नूरुल बना नारायण! पश्चिम बंगाल में पकड़े गए दो बांग्लादेशी घुसपैठिए, फर्जी डॉक्यूमेंट्स से बने भारतीय

पुलिस का दावा है कि बांग्लादेश का रहने वाला नूरुल हक कुछ साल पहले भारत आया और नारायण अधिकारी बन गया. उसने भारतीय नागरिक के तौर पर फर्जी पहचान पत्र बनवाने के लिए जाली दस्तावेज भी बनाए थे. फर्जी दस्तावेजों की मदद से उसके लिए वोटर कार्ड, आधार कार्ड और पैन कार्ड बनवाए गए.

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पश्चिम बंगाल में पकड़े गए दो बांग्लादेशी घुसपैठिए पश्चिम बंगाल में पकड़े गए दो बांग्लादेशी घुसपैठिए

राजेश साहा

  • कोलकाता,
  • 13 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 5:32 PM IST

पश्चिम बंगाल पुलिस ने भारत में अवैध घुसपैठ के आरोप में बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले से एक बांग्लादेशी नागरिक नूरुल हक को गिरफ्तार किया है. पुलिस का दावा है कि बांग्लादेश का रहने वाला नूरुल हक कुछ साल पहले भारत आया और नारायण अधिकारी बन गया. उसने भारतीय नागरिक के तौर पर फर्जी पहचान पत्र बनवाने के लिए जाली दस्तावेज भी बनाए थे. 

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फर्जी दस्तावेजों की मदद से उसके लिए वोटर कार्ड, आधार कार्ड और पैन कार्ड बनवाए गए. बांग्लादेश का नूरुल हक भारत आकर अपना नाम बदलकर कई साल से उत्तर 24 परगना जिले के दत्तपुकुर के काजीपारा में रह रहा था. बांग्लादेश में अशांति के बाद पश्चिम बंगाल पुलिस ने अवैध घुसपैठियों की पहचान के लिए सीमावर्ती इलाकों में निगरानी बढ़ा दी है. 

मकान मालिक भी निकला बांग्लादेशी

इस बीच, जिला पुलिस को गुप्त सूत्रों से नारायण अधिकारी नामक व्यक्ति के बारे में जानकारी मिली. पूछताछ के दौरान पता चला कि नारायण उत्तर 24 परगना में मछली पालन का काम करता है. वह पिछले कुछ साल से किराए के मकान में रहता है. मकान मालिक रफीकुल इस्लाम और नारायण अधिकारी पर राज्य की एजेंसियां नजर बनाए हुए थीं.

इस दौरान पता चला कि न सिर्फ नारायण बल्कि उसका मकान मालिक रफीकुल भी बांग्लादेशी नागरिक है और कुछ साल पहले ही भारत में घुसपैठ कर आया था. भारत आने के बाद उसने फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड बनवाकर जमीन खरीदी और अपना मकान बनवाया. स्थानीय लोग रफीकुल को इलाके के एक निजी डॉक्टर के तौर पर जानते हैं. संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों के बारे में पुष्टि होने पर पुलिस ने रविवार को रफीकुल के घर पर छापेमारी की.

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भारत आकर नूरुल बन गया नारायण

छापेमारी के दौरान नारायण अधिकारी और एक अन्य बांग्लादेशी घुसपैठिया रफीकुल इस्लाम को दत्तपुकुर स्थित आवास से गिरफ्तार किया गया. पुलिस का दावा है कि नारायण अधिकारी का असली नाम नूरुल हक है. भारत में घुसपैठ करने के बाद वह नारायण बन गया. रफीकुल फर्जी दस्तावेजों से आधार कार्ड, वोटर कार्ड बनवाता था. उसका मूल घर बांग्लादेश के मदारीहाट में है.

किसकी मदद से बनाए फर्जी दस्तावेज?

पुलिस दोनों घुसपैठियों से पूछताछ कर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उनके लिए फर्जी दस्तावेज कैसे बनाए गए और किसने उनकी मदद की. पता चला है कि नूरुल हक साढ़े तीन साल से अधिक समय से रफीकुल इस्लाम के घर में रह रहा था. रविवार को दोनों आरोपियों को बारासात कोर्ट में पेश किया गया. दोनों को 14 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. उनसे पूछताछ कर यह भी पता लगाया जा रहा है कि कहीं कोई घुसपैठिया इस इलाके में फर्जी पहचान के साथ तो नहीं रह रहा है.

बॉर्डर के बड़े हिस्से पर अभी भी बाड़ नहीं

बांग्लादेश में अशांति के बाद से पड़ोसी मुल्क से अवैध रूप से सीमा पार करके भारत आने वालों की संख्या में वृद्धि हुई है. पश्चिम बंगाल में बांग्लादेश की लगभग आधी सीमा पर अभी भी बाड़ नहीं लगी है, जिसके कारण भारत बांग्लादेश सीमा के उस असुरक्षित हिस्से से लगभग पूरे साल घुसपैठ जैसी घटनाएं होती रहती हैं.

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पुलिस ने बढ़ाई सतर्कता

बीएसएफ के एक सूत्र ने आजतक को बताया, 'साल 2024 में पश्चिम बंगाल के दक्षिण सीमांत क्षेत्र में बीएसएफ ने 2400 से अधिक अवैध घुसपैठियों को पकड़ा. लेकिन पिछले अगस्त में हुई अशांति के बाद बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद से घुसपैठियों की संख्या में वृद्धि हुई है. ऐसे में सीमा पर बीएसएफ और सीमावर्ती जिलों में पुलिस ने सतर्कता बढ़ा दी है.'

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