30 साल पहले लापता पिता का अब आंगन में दबा मिला कंकाल, खुदाई के बाद पुलिस भी रह गई दंग

यूपी के हाथरस में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. 30 साल पहले लापता एक शख्स का कंकाल में अब उसी के आंगन में दबा हुआ मिला है. मृतक के छोटे बेटे की शिकायत पर जब पुलिस ने खुदाई की तो सभी हैरान रह गए. शिकायत करने वाले ने कहा कि उसके दो बड़े भाइयों ने पिता की हत्या कर शव को आंगन में ही दफना दिया था.

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यह मेटा एआई जेनरेटेड सांकेतिक तस्वीर है यह मेटा एआई जेनरेटेड सांकेतिक तस्वीर है

aajtak.in

  • हाथरस,
  • 27 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 9:28 PM IST

यूपी के हाथरस में उस वक्त हड़कंप मच गया जब गांव में एक घर के आंगन में लगभग 30 साल पुराना मानव कंकाल मिला. जमीन के अंदर से कंकाल मिलने के बाद बाद मृतक के सबसे छोटे बेटे ने आरोप लगाया कि उसके दो भाइयों ने अपने पिता की हत्या कर दी थी और शव को घर में छिपा दिया था. शिकायत दर्ज कराने वाले उनके बेटे पंजाबी सिंह के अनुसार, मृतक बुद्ध सिंह 1994 में लापता हो गए थे और फिर कभी नहीं मिले.

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छोटे बेटे ने लगाया बड़े भाइयों पर हत्या का आरोप

न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक हाथरस के मुरसान थाना क्षेत्र के अंतर्गत गिलौंदपुर गांव में ये कंकाल बरामद किया गया था. परिवार के सबसे छोटे बेटे ने हाथरस के जिला मजिस्ट्रेट रोहित पांडे के ऑफिस में शिकायत दर्ज कराई कि उसके पिता की 30 साल पहले हत्या कर दी गई थी और उनके दो बड़े भाइयों और गांव के एक शख्स ने उन्हें  घर में दफनाया था.

डीएम पांडे के आदेश के बाद गुरुवार रात करीब 9 बजे हाथरस पुलिस की मौजूदगी में खुदाई का काम शुरू हुआ जिसके बाद कंकाल मिला. शुक्रवार को, एसएचओ (मुरसान) विजय कुमार सिंह ने कहा कि शिकायतकर्ता पंजाबी सिंह ने अपने पिता बुद्ध सिंह की हत्या के बारे में हाथरस जिला मजिस्ट्रेट के कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी.

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खुदाई में निकला कंकाल

अधिकारी ने बताया, 'सबसे छोटे बेटे ने बताया कि उसके पिता बुद्ध सिंह की उसके दो बड़े भाइयों और गांव के एक अन्य व्यक्ति ने मिलकर हत्या कर दी थी.' उन्होंने कहा, पंजाबी सिंह नौ साल के थे जब उनके पिता की मौत हो गई थी. थाना प्रभारी ने बताया कि पंजाबी सिंह की शिकायत के आधार पर गुरुवार को मामले में डीएम के आदेश के बाद उनके घर पर खुदाई का काम किया गया था.

उन्होंने कहा, 'खुदाई के दौरान उनके घर में एक कंकाल मिला, जिसके बाद उसे पोस्टमॉर्टम और डीएनए परीक्षण के लिए भेजा गया.' उन्होंने कहा, 'अभी तक कोई  शिकायत दर्ज नहीं की गई है. डीएनए रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.'

उस वक्त सिर्फ 9 साल का था शिकायकर्ता

रिपोर्ट के मुताबिक बुद्ध सिंह किसान थे और उनकी पत्नी का नाम उर्मिला था. इस दंपति के चार बेटे थे - प्रदीप, मुकेश, बस्तीराम और पंजाबी सिंह. साल 1994 में बुद्ध सिंह अपने घर से लापता हो गये थे और फिर कभी नहीं मिले. शिकायतकर्ता उनका बेटा जो अब 39 साल का है उसने 30 साल पहले अपने पिता और बड़े भाइयों के बीच हुए विवाद के बारे में बताया. 

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उन्होंने कहा कि जून 1994 में उनकी अपने बड़े भाइयों के साथ बहस हुई थी, इस दौरान पंजाबी सिंह को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी थी. फिर उसे अपने पिता के लापता होने में अपने भाइयों का हाथ होने का संदेह हुआ.  उसने अपनी शिकायत में उस स्थान का भी जिक्र किया जहां उसे पिता को दफनाए जाने को लेकर शंका थी.

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