'रोज की बेइज्जती से थक गया हूं, अब...', आगरा में SBI क्लर्क के लापता होने से हड़कंप, पत्र में सीनियर पर लगाए गंभीर आरोप

लापता होने से पहले एसबीआई के क्लर्क सुरेंद्र पाल सिंह ने एक पत्र लिखकर अपने ऊपर बैंक में हो रहे मानसिक उत्पीड़न, अपशब्दों और बेइज्जती का दर्द बयां किया था. सुरेंद्र इस पत्र को अपने भांजे के हाथों में थाम कर कहीं चले गए हैं. पुलिस उनकी तलाश में जुटी है. परिजन किसी अनहोनी की आशंका से डरे सहमे हैं.

Advertisement
आगरा में एसबीआई के वरिष्ठ क्लर्क सुरेंद्र पाल सिंह (Photo: ITG) आगरा में एसबीआई के वरिष्ठ क्लर्क सुरेंद्र पाल सिंह (Photo: ITG)

अरविंद शर्मा

  • आगरा ,
  • 21 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 5:12 PM IST

उत्तर प्रदेश के आगरा में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की छीपीटोला स्थित हाउसिंग लोन शाखा के वरिष्ठ क्लर्क सुरेंद्र पाल सिंह (40) के लापता होने से हड़कंप मच गया. लापता होने से पहले उन्होंने एक पत्र लिखकर अपने ऊपर बैंक में हो रहे मानसिक उत्पीड़न, अपशब्दों और बेइज्जती का दर्द बयां किया था. सुरेंद्र पाल सिंह लिखे पत्र को अपने भांजे के हाथों में थाम कर चले गए हैं. जाते-जाते उन्होंने भांजे से कहा था कि- 'दवा लेने जा रहा हूं...' फिलहाल, सुरेंद्र पाल सिंह के परिजन आज पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार से मिले और उन्हें अपनी पीड़ा बताई. 

Advertisement

पत्र में क्या लिखा?

18 अगस्त को लिखे गए इस पत्र में सुरेंद्र पाल सिंह ने कहा– "अब मैं और अपशब्द, गाली-गलौज नहीं सुन सकता. रोज की बेइज्जती से बहुत परेशान जो चुका हूं." इस पत्र में उन्होंने एजीएम (महाप्रबंधक) विक्रम कुमार धेजा पर आरोप लगाया कि वे स्टाफ व ग्राहकों के सामने उन्हें बेइज्जत करते हैं. 

पाल ने आगे लिखा कि उन पर झूठे आरोप लगाए जाते हैं, ट्रांसफर की धमकी दी जाती है और वे पहले से ही गंभीर बीमारियों (हाईपरटेंशन, एंग्जाइटी, सर्वाइकल व स्लिप डिस्क) से जूझ रहे हैं. यहां तक कि वेतन रोकने और शाखा में उनकी पोस्टिंग पर सवाल उठाने जैसी बातें पत्र में दर्ज हैं. 

पत्र के अंत में उन्होंने लिखा – "अब मेरी मानसिकता जवाब दे चुकी है. इसके आगे क्या करूंगा, मुझे नहीं पता. अगर कुछ हुआ तो जिम्मेदार एजीएम विक्रम कुमार धेजा होंगे."

Advertisement

परिजनों के आरोप

परिजनों का कहना है कि दो दिन बाद भी उनका कोई सुराग नहीं मिला. पुलिस थाने में सुरेंद्र से संबंधित फिर दर्ज कर ली गई है. इस मामले में परिजन गुरुवार को पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार से भी मिले और उन्होंने दीपक कुमार को आपबीती सुनाई. परिजनों ने सोशल मीडिया पर भी अपील की है. 

सुरेंद्र पाल सिंह गांव सैमरी, देवरी रोड के निवासी हैं. उनके छोटे भाई मनोज पाल सिंह भी गुजरात में बैंक में कार्यरत हैं. यह मामला बैंक कर्मचारियों के मानसिक उत्पीड़न और कार्यस्थल पर तनाव के गंभीर पहलू को उजागर करता है. डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने फोन पर मौखिक रूप से बताया है कि इस संबंध में थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और जांच कार्यवाही चल रही है. 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement