ऑस्ट्रेलिया ने समंदर किनारे मिले मलबे की जांच की, भारत को लेकर किया खुलासा

कुछ दिनों पहले ऑस्ट्रेलिया के तट पर एक रहस्यमयी वस्तु मिली थी जिसने वहां के स्थानीय लोगों के बीच कौतूहल पैदा कर दिया था. पहले तो कयास लगाए गए कि यह चंदयान-3 की लॉन्चिंग से जुड़ा हो सकता है. हालांकि, इसे तुरंत खारिज कर दिया गया. अब ऑस्ट्रेलिया की अंतरिक्ष एजेंसी ने एक बार फिर इसका संबंध भारत से जोड़ा है.

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ऑस्ट्रेलिया के तट पर मिली वस्तु (Photo-Australian Space Agency/Twitter) ऑस्ट्रेलिया के तट पर मिली वस्तु (Photo-Australian Space Agency/Twitter)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 31 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 2:39 PM IST

चंद्रयान-3 की सफल लॉन्चिंग के कुछ दिनों बाद ही ऑस्ट्रेलिया के समुद्र तट पर एक ऑब्जेक्ट पाया गया था जो आम लोगों और वैज्ञानिकों के बीच चर्चा का विषय बन गया था. उस वक्त ये कहा गया कि ये वस्तु चंद्रयान-3 अभियान से जुड़ी हो सकती है. हालांकि, भारत की अंतरिक्ष एजेंसी ने इसे खारिज कर दिया था. अब ऑस्ट्रेलिया की अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा है कि समुद्र तट पर मिले ऑब्जेक्ट का संबंध भारत से है.

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ऑस्ट्रेलिया की अंतरिक्ष एजेंसी ने सोमवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए गए एक ट्वीट में लिखा, 'पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में ज्यूरियन खाड़ी के पास समुद्र तट पर बहकर आई वस्तु संभवतः भारत के पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) के तीसरे चरण का मलबा है. पीएसएलवी इसरो का मध्यम भार का लॉन्च व्हीकल है.'

ऑस्ट्रेलियाई एजेंसी ने आगे लिखा कि मलबे को सुरक्षित रखा गया है और वो इसरो के साथ मिलकर इसके उचित निपटान के लिए काम कर रही है.

ऑस्ट्रेलियाई अंतरिक्ष एजेंसी ने मलबे की जो तस्वीर साझा की है, उसमें समुद्र तट पर एक बड़ा सा कांस्य रंग का धातु का सिलिंडरनुमा ऑब्जेक्ट पड़ा दिख रहा है. ज्यूरियन खाड़ी के पास रहने वाले स्थानीय निवासी ग्रार्थ ग्रिफिक्स ने ऑस्ट्रेलिया की एबीसी न्यूज को बताया कि वस्तु की लंबाई लगभग 10 फीट और चौड़ाई 8 फीट है.

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चंद्रयान 3 से जोड़ा गया था मलबे को

पहले कयास लगाए गए थे कि यह मलबा 14 जुलाई को लॉन्च हुए चंद्रयान-3 से जुड़ा हो सकता है. चंद्रयान की लॉन्चिंग में पीएसएलवी रॉकेट का इस्तेमाल किया गया था. हालांकि, इन दावों को तुंरत ही खारिज कर दिया गया क्योंकि मलबे पर भारी मात्रा में समुद्री जीव बार्नाकल लिपटे हुए थे. यह दिखाता है कि ऑब्जेक्ट हाल का नहीं बल्कि महीनों से समुद्र में पड़ा था जो अब तैरते हुए तट पर आ गया है.

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा था कि यह भारत का हो भी सकता है और नहीं भी. एजेंसी की तरफ से कहा गया था कि जब तक वस्तु का परीक्षण नहीं हो जाता, इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती है कि यह हमारी है या नहीं. 

जुलाई में ही, ऑस्ट्रेलियाई अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा था कि हो सकता है यह मलबा किसी विदेशी स्पेस लॉन्च व्हीकल का हो जो समुद्र में गिर गया हो. एजेंसी ने कहा कि आगे का विश्लेषण करने के लिए वो विश्व की बाकी अंतरिक्ष एजेंसियों के संपर्क में है.  

यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी की इंजीनियर ने क्या कहा था?

यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी की इंजीनियर एंड्रिया बोएड ने कहा था कि उनके सहकर्मियों का मानना है कि हिंद महासागर में मिली यह वस्तु भारतीय रॉकेट का हिस्सा है जो किसी सैटेलाइट को लॉन्च करते वक्त गिर गया होगा.

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एबीसी न्यूज से बात करते हुए उन्होंने कहा था, 'ऑब्जेक्ट के आकार और बनावट को देखते हुए हम बिल्कुल दावे के साथ कह सकते हैं कि यह एक भारतीय रॉकेट का अपर स्टेज इंजन है जो कई तरह के मिशन के लिए इस्तेमाल किया जाता है.' 

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