उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) का जन्मदिन 5 जून को होता है. वैसे योगी आदित्यनाथ ख़ुद अपना जन्मदिन मनाने में यकीन नहीं रखते हैं. सबसे लंबे वक्त तक यूपी के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य कर रहे हैं. उनकी जीवन शैली को लेकर भी लोगों में ख़ास कौतूहल रहता है. योगी आदित्यनाथ प्रभावी प्रशासक, सफल योजनाकार और सुशासन के पर्याय होने के साथ राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष और शक्तिशाली राजनेता माने जाते हैं.
सीएम योगी बीजेपी के अंदर नई पीढ़ी के नेताओं में सर्वस्वीकार्य और करिश्माई नेता हैं. उनके कार्यकाल में श्रीराम का दिव्य और भव्य मंदिर का निर्माण हुआ है. उनके शासनकाल में यूपी की पहचान एक ऐसे राज्य की बनी है, जो विकास की तेज रफ्तार पकड़ना चाहता है. स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनकी कई मौकों पर तारीफ कर चुके हैं और ज्यादातर भारतीय उनमें देश का भावी प्रधानमंत्री देखते हैं.
हिंदुत्व के मुद्दे पर योगी आदित्यनाथ की मुखर साफगोई उन्हें अन्य नेताओं से अलग खड़ा करती है. उन्होंने जिस तरह से 2025 के महाकुंभ का सफल आयोजन किया वह उनके नेतृत्व क्षमता को दर्शाता है. योगी शासन में उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार, अपराध और माफियागिरी के खात्मे का सिलसिला जारी है.
योगी आदित्यनाथ की दिनचर्या...
सीएम योगी आदित्यनाथ की दिनचर्या के बारे में लोग जानना चाहते हैं. वे चाहे लखनऊ में रहें या गोरखमठ में वे सुबह चार बजे उठ जाते हैं. नित्य क्रिया के बाद वे एक घंटा पूजा पाठ करते हैं. अपने आराध्य गुरु गोरखनाथ से लेकर गुरु अवैद्यनाथ की पूजा के साथ शिव और शक्ति की पूजा करते हैं. वे जब गोरखपुर मठ में होते हैं, तो पूजा के बाद एक घंटे का समय वे गौशाला में बिताते हैं. अपने हाथ से गायों को वे गुड और चारा खिलाते है, उनकी गौशाला में 500 से ज्यादा गाय हैं. हाल में पुंगनूर नस्ल की गाय गोरखनाथ मंदिर की गोशाला लाई गई हैं. योगी ने बछिया का नाम भवानी रखा, तो बछड़े का नाम भोलू रखा. वह जब भी गोरखनाथ मंदिर में होते हैं तो गोसेवा उनकी दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा रहती है.
तंत्र-मंत्र में भरोसा नहीं, शिव और शक्ति के उपासक हैं योगी
योगी आदित्यनाथ भगवान शिव और शक्ति के उपासक हैं. वे हर सोमवार को शिव शक्ति का पूजन और हवन जरूर करते हैं. गोरखमठ के प्रथम तल पर जहां उनका निवास है, वहीं पर उनका पूजा घर भी है. योगी आदित्यनाथ सात्विक पूजा पाठ करते हैं. वे किसी भी तरह के तंत्र मंत्र में विश्वास नहीं रखते हैं. साधु संतों के बारे सामान्य रूप से कहा जाता है कि वे तंत्र मंत्र में लगे रहते हैं साथ ही भांग और दूसरे नशे में भी लिप्त रहते हैं लेकिन योगी आदित्यनाथ का जीवन किसी भी तरह के नशे या तंत्र मंत्र से कोसो दूर हैं. गोरखमठ में किसी भी तरह का नशा और तंत्र मंत्र निषेध है.
योगी आदित्यनाथ का रहन सहन और भोजन
सीएम योगी सुबह सबसे पहले गुड़ और तुलसी का काढ़ा पीते हैं. लेखक भी जब कई बार गोरखमठ में रुका तो उसे सुबह गुड़ और तुलसी का काढ़ा पीने को मिला. सुबह का नाश्ता 8.30 बजे से 9 बजे के बीच में करते हैं. वे नाश्ते में सबसे पहले फल खाते हैं और उसके बाद दलिया, छाछ या ताजा जूस पीना पसंद करते हैं. सीएम योगी को चाय और कॉफी से दूर रहते हैं. ज्यादा दूध, जूस, काढ़ा और छाछ पीना पसंद है.
योगी आदित्यनाथ रात का भोजन 8 बजे करते हैं. रात के भोजन में रोटी, मासूमी सब्जी और दाल खाते हैं. भोजन के बाद वे आंवले का मुरब्बा के साथ दूध पीते हैं. योगी आदित्यनाथ के जब गोरखमठ में होते हैं, तो वहां मठ की रसोई में बना खाना खाते हैं. मठ की रसोई में सुबह शाम 2000 से ज्यादा लोगों का भोजन बनता है. योगी शाकाहारी हैं, जो सात्विक भोजन का सेवन करते हैं. वह मांसाहार या प्याज-लहसुन आदि से बने व्यंजन छूते तक नहीं हैं.
योगी आदित्यनाथ के भगवा कपड़े और रहन सहन...
योगी आदित्यनाथ के आसपास पूरी तरह से भगवा रंग दिखता है. वे जिस कमरे में सोते हैं, वहां बिस्तर से लेकर कारपेट तक भगवा होता है. मीटिंग हाल से लेकर कार्यालय तक की कुर्सियां और सोफे भगवा रंग में हैं. योगी आदित्यनाथ के पास लगभग दस जोड़ी कपड़े हैं. वह भगवा रंग का अचला और कुर्ता पहनते हैं. उनके सभी कपड़े टेलर बुद्धिराम भारती के यहां गोरखनाथ में सिले जाते हैं. उनके कपड़े लालचंद धोबी के यहां धुले जाते हैं. वह एक कपड़ा एक दिन पहनते हैं. उनका साफा, कुर्ता और दुपट्टे के लिए 2.5 मीटर कपड़ा लगता है.
सीएम योगी के कपड़े की कीमत 600 से लेकर 2500 रुपए मीटर तक की होती है. उनके लिए बनने वाले कुर्ते के कपड़े की कीमत 1000 रुपए मीटर तक होती है. आदित्यनाथ के बाल भागवत शर्मा नामक नाई बनाता है. कभी वह सप्ताह में ही बाल छिलवा लेते हैं तो कभी पंद्रह दिन में साफ़ कराते हैं.
26 साल की उम्र में पहली बार बने सांसद
योगी गोरखनाथ मंदिर के महंत और हिंदू युवा वाहिनी के संस्थापक हैं. 26 साल की उम्र में 1998 में पहली बार गोरखपुर से लोकसभा के सांसद बने. पांच बार उन्होंने गोरखपुर का प्रतिनिधित्व किया. 19 मार्च 2017 में योगी आदित्यनाथ को बीजेपी ने देश के सबसे बड़े सियासी सूबे उत्तर प्रदेश का मुखिया बनाया. साल 2022 में वह फिर चुनाव जीते और मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का असली नाम अजय मोहन सिंह बिष्ट है. उनका जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के यमकेश्वर ब्लॉक के एक छोटे से गांव पंचूर में हुआ, उनके पिता का नाम आनंद सिंह बिष्ट हैं. वह वन विभाग से रेंजर के पद से रिटायर हुए और उनका कुछ समय पहले ही निधन हुआ है.
योगी आदित्यनाथ की माता सावित्री देवी अपने बच्चों के साथ गांव में ही रहती हैं. योगी चार भाई और तीन बहनों में दूसरे नंबर के भाई हैं. उनके दो भाई कॉलेज में नौकरी करते हैं, जबकि एक भाई सेना की गढ़वाल रेजिमेंट में सूबेदार हैं. उन्होंने अपनी अधिकतर पढाई घर से बाहर रहकर ही की थी. कक्षा 9 में वह इंटर कालेज चमकोटखाल के हॉस्टल में रहकर पढ़ाई किया करते थे. साल 1990 में ग्रेजुएशन की पढ़ाई करते हुए योगी आदित्यनाथ ‘अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद’ से जुड़े. सन् 1992 में श्रीनगर डिग्री कॉलेज से योगी आदित्यनाथ ने गणित में बीएससी की परीक्षा पास की.
मंजीत नेगी