'नौ साल बाद नौकरी खत्म करना गलत...', कलकत्ता हाईकोर्ट ने 32000 शिक्षकों की नियुक्ति बहाल की

पश्चिम बंगाल में शिक्षकों के सांस में फिर उम्मीद की जान लौटी है. लौटे भी क्यों न - 32,000 शिक्षकों की नौकरी जाने से अब बच गई है. कलकत्ता हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया कि सभी शिक्षकों की नियुक्तियों में अनियमितताएं साबित नहीं हुई हैं.

Advertisement
हाईकोर्ट ने कहा कि पूरी चयन प्रक्रिया रद्द करना उचित नहीं (Photo: PTI) हाईकोर्ट ने कहा कि पूरी चयन प्रक्रिया रद्द करना उचित नहीं (Photo: PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 03 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 4:51 PM IST

कलकत्ता हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने वह सिंगल बेंच ऑर्डर रद्द कर दिया, जिसमें 2014 के TET (शिक्षक पात्रता परीक्षा) के ज़रिए भर्ती हुए 32,000 प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्तियां खत्म कर दी गई थीं. ये मामला पश्चिम बंगाल के चर्चित कैश-फॉर-जॉब्स घोटाले से जुड़ा था. इस घोटोले में प्रदेश के बड़े-बड़े नेताओं के भी नाम आ चुके हैं.

कोर्ट ने कहा कि सभी नियुक्तियों को ‘अनियमित’ नहीं माना जा सकता. जिन शिक्षकों ने नौ साल सेवा कर ली है, उनकी नौकरी छीन लेना परिवारों पर बहुत बड़ा असर डालेगा. 

Advertisement

जस्टिस तापब्रत चक्रवर्ती की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि पूरी भर्ती प्रक्रिया को रद्द करना उचित नहीं, क्योंकि गड़बड़ियां सभी मामलों में साबित नहीं हुई हैं.

CBI की जांच में 264 नियुक्तियों में अनियमितता पाई गई थी, और बाद में 96 और मामलों पर शक जताया गया. ऐसे में पूरे चयन को रद्द करने का आधार नहीं बनता. 

कोर्ट ने कहा, “कुछ असफल उम्मीदवारों के आरोपों के चलते पूरे सिस्टम को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। नौ साल बाद नौकरी छीनना असंभव कठिनाई पैदा करेगा.”

यह भी पढ़ें: "9 साल, 26000 नौकरियों का संकट... मंत्री की गिरफ्तारी से ममता सरकार की मुसीबत तक, जानें स्कूल जॉब घोटाले की कहानी

पहले के फैसले में सिंगल बेंच ने यह कहते हुए नियुक्तियां रद्द की थीं कि अप्टीट्यूड टेस्ट नहीं हुआ, भर्ती में बाहरी एजेंसी शामिल थी, और नौकरियों की बिक्री के आरोप लगे थे.

Advertisement

यह विवाद उन याचिकाओं से शुरू हुआ था, जिनमें उम्मीदवारों ने 2014 की भर्ती में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का आरोप लगाया था. मामला डिवीजन बेंच तक इसलिए पहुंचा क्योंकि पहले सुनवाई करने वाले जज ने खुद को मामले से अलग कर लिया था.

इससे पहले इसी साल सुप्रीम कोर्ट ने 2016 की भर्ती में 25,000 नौकरियों को रद्द करने के आदेश को बरकरार रखा था. 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement