उत्तर प्रदेश के आगरा में घने कोहरे के साथ कड़ाके की ठंड पड़ रही है. ऐसे में जब ज़्यादातर लोग रजाई-कंबल में दुबके हुए थे, उसी समय डीसीपी ट्रैफिक सोनम कुमार सड़कों पर नजर आए. फुटपाथ पर खुले आसमान के नीचे सो रहे गरीब और बेसहारा लोगों को उन्होंने अपने हाथों से कंबल ओढ़ाए. आईपीएस का गरीब-गुरबा-बेसहारा लोगों को कंबल ओढ़ाने की पहल का 19 सेकंड का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.
इस संबंध में आईपीएस सोनम कुमार ने बताया कि वह अपनी पत्नी के नाना की याद में हर साल कंबल वितरण करते हैं. जितनी उनकी आयु होती है उतने ही कंबल गरीब गुरबा और बेसहारा के बीच जाकर बांटते हैं. उनका कहना है कि यह काम उन्होंने निजी तौर पर किया था और वीडियो अपलोड कर दिया था. क्योंकि, उनका मानना है कि अगर सक्षम लोग जरूरतमंदों की मदद करेंगे तो समाज में बेहतरी आएगी और लोग भी ऐसे काम करेंगे, जिससे जरूरतमंदों की मदद हो सकेगी.
वायरल वीडियो में दिख रहा है कि ठंड और कोहरे के बीच सादी ड्रेस में आईपीएस सोनम कुमार सड़क किनारे सो रहे लोगों के पास पहुंचते हैं, फिर उन्हें सावधानी से कंबल ओढ़ाते हैं, इसके बाद चुपचाप वहां से निकल जाते हैं. सो रहे शख्स को इसकी भनक नहीं लगती.
जानिए आईपीएस सोनम के बारे में
बिहार के नालंदा निवासी आईपीएस सोनम कुमार ने दिल्ली से पढ़ाई की है. उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग (B.E.) की है. इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद सोनम को अमेरिका की एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब मिल गई. उन्होंने चालक रहित वाहन चलाने की चिप पर सन 2008 से काम शुरू किया था और उन्हें इसमें काफी सफलता भी मिली थी.
आज जो चालक रहित वाहन चलाने की बात हो रही है उसकी पृष्ठभूमि में एक नाम सोनम कुमार का भी है. इन सबके बीच अचानक उनके जेहन में यूपीएससी एग्जाम क्रैक करने का विचार आया और उन्होंने इसकी जबरदस्त ढंग से तैयारी शुरू कर दी. 2016 में सोनम ने इस कठिन परीक्षा को पास कर लिया और आईपीएस बन गए. इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि के चलते वे पुलिसिंग में तकनीक और नवाचार के लिए विशेष रूप से पहचाने जाते हैं. मीडिया और पुलिस महकमे में उन्हें “सॉफ्टवेयर-इंजीनियर IPS” और “डिजिटल-इनोवेटर” के तौर पर भी जाना जाता है.
आगरा पुलिस कमिश्नरेट में डीसीपी सिटी और ट्रैफिक जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए सोनम कुमार ने पुलिसिंग को डिजिटल बनाने की दिशा में कई पहल की हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने और उनकी टीम ने आईआईटी कानपुर के सहयोग से साइबर अपराध की जानकारी, रोकथाम और जनसुविधा से जुड़े करीब आठ डिजिटल ऐप/टूल्स विकसित किए. इन नवाचारों का उद्देश्य फरियादियों और पुलिस के बीच की प्रक्रियाओं को सरल बनाना, शिकायतों की पारदर्शी मॉनिटरिंग और ट्रैफिक प्रबंधन को अधिक प्रभावी बनाना रहा है.
जनसुनवाई और शिकायत मॉनिटरिंग के लिए डिजिटल मॉड्यूल, फरियादी द्वारा ऑडियो-वीडियो साक्ष्य अपलोड कर ट्रैकिंग की सुविधा और पुलिस दस्तावेजों की आसान खोज के लिए RAG (रिट्रीवल-ऑगमेंटेड जनरेशन) आधारित AI टूल- इन सभी पहलों में सोनम कुमार की सक्रिय भूमिका रही है. आईआईटी कानपुर के साथ मिलकर विकसित RAGBOT/ECOP जैसे प्लेटफॉर्म का उद्देश्य पुलिस के हजारों आधिकारिक सर्कुलर और आदेशों को हिंदी-अंग्रेजी में तुरंत खोज योग्य बनाना है.
अरविंद शर्मा