चीन ने आर्थिक तंगहाली से जूझते अपने करीबी मित्र देश पाकिस्तान को एक बार फिर बड़ी राहत दी है. पाकिस्तान को पिछले हफ्ते दो अरब का कर्ज चुकाना था लेकिन चीन ने अब कर्ज लेने की तारीख को बढ़ा दिया है. पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने शुक्रवार को कहा कि चीन ने पिछले हफ्ते मैच्योर होने वाले दो अरब डॉलर के कर्ज को रोलओवर कर दिया है.
पाकिस्तान फिलहाल विदेशी मुद्रा की भारी कमी से जूझ रहा है. 24 मार्च को खत्म हुए सप्ताह में पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार गिरकर 4.2 अरब डॉलर हो गया. बैंक ने बताया कि विदेशी मुद्रा भंडार में कमी का कारण विदेशी कर्ज का भुगतान है. ऐसे में अगर पाकिस्तान को दो अरब डॉलर का चीनी कर्ज भी चुकाना पड़ता तो उसके डिफॉल्ट होने की संभावना प्रबल हो जाती.
हालांकि, चीन ने उसे ऐसी किसी स्थिति से फिलहाल बचा लिया है. पाकिस्तान मौजूदा विदेशी मुद्रा भंडार से केवल चार हफ्ते तक ही विदेशी आयात कर पाएगा. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से 1.1 अरब डॉलर के बेलआउट किस्त पर किसी तरह की सहमति नहीं बन पा रही है जिससे पाकिस्तान की स्थिति बेहद खराब होती जा रही है.
रोलओवर पर क्या बोले पाक वित्त मंत्री?
पाकिस्तानी वित्त मंत्री ने चीन की मदद का जिक्र करते हुए पाकिस्तान की संसद में कहा, 'मुझे यह पुष्टि करते हुए खुशी हो रही है कि रोलओवर को 23 मार्च को लागू कर दिया गया है.' उन्होंने कहा कि सभी संबंधित दस्तावेज पूरे कर लिए गए हैं. इशाक डार ने यह नहीं बताया कि अब पाकिस्तान को दो अरब डॉलर का यह कर्ज कब देना है और इसकी शर्तें क्या हैं.
हालांकि, न तो चीन और न ही चीन के केंद्रीय बैंक ने इस रोलओवर की खबरों का जवाब दिया है.
पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया था कि प्रक्रिया पूरी होने के बाद रोलओवर की औपचारिक पुष्टि की जाएगी.
IMF बेलआउट पैकेज के इंतजार में पाकिस्तान
पाकिस्तान की तत्कालीन इमरान खान सरकार ने साल 2019 में आईएमएफ से 6.5 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज पर हस्ताक्षर किया था. बाद में इस बेलआउट पैकेज की राशि को एक अरब डॉलर से बढ़ाकर 7.5 अरब डॉलर कर दिया गया था. पाकिस्तान और आईएमएफ के बीच बेलआउट पैकेज की 1.1 अरब डॉलर की किस्त के लिए कई दौर की बातचीत हो चुकी है.
पाकिस्तान ने आईएमएफ की कड़ी शर्तों को मानते हुए सभी जरूरी वस्तुओं सहित पेट्रोलियम के दाम को बढ़ाया है और सब्सिडी भी काफी कम कर दी है. बावजूद इसके, पाकिस्तान और आईएमएफ के बीच स्टाफ लेवल का समझौता नहीं हो पा रहा है.
स्टाफ लेवल समझौते की एक शर्त पाकिस्तान को विदेशी कर्ज का आश्वासन मिलना भी है. हालांकि, अब तक पाकिस्तान को केवल एक दोस्त, चीन से कर्ज का आश्वासन मिला है. चीन ने पाकिस्तान को पिछले महीने 1.8 अरब डॉलर का री-फाइनेंस किया था.
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