फातिमा पेमान (Fatima Peman) ने ऑस्ट्रेलिया की संसद में सीनेट पद पर काबिज हो गई हैं. उन्होंने वेस्ट आस्ट्रेलिया की छठी सीनेट सीट जीत ली है. अफगान-ऑस्ट्रेलियाई मूल की फातिमा पेमान संसद में हिजाब पहनने वाली पहली मुस्लिम महिला बन गई हैं.
अफगानिस्तान की पूर्व शरणार्थी पेमैन की जीत विश्व शरणार्थी दिवस पर हुई है. लिबरल सीनेटर माइकया कैश और डीन स्मिथ के साथ लेबर सीनेटर सू लाइन्स और ग्लेन स्टर्ल के फिर से चुने जाने के बाद फातिमा एकमात्र नई सीनेटर हैं. जबकि एक सीट ग्रीन सीनेटर डोरिंडा कॉक्स ने जीती है.
सीट जीतने के बाद पेमान ने अपनी जीत की खुशी जताई. उन्होंने कहा कि हम जीत गए. मुझे यह घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है कि मुझे आधिकारिक तौर पर वेस्ट ऑस्ट्रेलिया के लिए एक सीनेटर के रूप में चुना गया है. आपके प्यार और समर्थन के लिए आप सभी का धन्यवाद. हमने यह कर दिखाया.
अफगानिस्तान से आया था फातिमा का परिवार
फातिमा पेमान कई साल पहले अपने माता-पिता और तीन भाई-बहनों के साथ अफगानिस्तान से एक शरणार्थी के रूप में पहुंचीं थीं. जब वह ऑस्ट्रेलिया आई थीं, अपने बचपन में ही उन्होंने एक देश से दूसरे देश में शिफ्ट होने की पीड़ा झेली थी. फातिमा का बचपन पर्थ में बीता.
दिनभर काम करते थे फातिमा के पिता
जब फातिमा का परिवार अफगानिस्तान से ऑस्ट्रेलिया आया तो जीवनयापन के लिए उन्हें कड़ा संघर्ष करना पड़ा. लिहाजा फातिमा के पिता दिनभर काम किया करते थे. इस दौरान उन्होंने रसोइया, सुरक्षा गार्ड औऱ टैक्सी ड्राइवर का भी काम किया. इसके बाद उन्होंने अपना एक छोटा सा व्यवसाय भी किया.
पिता को देख फातिमा ने ली प्रेरणा
रिपोर्ट के मुताबिक फातिमा के पिता काम करते थे, और घर की देखभाल उनकी मां किया करती थीं. जब वह छोटी थीं, तब अपने माता-पिता की कड़ी मेहनत से प्रेरित होकर पेमान ने यूनाइटेड वर्कर्स यूनियन के लिए काम करना शुरू किया. 2018 में फातिमा पेमान ने अपने पिता को ल्यूकेमिया में खो दिया. इसके बाद उन्होंने फैसला किया कि वह अपनी तरह ही मेहनती ऑस्ट्रेलियाई लोगों का प्रतिनिधित्व करना चाहती हैं, उनकी आवाज उठाना चाहती हैं, उनके जैसे लोगों के दर्द को कम करना चाहती हैं.
पेमान ने कई बेड़ियों को तोड़ा
अपने जीवन में फातिमा को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है. जब वह सामाजिक जीवन में आईं तो उन्होंने कई बेड़ियों को तोड़ा. इसके साथ ही फातिमा ने महिलाओं, युवाओं और विविध समुदायों के लिए लड़ाई लड़ी. उनकी बाधाओं को खत्म करने की कोशिश की.
क्या कह रहे हैं सांसद फातिमा के साथी
फातिमा की जीत के बाद उन्हें लगातार बधाइयां मिल रही हैं. डब्ल्यूए सांसद पैट्रिक गोर्मन ने कहा कि मुझे गर्व है कि हमारा राज्य कैनबरा में हमारा प्रतिनिधित्व करने के लिए फातिमा को भेज रहा है. सीनेटर चुनी गईं Fatima Payman अफगानिस्तान की संस्कृति को सहेजे हुए हैं. वह ऑस्ट्रेलियाई मुस्लिम हैं. वह गरीब और मजदूरों की आवाज उठाने वाली सशक्त महिला हैं. लेबर सीनेटर लाइन्स ने कहा कि फातिमा आज आज इतिहास बना रही हैं. वहीं शरणार्थियों के केंद्र के सीईओ और संस्थापक कोन कारापानगियोटिडिस ने फातिमा पेमान की इस जीत को "अद्भुत" बताया.
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