबारी नारायण मूर्ति और सुधा मूर्ति की एकलौती बेटी हैं. अक्षता की ऋषि सुनक से पहली मुलाकात स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में हुई थी. इसके चार साल बाद 2009 में बेंगलुरु में अक्षता और ऋषि ने शादी की थी.
जी-20 समिट से ब्रिटेन को क्या मिला?
द गार्जियन ने लिखा है," जी-20 शिखर सम्मेलन से ब्रिटेन के लिए सबसे बड़ी कूटनीतिक सफलता भारतीय व्यापार समझौते की दिशा में प्रगति हो सकती है. दोनों देश पिछले 18 महीने से अधिक समय से बातचीत कर रहे हैं. ब्रिटिश अधिकारियों को यह उम्मीद है कि इस वर्ष के अंत में इस समझौते पर हस्ताक्षर किए जा सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो सरकार का मानना है कि इससे उस तर्क को कम करने में मदद मिल सकती है कि ब्रिक्जिट से निकलने के बाद ब्रिटेन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कमजोर हुआ है. साथ ही पीएम सुनक के लिए एक राजनीतिक जीत हो सकती है."
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