पाकिस्तान अपनी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के मकसद से आस-पड़ोस के देशों के साथ व्यापारिक रिश्ते बहाल करने की कोशिश में है. लिहाजा, विवादित मुद्दों पर नरमी बरतने की कोशिश कर रहा है. कश्मीर का मसला हो या अफगानिस्तान, पाकिस्तान के रुख में तेजी से बदलाव आए हैं. कश्मीर से अनुच्छेद 370 को रद्द किए जाने के बाद से सख्त रुख अख्तियार करने वाला पाकिस्तान अब भारत से पर्दे पीछे से बातचीत करने की कोशिश कर रहा है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी कश्मीर को लेकर कई बार बयान दे चुके हैं.
इस बीच, पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी ने कश्मीर पर प्रधानमंत्री इमरान खान के बदलते रुख का बचाव किया है. राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी ने कहा कि कश्मीर पर पीएम इमरान खान के बयानों में बदलाव कोई यू-टर्न नहीं है बल्कि एक नेता को अपना रवैया हालात के मुताबिक बदलते रहना चाहिए.
पाकिस्तानी डॉन न्यूज टीवी को एक दिए इंटरव्यू में राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी ने कहा है कि कश्मीर पर प्रधानमंत्री इमरान खान के बयानों में स्पष्ट बदलाव यू-टर्न नहीं था, और एक नेता को स्थिति के अनुसार अपना रुख बदलना चाहिए.
पीएम इमरान खान कश्मीर के मसले पर लगातार बोल रहे हैं. हालिया बयानों को देखकर माना जा रहा है कि इमरान खान का कश्मीर पर रुख नरम पड़ा है. इमरान खान ने पिछले महीने कहा था कि पाकिस्तान भारत के साथ तब तक संबंध सामान्य करने की दिशा में आगे नहीं बढ़ेगा जब तक कि वह कश्मीर की पूर्व स्थिति को बहाल नहीं कर दिया जाता, जो कि उनसे छीनना एक 'विश्वासघात' था.
इमरान खान ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को दिए इंटरव्यू में भी कश्मीर पर राय जाहिर की थी. पाकिस्तानी पीएम का कहना था कि पाकिस्तन भारत के साथ बात करने के लिए तैयार है. मगर वह कश्मीर की पुरानी स्थिति लागू करने के लिए कोई रोडमैप मुहैया कराए.
यह पूछे जाने पर कि क्या दोनों बयान प्रधानमंत्री इमरान खान के रुख में बदलाव को नहीं दर्शाते हैं, राष्ट्रपति अल्वी ने कहा: "कई बार, लोग बदलाव को यू-टर्न कहते हैं, लेकिन बदलते हालात और नई वजहों के अनुसार अपना निर्णय बदलना चाहिए."
राष्ट्रपति अल्वी ने कहा कि एक नेता के लिए उनके बोले गए शब्दों को पत्थर पर खिंची हुई लकीर की तरह नहीं देखना चाहिए. उन्होंने कहा कि मुख्य बात सिद्धांतों से समझौता नहीं होना चाहिए. पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने कहा, "यहां तक कि मैंने अपने जीवन के कई फैसलों की समीक्षा की है."
पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने कहा, 'भारत ने कश्मीर की विशेष दर्जा निरस्त कर और लोगों का दमन करके इस मसले का अंतरराष्ट्रीयकरण किया है जो 'बेवकूफाना' काम है.' राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी ने अफगानिस्तान में बदलती स्थिति और अंतरराष्ट्रीय गठबंधनों पर कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान उभरती परिस्थितियों के साथ बेहतर न्याय कर सकते हैं.
कश्मीर की तरह ही इमरान खान का रुख अफगानिस्तान पर बदल रहा है. विदेशी सैनिकों की वापसी के बाद अफगानिस्तान में तालिबान की गतिविधियों पर निगरानी के लिए पाकिस्तान अपना एयरबेस अमेरिका को दे रहा है. हालांकि आधिकारिक तौर पर इमरान खान की सरकार यह बात स्वीकार करने से कतरा रही है. लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि अफगानिस्तान से विदेशी सैनिकों की वापसी पाकिस्तान के लिए एक मौका है. वह अमेरिका से इसे कैश करना चाहता है. साथ ही पाकिस्तान एयरबेस की सुविधा मुहैया करा कर पाकिस्तान कश्मीर के मुद्दे पर अमेरिकी की तरफ से भारत पर दबाव बनाए जाने की रणनीति पर काम कर रहा है.