ट्रंप की ताजपोशी: कैपिटल वन एरिना पर उमड़ा हुजूम, भारतीयों में भी उत्साह... गौरव सावंत की ग्राउंड रिपोर्ट

डोनाल्ड ट्रंप आज अमेरिकी राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे. ट्रंप के शपथग्रहण से पहले उनके वर्तमान आवास के आसपास कैपिटल वन एरिना पर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा है. भारतीय मूल के लोगों में भी ट्रंप 2.0 को लेकर भारी उत्साह दिख रहा है.

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अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी से ग्राउंड रिपोर्ट अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी से ग्राउंड रिपोर्ट

गौरव सावंत

  • वाशिंगटन डीसी,
  • 20 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 1:36 PM IST

अमेरिका में निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आज पद एवं गोपनीयता की शपथ लेने जा रहे हैं. इसके साथ ही अमेरिका में आज से ट्रंप 2.0 का आगाज हो जाएगा. दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति का अब तक का सबसे बड़ा शपथग्रहण समारोह भारतीय समयानुसार रात 10.30 बजे होना है. अमेरिकी संसद भवन कैपिटल हिल में होने जा रहे इस शपथग्रहण समारोह को कवर करने के लिे आजतक के रिपोर्टर्स की टीम ग्राउंड पर है. इस टीम में शामिल गौरव सावंत की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट...

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बारिश-बर्फबारी के बीच सड़कों पर हुजूम

कैपिटल वन एरिना के आसपास काफी हलचल देखने को मिल रही है. अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का यही पता है जो उनके शपथ ग्रहण करने से के बाद बदल जाएगा. बर्फबारी और बारिश भी ट्रंप समर्थकों का उत्साह कम नहीं कर पाईं और बड़ी संख्या में लोग अपने चहेते नेता के आवास के आसपास जुटे हुए हैं. पांच से सात किलोमीटर लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं जिनमें बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक शामिल हैं. एफबीआई से लेकर पुलिस तक सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए मुस्तैद हैं. लोगों की भीड़ में जीत का उत्साह है ही, उम्मीद भी नजर आ रही है कि ट्रंप क्या चेंज लाने वाले हैं.

चार डिग्री सेल्सियस तापमान के बावजूद बड़ी संख्या में कैपिटल वन एरिना पहुंचे ट्रंप समर्थकों ने बॉर्डर सुरक्षा और नीतिगत मुद्दों पर बड़े फैसलों की उम्मीद जताई और कहा कि अब अमेरिकन अधिक सुरक्षित होंगे. समर्थकों ने यह भी कहा कि ट्रंप एक बिजनेसमैन हैं और हमें देश को आगे ले जाने के लिए बिजनेसमैन की जरूरत है. एक बिजनेसमैन देश चलाएगा तो देश आगे बढ़ेगा. इलाके में सुरक्षा के लिए सेना को भी तैनात किया गया है. ट्रंप समर्थकों ने 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन' लिखी टोपी पहन रखी थी.

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भारत-अमेरिका संबंधों के लिहाज से ये कार्यकाल महत्वपूर्ण

ट्र्ंप के शपथ ग्रहण समारोह को लेकर भारतीय मूल के लोगों में भी खासा उत्साह नजर आया. गौरव सावंत ने भारतीय मूल के आरोग्य स्पेशलिस्ट डॉक्टर दया प्रसाद कुलकर्णी और प्रमित माकुडे से बात की. प्रमित माकुडे ने भारत के नजरिये से ट्रंप 2.0 को लेकर सवाल पर कहा कि इस बड़ी जीत के पीछे मागा (मेक अमेरिका ग्रेट अगेन) और अमेरिका फर्स्ट है.

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उन्होंने कहा कि भारत के नजरिये से ये चिंताएं जरूर रहेंगी लेकिन निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच जिस तरह के संबंध और इक्वेशंस हैं, ट्रंप 2.0 में हमें भारत के नजरिये से अच्छे नतीजे देखने को मिलेंगे. चीन को काउंटर करने, चीन को किनारे करने के लिहाज से भी ट्रंप सरकार का ये कार्यकाल महत्वपूर्ण होगा.

एच1बी वीजा के लेकर क्या होगा ट्रंप सरकार का स्टैंड?

एक सवाल के जवाब में प्रमित माकुडे ने कहा कि एक दिन पहले कैबिनेट रिसेप्शन था जहां पुरानी कैबिनेट और नई कैबिनेट के सदस्य मौजूद थे. इस रिसेप्शन में तमाम दिग्गजों की मौजूदगी में भी लोग विवेक रामास्वामी, तुलसी गबार्ड और काश पटेल से मिलना चाह रहे थे. भारतीय मूल के सितारों को लेकर ये उत्साह देख वास्तव में महान अनुभव था. इनके होने से अमेरिकी लोगों में भारतीयों के प्रति सम्मान बढ़ा है.

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उन्होंने ये भी कहा कि ट्रंप मेरिटोक्रेसी में विश्वास करते हैं और उसी आधार पर कैबिनेट सहयोगियों का चयन भी किया है. प्रमित माकुडे ने ये भी कहा कि कल कैबिनेट रिसेप्शन में हेल्थ केयर सेक्टर को लेकर भी बात हो रही थी. ये देखकर आश्चर्यचकित था कि बड़े बड़े डॉक्टर्स भी योगा और ट्रेडिशनल मेडिसीन की बात कर रहे थे. हॉलिस्टिक हेल्थकेयर की अधिक लागत भी चिंता की बात है. इसमें भारत बड़ा रोल निभा सकता है. ट्रंप प्रशासन भारत से नर्स, डॉक्टर लाकर यहां की हालत सुधारने के लिए एक्स्ट्रा एफर्ट कर सकता है.

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एच1बी वीजा को लेकर प्रमित माकुडे ने कहा कि बेसिक नॉलेज वालों के लिए मुश्किल होगी. विवेक रामास्वामी और एलॉन मस्क ने स्पष्ट कहा कि अमेरिका को इंजीनियर्स की जरूरत है लेकिन एक परसेंट इंजीनियर्स की जरूरत है. अगर आप एक्सपर्ट हैं तो एच1बी वीजा कोई प्रॉब्लम नहीं है. वहीं, डॉक्टर कुलकर्णी ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत और अमेरिका के बीच सहयोग बढ़ने की उम्मीद जताई. उन्होंने ये भी कहा कि पर्यटन और टूरिज्म के क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने का बड़ा मौका है.

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