2 लाख से ज्यादा कर्मचारियों की सैलरी पर योगी सरकार ने दी बड़ी राहत, आया नया फरमान

उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं देने वाले कर्मचारियों को अतिरिक्त मौका दिया गया है. साथ ही ऐसे कर्मचारियों की सैलरी भी नहीं रोकी गई है. इससे पहले संपत्ति का ब्यौरा देने के लिए 31 अगस्त तक का टाइम दिया गया था.

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Yogi Adityanath Yogi Adityanath

आशीष श्रीवास्तव

  • लखनऊ,
  • 03 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 11:23 AM IST

उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से अपनी संपत्ति का ब्यौरा न देने वाले 2.44 लाख कर्मचारियों को एक और मौका दिया गया है. सरकार की तरफ से टाइम देकर कहा गया है कि कर्मचारी अपनी संपत्ति का ब्यौरा सौंप दें. इससे पहले सरकार की तरफ़ से अगस्त का वेतन रोकने की बात कही गई थी. लेकिन कर्मचारियों की तरफ़ से टाइम मांगा गया था. जिसके बाद सरकार ने टाइम एक्सटेंड कर दिया है.

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इससे पहले मुख्य सचिव ने 31 अगस्त तक हर हाल में मानव संपदा पोर्टल पर चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा देने के निर्देश दिए थे. तय तिथि तक राज्य सरकार के 71 फीसदी कार्मिकों ने ही अपनी संपत्ति का खुलासा किया था. जबकि 2.44 लाख कर्मचारियों ने संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया था. 

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इन विभाग के कर्मचारियों से मांगा गया था ब्यौरा

यूपी सरकार ने संपत्ति का ब्यौरा नहीं देने वाले कर्मचारियों की सैलरी अभी नहीं रोकी है. हालांकि, अगर अब कर्मचारी निर्धारित समय तक संपत्ति का ब्यौरा नहीं देंगे, तो उनकी सैलरी रोक दी जाएगी. ऐसी स्थिति के लिए कर्मचारी खुद जिम्मेदार होंगे. 

आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में कुल 846640 राज्य कर्मी हैं. इनमें से 602075 ने ही मानव संपदा पोर्टल पर चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा दिया था. जिन विभागों ने ब्यौरा दिया है, उनमें टेक्सटाइल, सैनिक कल्याण, ऊर्जा, खेल, कृषि और महिला कल्याण विभाग, बेसिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, चिकित्सा स्वास्थ्य, औद्योगिक विकास और राजस्व विभाग शामिल हैं. 

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डीपीपी मुख्यालय की तरफ से भेजा गया था पत्र

डीजीपी मुख्यालय ने नियुक्ति विभाग को पत्र भेजकर उनके कार्मिकों के लिए संपत्ति का ब्यौरा देने के लिए कुछ अतिरिक्त समय दिए जाने का अनुरोध किया था. पत्र में कहा गया था कि त्योहारों और पुलिस भर्ती परीक्षा के कारण तमाम पुलिस कर्मी समय से अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं दे पाए. 

इस संबंध में मुख्य सचिव मनोज सिंह ने बताया कि जिन कर्मचारियों ने अभी तक संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया था, उन्हें अतिरिक्त समय दिया गया और उनकी सैलरी भी नहीं रोकी गई है. अलग-अलग विभाग के कर्मचारियों के लिए अलग-अलग डेट निर्धारित की गई है.  

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