यूपी की मुरादाबाद लोकसभा सीट से सपा सांसद डॉक्टर एसटी हसन ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि हमारा देश रंग-बिरंगे फूलों का गुलदस्ता है. जब देश आजाद हुआ था, उस वक्त कानून बना था और कहा गया था कि हर इंसान को अपने मजहब को फॉलो करने और अपने धर्म को प्रमोट करने की भी इजाजत होगी. यह संविधान में लिखा हुआ है.
सांसद एसटी हसन ने कहा कि हम शरीयत के कानून अगर अपने ऊपर लागू कर रहे हैं तो किसी को तकलीफ क्यों है. इस्लाम वो पहला धर्म है, जिसमें महिलाओं को उनकी पैतृक संपत्ति पर अधिकार दिया था. जहां तक सवाल है दूसरी शादी नहीं कर सकते तो पूछता हूं, अगर किसी की पत्नी बीमार है या किसी के बच्चे पैदा नहीं होते तो पत्नी की इजाजत से दूसरी शादी करने में क्या तकलीफ है.
'अगर इनको खत्म करेंगे तो जबरदस्त विरोध करेंगे'
सपा सांसद ने आगे कहा, आपने (सरकार) हमारे देश के अंदर बेहयाई को आम कर दिया है. आपने लिव इन रिलेशनशिप होमोसेक्सुअलिटी को संवैधानिक दर्जा दे दिया, तो किस मुंह से कह सकते हैं कि दूसरी शादी मत करो. 'मेरा ही ऑब्जेक्शन है कि हम मुसलमान कुराने को फॉलो करते हैं. इससे किसी को कोई तकलीफ नहीं है. यह हमारे पर्सनल लॉ हैं. अगर इनको खत्म करेंगे तो इसका जबरदस्त विरोध करेंगे'.
यूनिफॉर्म सिविल कोड नहीं, 2024 की तैयारी है
उन्होंने कहा कि यह यूसीसी नहीं, 2024 की तैयारी है. कैसे देश में हिंदू-मुसलमान के बीच दरारें पैदा करें, इसकी होड़ मची हुई है. कौन कितना मुसलमानों को टॉर्चर कर लेगा, उसी हिसाब से बीजेपी में वो उतना ही बड़ा नेता बनता है. यह बात मुसलमानों को अच्छी तरीके से समझ में आ गई है.
जगत गौतम