क्या आपने कभी सुना या देखा है बिना यात्री का रेलवे स्टेशन? आइए हम आपको दिखाते हैं बिना यात्री का रेलवे स्टेशन. अम्बेडकरनगर जनपद का कटहरी रेलवे स्टेशन पिछले लगभग चार साल से अधिक समय से यात्रीविहीन है. इस स्टेशन पर यात्री नहीं आते, लेकिन रेलवे का पूरा सिस्टम काम करता है.
यहां स्टेशन अधीक्षक समेत सभी जरुरी स्टाफ की भी तैनाती है. यहां से हर दिन दर्जनों ट्रेनें गुजरती हैं. बस अगर कोई नहीं है तो वो है सिर्फ यात्री. हैरानी की बात तो यह है कि कटहरी में विधानसभा का उपचुनाव हो रहा है, और यह भी एक चुनावी मुद्दा बन रहा है.
कोरोना महामारी ने कटहरी रेलवे स्टेशन को किया यात्रीविहीन
कटहरी का रेलवे स्टेशन कटहरी बाजार से सटा हुआ है, लेकिन कभी स्थानीय यात्रियों से गुलजार रहने वाला कटहरी स्टेशन आज वीरान पड़ा हुआ है. इसके पीछे कारण है वर्ष 2019-2020 में आई कोरोना महामारी. दरअसल, जब कोरोना महामारी के दौरान वर्ष 2020 मार्च महीने में जब पूरे देश में लॉकडाउन घोषित किया गया, और तब देश की सभी ट्रेनों का संचालन बंद कर दिया गया था.
लॉकडाउन समाप्त होने के बाद भी सभी ट्रेनों का संचालन सामान्य हो गया. मगर कटहरी रेलवे स्टेशन इससे अछूता रह गया. हालांकि, इस स्टेशन पर महज एक ट्रेन ही रूकती थी उसका नाम था बालामऊ वाराणसी पैसेंजर ट्रेन, जो मुगलसराय तक जाती थी. यही एक ट्रेन यहां के लोगों के लिए यात्रा करने का सबसे बड़ा और सस्ता साधन था.
लगभग 20 हजार की आबादी का है कटहरी बाजार क्षेत्र
अम्बेडकरनगर का कटहरी बाजार अयोध्या आजमगढ़ सड़क के मुख्य मार्ग पर स्थित है. कटहरी बाजार प्रतापपुर चमुर्खा ग्राम सभा क्षेत्र में आता है. प्रतापपुर चमुर्खा ग्राम सभा अम्बेडकरनगर जनपद की सबसे बड़ी ग्राम सभा है. मार्च 2020 से पहले कटहरी क्षेत्र के लोगों के लिए ट्रेन का संचालन कहीं भी आने जाने के लिए सबसे बड़ा और सस्ता साधन था, लेकिन जब से यहां ट्रेनों का संचालन बंद हुआ तब से स्थानीय लोगों को कहीं भी आने जाने के लिए कठिनाई का सामना करना पड़ता है.
लोगों को सड़क मार्ग से ही यात्रा करना पड़ता है, जो ट्रेन से महंगा पड़ता है. कटहरी बाजार के स्थानीय व्यापारियों राहुल अग्रहरि और रोहित सिंह से जब इस मामले पर बात की गई, तो उन्होंने बताया कि कटहरी से ट्रेनों का संचालन बंद होने न सिर्फ व्यापारियों को दिक्कत का सामना करना पड़ता है, बल्कि अयोध्या दर्शन पूजन करने जाने वाले पूरे कटहरी क्षेत्र के श्रद्धालुओं को भी कठिनाई होती है.
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अधिकारियों और नेताओ से गुहार के बाद भी समस्या ज्यों की त्यों
कटहरी रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों के ठहराव को लेकर स्थानीय लोगों ने हर चौंखट पर अपनी फरियाद लगाई, लेकिन आज भी समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है. स्थानीय लोगों वर्तमान और पूर्व सांसदों विधायकों रेलवे के अधिकारियों से कटहरी स्टेशन पर ट्रेनों के ठहराव को लेकर प्रार्थनापत्र दे चुके हैं.
चार साल बाद भी कोरोना महामारी के पहले यहां रुकने वाली एक अदद ट्रेन बालामऊ वाराणसी पैसेंजर का ठहराव नहीं हो पाया. पहले यह रेल ट्रैक सिंगल का और अब न सिर्फ इसका दोहरीकरण के साथ साथ विद्युतीकरण भी हो गया है लेकिन अगर पिछले चार सालों में कुछ नहीं हुआ है तो वह है कटहरी रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों का संचालन.
के के पाण्डेय