'अगर CAA थोपने की कोशिश होगी तो उनकी टांगें तोड़ देंगे...', BJP और चुनाव आयोग को TMC मंत्री ने दी धमकी

टीएमसी नेता फिरहाद हकीम ने कहा कि कोई भी वास्तविक मतदाता वोटर सूची से नहीं कटेगा और अगर BJP व ECI मिलकर CAA जैसा कुछ थोपने की कोशिश करेंगे तो वे कड़ा विरोध करेंगे.

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सर्वदलीय बैठक के बाद फिरहाद हकीम ने चुनाव आयोग पर कड़ा रुख अपनाया (Photo: Anibarn/ITG) सर्वदलीय बैठक के बाद फिरहाद हकीम ने चुनाव आयोग पर कड़ा रुख अपनाया (Photo: Anibarn/ITG)

अनिर्बन सिन्हा रॉय

  • कोलकाता,
  • 28 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 7:55 PM IST

पश्चिम बंगाल के CEO ने मंगलवार को सर्वदलीय बैठक बुलाकर SIR प्रक्रिया और वोटर गिनती के फॉर्म तथा पहचान के मुद्दों पर दलों को जानकारी दी. इस बैठक के दौरान राजनीति और प्रशासकीय विषयों पर कड़ी बहस हुई, जिससे तनातनी देखने को मिली. 

बतौर प्रतिनिधि, टीएमसी मंंत्री फिरहाद हकीम ने कहा कि उनका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी वास्तविक मतदाता वोटर सूची से कटा हुआ न रहे. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर BJP और चुनाव आयोग मिलकर CAA थोपने की कोशिश करते हैं या वोटर पहचान को लेकर दबाव बनाते हैं, तो वह सख्त रुख अपनाएंगे. अगर CAA थोपने की कोशिश होगी तो उनकी टांगें तोड़ देंगे

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हाकिम ने बैठक में यह भी कहा कि उन्होंने एक मामले का हवाला दिया, जिसमें उत्तर 24 परगना के एक व्यक्ति ने कथित तौर पर आत्महत्या की और उसने अपनी बरी हुई चिट्ठी में NRC को जिम्मेदार बताया. इस संदर्भ को उन्होंने उठाकर पहचान और सूची से जुड़ी संवेदनशीलता पर बल दिया.

बैठक में विशेष रूप से वोटर गिनती फॉर्म और लोगों की पहचान को लेकर सवाल उठे. कुछ दलों ने फॉर्म और प्रक्रिया पर आशंकाएं जताईं, जिससे चर्चा तीव्र हो गई. बंगाल CEO ने बैठक का आयोजन SIR को लेकर जानकारी देने के लिए किया था, और इसी दौरान यह तनाव उभरा. 

यह भी पढ़ें: ममता की चेतावनी और TMC की धमकियों के बीच बंगाल में कैसे होगा SIR? चुनाव आयोग ने दिया जवाब

हाकिम का संदेश

फिरहाद हकीम ने दोहराया कि उनका उद्देश्य किसी भी जायज़ मतदाता की हानि रोकना है और उन्होंने स्पष्ट किया कि वे मतदाताओं की पहचान और सुरक्षा पर समझौता नहीं होने देंगे. उनकी चेतावनी का अर्थ स्पष्ट था कि किसी भी प्रकार की अवैध या जबरन कार्यवाही का वे विरोध करेंगे.

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बैठक के बाद राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी रहे. हाकिम की तीखी भाषा और चेतावनी ने राजनीतिक बहस को और गर्म कर दिया. इस बैठक और उसके बाद की प्रतिक्रिया ने SIR और पहचान के मुद्दे पर चुनौतीपूर्ण सवाल उठाए हैं. 

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