लंबे इंतजार के बाद अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है. लाखों-करोड़ों रामभक्तों का सपना पूरा होने जा रहा है. इस बीच यूपी के उन्नाव जिले में रहने वाले लक्ष्मीस्वरूप ब्रह्मचारी उर्फ फलाहारी बाबा सुर्खियों में हैं. उन्हें राम मंदिर आंदोलन के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया था. जेल में रहने के दौरान उन्होंने प्रण लिया था कि जब तक प्रभु श्रीराम का मंदिर नहीं बन जाएगा वो केवल फल खाकर जीवित रहेंगे. पिछले 34 सालों से वो फलों पर निर्भर हैं. इसीलिए उन्हें फलाहारी बाबा के नाम से भी पुकारा जाता है.
अभी फलाहारी बाबा फतेहपुर चौरासी ब्लॉक के जाजामऊ गांव में रह रहे हैं. यहां उन्होंने फूलमती मंदिर बनवाया हुआ है. बाबा ने अयोध्या में राम मंदिर बनने तक अन्न ग्रहण ना करने का संकल्प लिया था. पिछले 34 सालों से वो फल खाकर जीवन व्यतीत कर रहे हैं. अब उनकी प्रतिज्ञा पूरी होने के समय आ गया है. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद फलाहारी बाबा अन्न ग्रहण करेंगे.
13 साल की उम्र में लिया था वैराग्य
बाबा ने 13 साल की उम्र में वैराग्य ले लिया था. फिर पास के गांव लोनारपुर स्थित मां भुवनेश्वरी पीठ के दंडी स्वामी देवाश्रम के शिष्य बन गए थे. 1988 में वह बजरंग दल के ब्लॉक संयोजक भी बने.
1989 में हुए थे गिरफ्तार
बाबा ने बताया कि 12 अक्टूबर 1989 को पुलिस ने उन्हें सुबह गिरफ्तार किया था. इसके बाद अगले दिन उनको रायबरेली जेल भेज दिया था. आरोप लगाया गया कि मैं रायबरेली क्रॉसिंग पर मस्जिद गिराने जा रहा था, जो कि झूठ था.
जेल में ही लिया प्रण
तब उन्होंने 17 अक्टूबर को जेल में ही प्रण लिया था कि जब तक अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण और रामलला विराजमान नहीं होंगे, वह अन्न का एक दाना भी ग्रहण नहीं करेंगे. फिलहाल, बाबा ने फूलमती मंदिर परिसर में ही भगवान श्री राम का मंदिर बनवाया है और जिस दिन अयोध्या में श्रीराम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी उसी दिन यहां भी श्री राम की मूर्ति की स्थापना होगी.
बाबा के अनुसार 22 जनवरी को वह अयोध्या नहीं जा पा रहे हैं. इसलिए केवल यहां अन्न के रूप में पंजीरी का प्रसाद चखेंगे. लेकिन बाद में वह अयोध्या जाएंगे और श्री राम के पूजन, दर्शन के बाद विधिवत रूप से अन्न ग्रहण करेंगे.
मंदिर दर्शन के बाद अन्न ग्रहण करेंगे
लक्ष्मीस्वरूप ब्रह्मचारी उर्फ फलाहारी बाबा के मुताबिक, यह भगवान द्वारा बनाया गया संयोग है जिस मुहूर्त में अयोध्या में प्रभु का भोग लगेगा उसी समय मेरे मंदिर में भी भोग लगेगा. फिर मैं उस भोग का प्रसाद अपनी जीभ पर रखूंगा. लेकिन ग्रहण तभी करूंगा जब अयोध्या जाऊंगा.
फलाहारी बाबा के भाई रामशंकर अग्निहोत्री ने कहा कि बाबा बचपन से ही सात्विक आचार-विचार के हैं. उन्होंने विवाह करने से इनकार कर दिया था. महात्माओं के संग रहने लगे थे. जब राम मंदिर आंदोलन चालू हुआ तो एक दिन रात में पुलिस उन्हें उठा ले गई थी. कई दिनों तक रायबरेली जेल में रखा. वहीं, बाबा ने अन्न त्याग दिया था. अब राम मंदिर निर्माण और रामलला के दर्शन के बाद अन्न ग्रहण करेंगे.
विशाल सिंह चौहान