31 अगस्त की डेडलाइन पर कायम US, अफगानिस्तान में खतरों के बीच Exit plan पर काम जारी

अफगानिस्तान संकट (Afghanistan Crisis ) के बीच अमेरिका (America) का काबुल (Kabul) से लोगों का निकालना जारी है. इस बीच हुए गुरुवार को हुए बम धमाकों से साफ है कि अमेरिका का निकासी मिशन सुरक्षित नहीं है.

Advertisement
अफगानिस्तान से अमेरिका का निकासी मिशन जारी है. (फाइल फोटो) अफगानिस्तान से अमेरिका का निकासी मिशन जारी है. (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 28 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 9:33 AM IST
  • अन्य देशों के नागरिकों को भी मदद दिलाएगा अमेरिका
  • अमेरिका और तालिबान के बीच तय हुई थी 31 अगस्त की डेडलाइन
  • फिलहाल तालिबान के साथ काम करने के अलावा विकल्प नहीं: प्रेस सेक्रेटरी

अफगानिस्तान संकट (Afghanistan Crisis ) के बीच अमेरिका (America) का काबुल (Kabul) से लोगों का निकालना जारी है. इस बीच हुए गुरुवार को हुए बम धमाकों से साफ है कि अमेरिका का निकासी मिशन सुरक्षित नहीं है. आईएसआईएस-के (ISIS-K)  के आतंकी हमलों के खतरों के बीच अमेरिका 31 अगस्त तक की डेडलाइन तक निकासी मिशन पर कायम है.

व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी जेन साकी ने कहा कि वहां हमेशा खतरा बना हुआ है और हमारे जवान इस सबके बीच अब भी वहीं हैं. यह हमारे मिशन का सबसे खतरनाक हिस्सा है. उन्होंने कहा कि मिशन अब खत्म होने की तरफ है. सैन्य कमांडर और जवान हथियार समेत वापस आ रहे हैं. यह हिस्सा किसी भी मिशन का सबसे खतरनाक होता है. इन सबके बीच काबुल में अमेरिकी सेना के सामने आईएसआईएस-के का खतरा भी बना हुआ है.

Advertisement

बता दें कि  गुरुवार को काबुल एयरपोर्ट पर दो आत्मघाती हमलावरों के हमले में काबुल के हामिद करजई एयरपोर्ट पर 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी जिसमें अमेरिकी सेना के 13 जवान भी शामिल थे. आईएसआईएस खुरासान ने इस हमले की जिम्मेदारी ली.

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी जेन साकी कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि सेना अपने मिशन को जारी रखने, आने वाले दिनों में देश से और लोगों को निकालने के लिए, और 31 अगस्त तक अपने मिशन को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है.

इसपर भी क्लिक करें- क्या है ISIS और ISIS-K में अंतर? तालिबान क्यों मानता है सबसे बड़ा दुश्मन, जानिए

उन्होंने कहा कि कुछ दिनों में अफगानिस्तान में अमेरिकी जवानों की संख्या और कम हो जाएगी और ऐसे में मिशन को पूरा करना और सेना की सुरक्षा भी काफी अहम है. साकी ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडेन ने विदेश मंत्री को निर्देश दिए हैं कि वह इंटरनेशनल पाटनर्स से कूटनीतिक तरीकों से अफगानिस्तान में लोगों की सुरक्षा तय करें. अमेरिकी सेना के यहां से जाने के बाद भी अफगानिस्तान और अन्य देशों के नागरिकों को वीजा मिल सके और वे यहां से निकल सकें.

Advertisement

उन्होंने कहा कि इसके लिए तालिबान के साथ बातचीत और समन्वय बनाने होंगे. अमेरिका को तालिबान पर भरोसा नहीं है लेकिन फिलहाल तालिबान के साथ काम करने के अलावा कोई विकल्प नजर नहीं आता है. उन्होंने कहा कि तालिबान के साथ बातचीत और समन्वय के चलते ही अमेरिका ने अबतक 105,000 लोगों की अफगानिस्तान से निकासी कराई है.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement