भारत से तनाव के बीच चीन ने कार्गो प्लेन में भरकर पाकिस्तान को भेजे हथियार? PLA ने दी सफाई

चीन हाल के दिनों में पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ा हथियार सप्लायर बनकर उभरा है, जिसने 2020 से 2024 तक चीन के हथियारों की खरीद का 81 प्रतिशत हिस्सा हासिल किया है. इस खरीद में नए फाइटर जेट, रडार, नेवी शिप, पनडुब्बियां और मिसाइलें शामिल हैं.

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चीन ने बयान जारी कर दी सफाई चीन ने बयान जारी कर दी सफाई

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 13 मई 2025,
  • अपडेटेड 11:54 AM IST

भारत और पाकिस्तान के बीच अब सीजफायर का ऐलान हो चुका है, बावजूद इसके पाकिस्तान सीमा पर अपनी नापाक करतूतों से बाज नहीं आ रहा है. भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों समेत 11 एयरबेस को तबाह कर दिया. पाकिस्तान ने भारत पर हमले के लिए तुर्की और चीन में बने हथियारों का इस्तेमाल किया, लेकिन भारतीय सेना ने पाकिस्तान के हर हमले को नाकाम किया है.

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चीन ने PAK को भेजे हथियार?

इस बीच ऐसी कुछ रिपोर्ट्स आईं जिनमें दावा किया गया था कि भारत से संघर्ष के बीच चीन ने पाकिस्तान को कार्गो प्लेन भेजकर हथियारों की सप्लाई की है. लेकिन अब चीन की सेना ने इस खबरों का खंडन करते हुए अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है.

पीपुल्स लिबरेशन एयर फोर्स (PLAF) ने इस बात से इनकार किया है कि उसका शीआन Y-20 कार्गो प्लेन पाकिस्तान में हथियारों की सप्लाई लेकर गया है. चीनी रक्षा मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर छपी एक रिपोर्ट में कहा गया कि इंटरनेट पर 'Y-20 से पाकिस्तान को राहत सामग्री पहुंचाने' के बारे में जानकारी देखने के बाद, वायु सेना ने एक बयान में कहा कि इस तरह के दावे झूठे हैं.

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पीएलए ने कई फोटो और शब्दों के स्क्रीनशॉट भी पोस्ट किए, जिनमें गलत जानकारी दी गई थी. साथ ही हर स्क्रीनशॉट पर लाल रंग से 'अफवाह' लिखा हुआ था. रिपोर्ट में कहा गया है, 'इंटरनेट कानून से परे नहीं है! जो लोग सैन्य-संबंधी अफवाहें फैलाते हैं, उन्हें कानूनी रूप से जिम्मेदार ठहराया जाएगा!'

पाकिस्तान हथियारों का बड़ा खरीदार

पीएलए, जिसके अपने पाकिस्तानी समकक्ष के साथ मजबूत संबंध हैं, की ओर से यह खंडन अहम माना जा रहा है, क्योंकि दो दिन पहले ही भारत और पाकिस्तान के बीच सभी तरह की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनी थी.

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन हाल के दिनों में पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ा हथियार सप्लायर बनकर उभरा है, जिसने 2020 से 2024 तक चीन के हथियारों की खरीद का 81 प्रतिशत हिस्सा हासिल किया है. इस खरीद में नए फाइटर जेट, रडार, नेवी शिप, पनडुब्बियां और मिसाइलें शामिल हैं.

दोनों देश संयुक्त रूप से जे-17 विमान बनाते हैं, जो पाकिस्तान वायु सेना (PAF) के लिए बहुत अहम है. पाकिस्तान की ओर से चीनी हथियारों के बड़े पैमाने पर इस्तेमाल और दोनों देशों के बीच रिश्तों को देखते हुए, चीनी सरकारी मीडिया ने पिछले कुछ दिनों में भारत-पाकिस्तान सैन्य टकराव में काफी रुचि दिखाई है. इसमें भारतीय विमानों को मार गिराने सहित पाकिस्तान के कई दावों को दोहराया है.

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भारत ने 9 आतंकी अड्डे किए तबाह

भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों को तबाह करने के लिए 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया था. इस ऑपरेशन में करीब 100 आतंकियों के मारे जाने की बात सामने आई है, जिनमें तीन बड़े आतंकी भी शामिल हैं.

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इसके एक दिन बाद ही पाकिस्तान ने भारत में कई हवाई ठिकानों पर बड़े हमले की कोशिश की. लेकिन भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने हर हमले को नाकाम करते हुए मजबूती के साथ जवाबी कार्रवाई की है. इसके उलट चीन के सरकारी मीडिया ने पाकिस्तान की ओर से विमानों को मार गिराने के दावों को प्रमुखता से पेश किया गया, लेकिन भारतीय वायुसेना के जवाबी हमले, रडार सिस्टम और एयर स्पेस पर हुए हमलों को चीन ने हैरान करने वाला बताया है.

सीजफायर पर कही ये बात

बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास ने सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स को चेतावनी दी है कि वह सोशल मीडिया पर मैसेज पोस्ट करने से पहले उसके कंफर्म जरूर कर ले. कूटनीतिक मोर्चे पर चीन ने कहा कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने में भूमिका निभाएगा. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने सोमवार को मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच 'सीजफायर' दोनों देशों के हित में है और यह क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए भी बेहतर है.

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उन्होंने कहा, 'इंटरनेशन कम्युनिटी भी यही उम्मीद करती है. चीन इस ताजा घटनाक्रम का समर्थन और स्वागत करता है.' साथ ही चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि उम्मीद है कि भारत और पाकिस्तान सीजफायर को मजबूत करेंगे और इसे जारी रखेंगे, आगे के संघर्ष से बचेंगे, बातचीत के जरिए मतभेदों को संभालेंगे और राजनीतिक समाधान के रास्ते पर फिर से लौटेंगे.

भारतीय सेना की ओर से बताया गया है कि पाकिस्तान ने देश के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने के लिए चीन और तुर्की में निर्मित हथियारों का इस्तेमाल किया था, जिनमें ड्रोन से लेकर मिसाइलें तक शामिल थीं. लेकिन भारत के मजबूत एयर डिफेंस और एंट्री ड्रोन टेक्नोलॉजी के आगे किसी भी देश के हथियार नहीं टिक सके, सभी को तबाह कर दिया गया.

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