कानपुर: 'मां और दिल' टैटू से खुला गैंगस्टर की हत्या का राज, 8 महीने बाद पत्नी ने फोटो से की शिनाख्त, भांजा समेत 4 गिरफ्तार

शाहजहांपुर जिले के गैंगस्टर अभिषेक की हत्या दिसंबर 2024 में कानपुर में हुई थी. उसकी बॉडी 27 दिसंबर को अरमापुर नहर से मिली. कानपुर पुलिस ने शिनाख्त न होने पर लाश का निस्तारण कर दिया. अगस्त 2025 में अभिषेक की पत्नी शालू ने सोशल मीडिया पर बॉडी की फोटो देखकर उसे पहचान लिया. पहचान उसके हाथ में बने टैटू से हुई.

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शाहजहांपुर के गैंगस्टर अभिषेक की हत्या का खुलासा (Photo: ITG) शाहजहांपुर के गैंगस्टर अभिषेक की हत्या का खुलासा (Photo: ITG)

रंजय सिंह

  • कानपुर ,
  • 18 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 10:49 AM IST

कभी-कभी छोटे-छोटे सुराग बड़े अपराधों का राज खोल देते हैं. शाहजहांपुर के गैंगस्टर अभिषेक की हत्या का खुलासा उसके हाथ पर बने “मां और दिल” टैटू से हुआ. 8 महीने तक लावारिस मानकर रखी गई लाश की पहचान आखिरकार पत्नी ने इसी टैटू से की. आइए जानते हैं पूरी कहानी...

आपको बता दें कि शाहजहांपुर जिले के गैंगस्टर अभिषेक की हत्या दिसंबर 2024 में कानपुर में हुई थी. उसकी बॉडी 27 दिसंबर को अरमापुर नहर से मिली. कानपुर पुलिस ने शिनाख्त न होने पर लाश का निस्तारण कर दिया. अगस्त 2025 में अभिषेक की पत्नी शालू ने सोशल मीडिया पर बॉडी की फोटो देखकर उसे पहचान लिया. पहचान उसके हाथ में बने टैटू से हुई. हत्या उसके ही भांजे अभय, दोस्त कुलदीप, भाई युवराज और अजीत ने की थी. हत्या का कारण कुलदीप की प्रेमिका से छेड़छाड़ बताया गया.

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कानपुर पुलिस ने दिसंबर 2024 में अरमापुर नहर से लावारिस बॉडी बरामद की थी. पहचान न होने पर बॉडी का निस्तारण कर दिया गया, लेकिन 14 अगस्त 2025 को शालू ने सोशल मीडिया पर फोटो देखी और हाथ में बने टैटू से अपने पति की पहचान की. 

फरारी काटते वक्त हुई हत्या

अभिषेक शाहजहांपुर में हत्या के एक केस में वांटेड था और 50 हजार का इनामी था. फरारी काटने वह अपने भांजे अभय के पास कानपुर आया. अभय ने उसे दोस्त कुलदीप के घर रुकवाया. यहीं पर अभिषेक ने कुलदीप की प्रेमिका से छेड़छाड़ की, जिससे नाराज होकर कुलदीप ने हत्या कर दी. 

बॉडी बोरी में भरकर नहर में फेंकी

हत्या 15 दिसंबर की रात हुई. कुलदीप ने अभय, युवराज और अजीत के साथ मिलकर बॉडी को बोरी में भरा और अरमापुर नहर में फेंक दिया. पुलिस ने पोस्टमार्टम में हत्या की पुष्टि की थी, लेकिन पहचान न होने से मामला अटका रहा. मगर अब टैटू से राज खुल गया है. एडीसीपी कपिल देव सिंह ने बताया कि टैटू की पहचान से केस की गुत्थी सुलझी. फिलहाल, चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. 

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