अर्जेंटीना के फुटबॉल सुपरस्टार लियोनेल मेसी के कोलकाता दौरे के दौरान हुए हंगामे को लेकर पश्चिम बंगाल में सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. साल्ट लेक स्थित विवेकानंद युवा भारती स्टेडियम में अव्यवस्था और तोड़फोड़ के बाद जहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने माफी मांगते हुए कहा कि वह घटनाक्रम से गहराई से आहत और स्तब्ध हैं तो वहीं भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इसे बंगाल और फुटबॉल दोनों का अपमान करार देते हुए तृणमूल कांग्रेस (TMC) सरकार पर सीधा हमला बोला है.
दरअसल, शनिवार को मेसी अपने बहुप्रचारित G.O.A.T टूर के तहत स्टेडियम पहुंचे थे, लेकिन कथित कुप्रबंधन के कारण वह महज 10 मिनट में ही मैदान छोड़कर चले गए. महंगे टिकट खरीदकर स्टेडियम पहुंचे हजारों फुटबॉल प्रेमियों को इससे गहरा झटका लगा. निराश दर्शकों के एक वर्ग ने स्टेडियम में विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बाद बोतलें फेंके जाने, होर्डिंग्स को नुकसान पहुंचाने और सुरक्षा बलों के हस्तक्षेप की खबरें सामने आईं. हालात बिगड़ते देख मेसी और अन्य वीवीआईपी को कड़ी सुरक्षा में बाहर निकाला गया.
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर BJP आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह मगरमच्छ के आंसू बहा रही हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि यह अव्यवस्था और भ्रष्टाचार तृणमूल सरकार की कार्यशैली का हिस्सा बन चुका है. मालवीय ने कहा कि इस घटना ने बंगाल के लोगों की भावनाओं और फुटबॉल प्रेमियों का अपमान किया है. उन्होंने राज्य के खेल मंत्री अरूप बिस्वास और मंत्री सुजीत बोस के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने, उन्हें पद से हटाने और दर्शकों को पूरा टिकट रिफंड देने की मांग की.
बीजेपी ने खेल मंत्री के इस्तीफे की मांग की
वहीं BJP की बंगाल इकाई ने भी इसे राज्य की सांस्कृतिक छवि को नुकसान पहुंचाने वाला करार दिया और मुख्यमंत्री व खेल मंत्री के इस्तीफे की मांग की. पार्टी ने टिकट घोटाले का आरोप लगाते हुए कहा कि लोगों से 8,000 से 10,000 रुपये तक वसूले गए और मेसी के दौरे को राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल किया गया.
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शुभंकर सरकार ने भी सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि प्रशासनिक तंत्र पूरी तरह विफल रहा है और इस अव्यवस्था से बंगाल की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धूमिल हुई है.
टीएमसी ने आयोजन से खुद को अलग किया
वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने खुद को इस आयोजन से अलग बताते हुए कहा कि कार्यक्रम एक निजी एजेंसी द्वारा आयोजित किया गया था. TMC प्रवक्ता तौसीफ रहमान ने दावा किया कि पार्टी की इसमें कोई भूमिका नहीं थी. पार्टी नेता कुणाल घोष ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि राज्य सरकार ने मेसी से माफी मांगते हुए जांच समिति गठित की है. साथ ही उन्होंने नारेबाजी, तोड़फोड़ और झंडों को लेकर सवाल उठाते हुए साजिश की आशंका भी जताई.
उधर, BJP प्रदेश अध्यक्ष शमिक भट्टाचार्य ने स्टेडियम में भगवा झंडे को लेकर उठे विवाद पर कहा कि इसमें कुछ भी असामान्य नहीं है. कुल मिलाकर, मेसी के दौरे में हुई अव्यवस्था अब खेल से आगे बढ़कर बंगाल की राजनीति का बड़ा मुद्दा बन चुकी है.
मुख्य आयोजक को हिरासत में लिया गया
पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक (DGP) राजीव कुमार ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि हालात नियंत्रण में हैं और कानून-व्यवस्था बहाल कर दी गई है. कुमार ने स्वीकार किया कि कई प्रशंसक इसलिए नाराज़ थे क्योंकि वे मेसी को खेलते देखने या मैदान पर अधिक समय बिताते देखने की उम्मीद कर रहे थे. उन्होंने यह भी जोड़ा कि आयोजकों ने लिखित आश्वासन दिया है कि निराश टिकट धारकों को रिफंड दिया जाएगा.
बाद में पुलिस महानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था) जावेद शमीम ने पुष्टि की कि मामले की औपचारिक जांच शुरू कर दी गई है. शमीम ने कहा, “इस स्तर पर हम यह नहीं कह सकते कि जिम्मेदार कौन है. जांच जारी है और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.” उन्होंने यह भी बताया कि स्टेडियम के आसपास की स्थिति अब सामान्य है और मुख्य आयोजक को जांच के तहत हिरासत में लिया गया है.
कोलकाता के बाद अब हैदराबाद पहुंचे मेसी
बता दें कि कोलकाता, मेसी के तीन दिवसीय भारत दौरे का पहला पड़ाव था, जिसके बाद हैदराबाद, मुंबई और दिल्ली के कार्यक्रम प्रस्तावित हैं. हालांकि प्रशासन का कहना है कि अब स्थिति शांतिपूर्ण है, लेकिन इस अव्यवस्थित शुरुआत ने जश्न के बजाय जवाबदेही पर ध्यान केंद्रित कर दिया है. आयोजकों पर सवाल खड़े हो रहे हैं और प्रशंसक वादा किए गए रिफंड का इंतजार कर रहे हैं.
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